राजनांदगांव : ट्रैफिक सिग्नल के अभाव में बिगड़ती यातायात व्यवस्था, आये दिन आम नागरिक हो रहे हैं दुर्घटना के शिकार- गगन आईच….

राजनांदगांव- स्थानीय क्रिस्चन हॉस्पिटल आरके नगर चौक में ट्रैफिक सिग्नल नहीं है। इससे लगातार दुर्घटना की समस्या और गहरा रही है। आये दिन कोई ना कोई हादसे के शिकार हो रहे हैं, सिग्नल लगाए जाने से बहुत हद तक आये दिन हो रहे दुर्घटना और ट्रैफिक व्यवस्था को कंट्रोल किया जा सकता है।

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पार्षद गगन आईच ने बताया कि सबसे गौर करने वाली बात यह है कि जिला मुख्यालय के अधिकतर आला अफसर जिसमें कलेक्टर, एसपी कमिश्नर सहित तमाम न्यायाधीश महोदय इसी क्षेत्र में निवासरत है और इसी चौराहे से उन्हें प्रतिदिन गुजरना होता है किंतु इस चौराहे में आज तक एक ट्रैफिक सिग्नल नहीं लग पाया है, यहाँ पर अक्सर यातायात व्यवस्था बेकाबू हो जाती है। चुंकि राष्ट्रीय राजमार्ग होने की वजह इस चौक पर यातायात का दबाव अधिक होता हैं प्रतिदिन यहाँ से हजारों मोटर साइकिल, कार, ट्रक व मालवाहक वाहन गुजरती है।

इसको लेकर ट्रैफिक सिग्नल बहुत जरूरी है जिसकी वजह से लोग ट्रैफिक की समस्या से आए दिन जूझ रहे हैं, और दुर्घटना के शिकार भी हो रहे है । उन्होंने आगे बताया कि इस चौक पर ट्रेफिक सिग्नल लगाने को लेकर प्रशासन को कई बार अवगत किया जा चूका हैं किंतु ट्रैफिक नियंत्रण की दिशा में प्रशासन की ओर से अब तक कोई सार्थक कदम नहीं उठाए गए। इससे आमजन परेशान हैं। इस व्यस्ततम चौराहे पर ट्रैफिक सिग्नल की जरूरत महसूस की जा रही है l

नगर निगम के वार्षिक बजट में शहर के प्रमुख चौक – चौराहे में ट्रैफिक सिग्नल लगाने को लेकर प्रस्ताव भी लाया जा चूका हैं लेकिन वह प्रस्ताव फाइलों में ही बंद है। ट्रैफिक सिग्नल लगाने की सिर्फ चर्चा बस होती है l यातायात विभाग द्वारा चौक में ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी तैनात की जाती हैं लेकिन यह नाकाफी साबित हो रही हैं l

प्रेशर हॉर्न लगाकर हुड़दंगी युवा करते हैं लोगो को परेशान-
यातायात विभाग द्वारा यदा-कदा प्रेशर फार्म को लेकर और साइलेंसर को लेकर कार्यवाही की जाती है पर युवा हुड़दंगीयो द्वारा शहर के व्यस्ततम मार्ग अंबेडकर चौक से बसंतपुर वीआईपी मार्ग में कतिपय शरारती तत्व लगातार लोगों को प्रेशर हॉर्न और साइलेंसर के माध्यम से अपनी दबंगई दिखाते रहते हैं यही हाल शहर का भी है पर पुलिस कार्यवाही करने के बाद शांत हो जाती है जबकि यह कार्रवाई लगातार जारी रखना चाहिए जिला पुलिस अधीक्षक निश्चित रूप से ऐसे मामले को संज्ञान लेकर शहर में ऐसे लोगों की पहचान कर ना ही सिर्फ कार्रवाई कर खानापूर्ति करना चाहिए बल्कि परिजनों को बुलाकर लिखित में माफीनामा भी लेना चाहिए।