राजनांदगांव : कोरोना काल के बाद पटरी पर उतरी लोकल-पैंसेजर ट्रेनें खाली ही दौड़ रही है। जबकि यात्रियों की परेशानी हो देखते हुए ही रेलवे छह लोकल ट्रेनों को स्पेशल ट्रेन के रूप में चला रही है। लगभग दर्जनभर लोकल व पैसेंजर ट्रेनों के पहिये अभी भी थमे हुए हैं।
इसके बाद भी ट्रेनें खाली ही दौड़ रही है। इसका कारण ट्रेन किराये में हुई बेतहाशा बढ़ोत्तरी को माना जा रहा है। लोकल ट्रेनों के किराये में तीन गुणा बढ़ोत्तरी हो गई है। इससे लोकल दूरी में सफर करने वाले यात्रियों को परेशानी हो रही हैं। यही वजह है कि पटरी में उतरी ट्रेनें खाली ही दौड़ रही है।
दिनभर में सौ से डेढ़ सौ यात्री
शहर के रेलवे स्टेशन में हर रोज पांच से सात हजार यात्री सफर किया करते थे। लेकिन वर्तमान में कोरोना काल के बाद पटरी पर आई पैसेंजर ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या डेढ़ से दो सौ हो गई है। यानी दिनभर में रायपुर-बिलासपुर, डोंगरगढ़ व अन्य स्टेशनों तक डेढ़ से दो सौ यात्री ही टिकट खरीद रहे हैं। शुरुआत के दो दिन तो केवल 40 से 50 यात्रियों ने ही टिकट खरीदा था।
किराये में रियायत की रखेंगे मांग
रेलवे वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष जितेंद्र काथरानी ने कहा कि पैसेंजर ट्रेनों में लोकल दूरी का किराया भी अधिक हो गया है। कम दूरी का किराया कम होना चाहिए था, लेकिन रेलवे ने न्यूनतम किराया ही 30 रुपये कर दिया है, जो लोकल दूरी में सफर करने वाले यात्रियों के लिए महंगा है। रेलवे सलाहकार समिति के जरिये मांग करेंगे कि कम दूरी वाले यात्रियों को राहत देने के लिए न्यूनतम किराये में और रियायत दी जाए।
SOURCE naidunia.com