
कबीर भजन गाते हुए बच्चों महिलाओं ने अपने सिर पर कलश रखकर किया गली भ्रमण

संत श्री त्रिलोकी दास साहेब ने किया वृक्षारोपण
राजनांदगांव। सोमनी समीपस्थ ग्राम खुटेरी मे कबीरपंथी साहू समाज एवं समस्त ग्रामवासियो के तत्वाधान मे 8 जून दिन रविवार को कबीर कुटी ग्राम खुटेरी में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी संत सम्राट सतगुरु कबीर साहेब की असीम कृपा से कबीर प्राकटय दिवस का आयोजन किया गया। परम पूज्य महंत श्री त्रिलोकी दास साहेब कबीर आश्रम पोटियाहीह जिला धमतरी छत्तीसगढ़ अपने संत मंडली के साथ सात्विक चौका आरती संपन्न किया। आयोजक समिति के हेमंत साहू पूर्व सरपंच ने बताया कि आज बच्चे महिलाओ अपने सिर पर कलश रखकर गली भ्रमण किया और आमीन माता महिला मंडल द्वारा कबीर भजन गाते हुए गली भ्रमण किया गया जिसे बड़ी संख्या में ग्रामीण जन शामिल हुए।

संत त्रिलोकी दास साहेब ने कहा कि साहेब की साहेबी सबके अंदर समाया है इसलिए सबको साहब कहते हैं,साहब शब्द अगर आप किसी की बंदगी करते हैं साहेब किसको कहते हैं तुलसीदास कहते हैं की साहेब सृष्टि के कर्णधार को साहेब, जो सबका नाथ है वह साहेब है वो साहब कैसे हैं बिना पैर, बिना आंख जब उसका विचार आए प्रगट होते हैं और विलुप्त हो जाते हैं सदा आनंद देता है वह साहेब है आना-जाना नहीं होता है जिसका जन्म मरण नहीं होता है उसे साहेब कहते हैं जिनका जन्म मरण होता है उसे भगवान कहते है. साहेब से पूछे धर्मदास जी धर्मदास मेरे आने का कारण है कि जीवन को दुखी देखकर आया हूं इस भवसागर में जीव दुखी है इसलिए मैं आया हूं जिस समय साहेब जी आए उस समय हिंदू मुस्लिम में लड़ाई खूब चल रही थी मेरा निवास तो सतलोक है काशी के लहर तालाब में जब प्रकट हुआ उस समय चारों तरफ प्रकाश की प्रकाश फैल गया उसे समय लहर तालाब के प्रकाश को अष्टानंद महाराज ने पहले देखा, जो प्रकाश को देखा वह उसने कहा कि वह परमात्मा है.
श्री साहेब ने आगे कहा कि नीमा और नीरू का पहली बार गौना लेकर नीमा को प्यास लगी तो लहर तालाब के पास रुक गए और वहां देखते हैं कि ज्योति स्वरूप कोई आवाज लग रहा है उसे समय साहेब ने कमल पुष्प में एक बालक के रूप में प्रकट हुए और कहा कि मैं ज्योति स्वरूप हूं बाल स्वरूप सतगुरु बोले सदगुरु कबीर साहेब इस कलिकाल में 14 बार आया हूँ श्री साहब ने आगे कहा कि नीमा और नीरू को पक्का विश्वास हो गया उसे अपने साथ घर जाने पर लोग क्या कहेगे के कई सवाल खडे हो गए।
संत त्रिलोकी दास साहेब ने आगे कहा की 7 दिन के जन्मे बछिया के थन से दूध निकाल जाए तो समझ लेना कि वहा परमात्मा है कलयुग में केवल उद्धार करने आए हैं उन्होंने कहा कि मौली पंडित के पास अपना नाम खुद घोषित किया कबीर, कबीर साहेब बचपन से ही शिक्षा देने लग गए छुआछूत को समाप्त किया सबके अंदर राम अल्लाह है हिंदू मुसलमान की झगड़ा को मिटाया,विश्व की महान गुरु है संत कबीर। हिंदू मुसलमान को अपना शिष्य बनाया। उन्होंने कहा जब हिंदू मुस्लिम कब्र से जब कबीर साहेब गए तो आधे हिस्से को हिंदू ले गए और उन्होंने मंदिर बनाए और मुस्लिम लोग मस्जिद बनाए। श्री संत त्रिलोकी दास साहेब ने आगे कहा की आज यहां से संकल्प लेकर जाएं की मैं सच्चा कबीरपंथी बनूगा कभी भी नशापन नहीं करूंगा यह संकल्प लेकर अपने जीवन को धन्य बनाए।
संत त्रिलोकी साहेब ने किया वृक्षारोपण
कबीर कुटी खुटेरी में आज संत त्रिलोकी साहेब ने आमीन माता महिला मंडल के साथ वृक्षारोपण किया और वृक्षों की रक्षा करने का संकल्प दिलाया।