इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में वर्तमान सत्र में लिखित परीक्षा नहीं होगी, आंतरिक मूल्यांकन एवं पूर्व प्रदर्शन के आधार पर होगा विद्यार्थियों का मूल्यांकन..

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रायपुर, 01 जून, 2020। नोवल कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लागू देशव्यापी लाॅकडाउन के परिपेक्ष्य में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर द्वारा संचालित स्नातक, स्नातकोत्तर और पी.एच.डी. पाठ्यक्रमों हेतु शैक्षणिक सत्र 2019-20 के द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा आयोजन पद्धति में वृहद परिवर्तन किये गए हैं। विश्वविद्यालय की विद्या परिषद द्वारा लिए गए निर्णय तथा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के आधार पर चालू सत्र में विद्यार्थियों का मूल्यांकन शिक्षकों द्वारा सैद्धान्तिक एवं प्रायोगिक विषयों में किये गए आन्तरिक मूल्यांकन तथा पिछले वर्षों में विद्यार्थी द्वारा किये गए प्रदर्शन के आधार पर करने का निर्णय लिया गया है।  

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कोविड-19 की वजह से देश भर में लागू विभिन्न चरणों के लाॅकडाउन के कारण कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित विभिन्न महाविद्यालयों में कक्षाएं 20 मार्च, 2020 से स्थगित हैं। इन परिस्थितियों में शैक्षणिक सत्र 2019-20 के द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षाओं के आयोजन के संबंध में विश्वविद्यालय के विद्या परिषद की आकस्मिक बैठक दिनांक 21 मई, 2020 को आयोजित की गई जिसमें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा परीक्षाओं के आयोजन के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों के आधार पर वर्तमान सत्र की परीक्षा आयोजन पद्धति में परिवर्तन करने का निर्णय लिया गया। विद्या परिषद द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार वर्तमान सत्र में विद्यार्थियों का मूल्यांकन कक्षा शिक्षकों द्वारा किए गए आन्तरिक मूल्यांकन के तहत किया जाएगा जिसमें इस सत्र के प्रारंभ से लेकर 16 मार्च 2020 तक की अवधि में संचालित कक्षाओं के दौरान हुए मिडटर्म, क्विज, अवरली टेस्ट एवं प्रैक्टिकल प्रमुख आधार होंगे। इसके साथ ही विद्यार्थी के पूर्व शैक्षणिक प्रदर्शन को भी मूल्यांकन में शामिल किया जाएगा। मूल्यांकन उपरान्त विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रोन्नत किया जाएग परन्तु यदि वह वर्तमान सत्र हेतु आयोजित मूल्यांकन में अनुत्तीर्ण हो जाते हंै तो उन्हें आगामी सत्र में उस विषय की परीक्षा में शामिल होकर उत्तीर्ण होना होगा। इसके अतिरिक्त यदि विद्यार्थी इस मूल्यांकन पद्धति से प्राप्त ग्रेड से असंतुष्ट रहते हैं तो उन्हें आगामी सत्र में उस विषय की परीक्षा में बैठकर ग्रेड सुधारने की पात्रता होगी।

इस मूल्यांकन पद्धति में विद्यार्थी को पुनर्मूल्यांकन एवं पुनर्गणना की पात्रता नहीं होगी। यह मूल्यांकन पद्धति समस्त पाठ्यक्रमों में केवल वर्तमान सत्र के लिए ही प्रभावी होगी। परीक्षा संबंधी शेष नियम यथावत रहेंगे। स्नातक, स्नातकोत्तर, पी.एच.डी. पाठ्यक्रमों हेतु वर्तमान शैक्षणिक सत्र में लागू मूल्यांकन पद्धति के संबंध में विस्तृत विवरण विश्वविद्यालय की वेबसाइट www.igau.edu.in पर उपलब्ध है। 

Lokesh Rajak

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