योजना क्रियान्वयन के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी
कवर्धा, 31 मई 2021। राज्य सरकार द्वारा राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत् खरीफ वर्ष 2021 से योजना के क्रियान्वयन के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए है। योजनान्तर्गत लाभ प्राप्त करने के इच्छुक किसानों को 01 जून से 30 सितंबर 2021 तक राजीव गांधी किसान न्याय योजना के पोर्टल ीजजचेध्ध्तहादल.बह.दपब.पद में पंजीयन कराना अनिवार्य होगा।
पोर्टल में प्रदर्शित प्रक्रिया के अनुसार ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा किसान के आवेदन एवं अभिलेखों का प्रारंभिक सत्यापन एवं परीक्षण किया जायेगा। आवेदन के सत्यापन उपरांत आवश्यक अभिलेखों के साथ पूर्ण रूप से भरे हुए आवेदन प्रपत्र संबंधित किसान साख सहकारी समिति में निर्धारित समयसीमा के भीतर जमा करना होगा। किसान को आवेदन के साथ आधार नंबर अनिवार्य रूप से देना होगा। आधार नंबर की गोपनीयता सुनिश्चित की जायेगी। यदि किसान के पास आधार नंबर नहीं है, तो उन्हें भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण में पंजीयन हेतु प्रोत्साहित किया जायेगा।
जिला स्तर पर कलेक्टर के मार्गदर्शन में कृषि विभाग द्वारा योजना क्रियान्वयित की जायेगी। सभी श्रेणी के भू-स्वामी एवं वन पट्टाधारी किसान योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु पात्र होंगे, लेकिन संस्थागत भू-धारक किसान और रेगहा, बटाईदार, पट्टेदार किसान पात्र नहीं होंगे। संबंधित मौसम में भूईयां पोर्टल में संधारित गिरदावरी के आंकड़े तथा किसान के आवेदन में अंकित फसल व रकबे में से जो भी कम हो, उसको आदान सहायता राशि की गणना के लिए मान्य की जायेगी। पात्रता निर्धारण करते समय कृषि भूमि सीलिंग कानून प्रावधानों का ध्यान रखा जाएगा। पंजीकृत किसान की मृत्यु हो जाने पर तहसीलदार के द्वारा परिवार के नामांकित व्यक्ति के नाम से आदान सहायता राशि प्रदान की जायेगी।
आवेदन पत्र में गलत जानकारी देने पर भू-राजस्व संहिता के प्रचलित प्रावधान अनुसार दी गई सहायता राशि को वसूल किया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि राजीव गांधी किसान न्याय योजनान्तर्गत प्रदेश के किसानों को खरीफ 2021 से धान के साथ खरीफ की मुख्य फसल मक्का, कोदो-कुटकी, सोयाबीन, अरहर तथा गन्ना उत्पादक कृषकों को प्रतिवर्ष 9 हजार प्रति एकड़ आदान सहायता राशि दी जायेगी। वर्ष 2020-21 में जिस रकबे से किसान द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय गया था, यदि वह धान के बदले कोदो-कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुंगधित धान अन्य फोर्टिफाईड धान, केला, पपीता लगाता है, अथवा वृक्षारोपण करता है तो उसे प्रति एकड़ 10 हजार रूपये आदान सहायता राशि दी जायेगी। वृक्षारोपण करने वाले किसान को यह राशि 3 वर्षो तक दी जायेगी।
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