कांकेर – 1971 के युद्ध में भारतीय सशस्त्र बलों की शानदार जीत के लिए वर्ष 2021 को स्वर्णिम विजय वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है, 50 साल पहले पाकिस्तानी सेना के 93 हजार सैनिकों ने सिर्फ 13 दिनों के युद्ध में भारतीय सशस्त्र बलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। 16 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रीय युद्ध स्मारक से 4 विजय मशाल जलाई गई और इन मशालों को 4 दिशाओं में देश के सभी हिस्सों में भेजा गया। स्वर्णिम विजय मशाल यात्रा 19 अक्टूबर को बस्तर संभाग के प्रवेश द्वार जिला मुख्यालय कांकेर पहुंचकर गांधी चौक से शहर के मुख्य मार्ग से होते हुए शासकीय नरहरदेव उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचा, जहॉ पर छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष श्री मनोज मण्डावी, कांकेर लोकसभा के सांसद श्री मोहन मण्डावी, संसदीय सचिव एवं कांकेर विधायक श्री शिशुपाल शोरी, जिला पंचायत कांकेर के अध्यक्ष श्री हेमन्त ध्रुव, नगर पालिका परिषद कांकेर के अध्यक्ष श्रीमती सरोज जितेन्द्र ठाकुर, पुलिस उप महानिरीक्षक श्री बालाजी राव, कलेक्टर श्री चन्दन कुमार, पुलिस अधीक्षक शलभ कुमार सिन्हा, भूतपूर्व सैनिक सुबेदार हेमंतसिंह, नायब सुबेदार प्यारेलाल सहित भूतपूर्व सैनिकों एवं नागरिकों द्वारा मशाल का भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर एनसीसी कैडेट, एनएसएस स्वयंसेवक, स्कूली छात्र-छात्राएं, अधिकारी-कर्मचारी और जिले के गणमान्य नागरिक बडी संख्या में उपस्थित थे। स्वर्णिम विजय मशाल यात्रा के स्वागत समारोह में सन् 1971 के युद्ध में भाग ले चुके झुनियापारा कांकेर निवासी भूतपूर्व सैनिक सुबेदार हेमंतसिंह ने अपने अनुभव साझा किये।
छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष श्री मनोज मण्डावी, सांसद श्री मोहन मण्डावी और संसदीय सचिव श्री शिशुपाल शोरी ने कार्यक्रम को संबोधित किया तथा देश की रक्षा में अपने जान की बाजी लगाने वाले सैनिकों को श्रद्धा सुमन अर्पित किये। कार्यक्रम में भूतपूर्व सैनिक सूबेदार हेमंत सिंह, नायब सूबेदार प्यारेलाल, हवलदार जयदेव चन्द्रपाल, नायक बिश्राम सिंह, श्रीमती स्वरूप बाला दास पति नायक के.पी. दास, श्रीमती ब्रिजदेवी पति गनर बहरोन, श्रीमती रामदुलारी नायक पति नायक एच.सी. नायक को शाल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर शासकीय नरहरदेव उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिदेसर और शासकीय भानुप्रतापदेव स्तातकोत्तर महाविद्यालय कांकेर के छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये गये।उल्लेखनीय है कि स्वर्णिम विजय मशाल के दक्षिणी मशाल 12 अक्टूबर 2021 को मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ में प्रवेश किया और चिल्फी और बमेतरा में भव्य स्वागत का आयोजन किया गया, उसके बाद मशाल को सीओएसए मुख्यालय में रखा गया।
13 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ के महामहिम राज्यपाल ने राजभवन में विजय मशाल और छत्तीसगढ़ के 1971 के युद्ध नायकों को सम्मानित किया। 14 अक्टूबर को डी डी यू ऑडिटोरियम में आर्मी बैंड संगीत कार्यक्रम का आयोजन छत्तीसगढ़ के 1971 के युद्ध के दिग्गजों के सम्मान में किया गया। 15 अक्टूबर को नया रायपुर से भिलाई तक मोटरसाइकिल रैली का आयोजन किया गया। 16 अक्टूबर को डी डी यू सभागार में गृह मंत्री ने छत्तीसगढ़ के 1971 के युद्ध के दिग्गजों को केन्द्र और राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में सम्मानित किया गया, 17 अक्टूबर को नया रायपुर में साइकिल रैली द्वारा विजय मशाल का सम्मान किया गया तथा 18 अक्टूबर मशाल को बिलासपुर ले जाया गया। सेना के एक स्रोत ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोगों ने सेना के माध्यम से कई और कार्यक्रमों का अनायास आयोजन किया है, हम प्रतिक्रिया से अभिभूत हैं। शासकीय नरहरदेव उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के एक स्कूली छात्र ने कहा, “हमें 1971 के युद्ध में जीत के बारे में पता चला और हमें भारतीय सेना और युद्ध नायकों के बारे में बहुत गर्व महसूस होता है“।
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