26 बैगा हितग्राहियो को 7 लाख की लागत से मनरेगा अंतर्गत कार्य स्वीकृत
निजी वन अधिकार पट्टे पर भूमि सुधार/मिटटी के फार्म बंड कार्यो की मिली स्वीकृति
खैरागढ़ खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा (PVTG) परिवारों के सामाजिक-आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। वर्तमान में जिले के विकासखंड छुईखदान में प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाभियान (PM-JANMAN) के तहत बैगा परिवारों एवं उनके सदस्यों को जरूरी चीजों जैसे पक्के आवास, बारहमासी सड़क एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध कराने के साथ उनकी आजीविका सुधार के सम्बंध में भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत बैगा परिवारों के आजीविका उन्नयन के लिए निरंतर हितग्राही मूलक कार्यो की स्वीकृति प्रदान की गयी।
इनमें भूमि सुधार/मिट्टी के फार्म बंड निर्माण, निजी डबरी एवं कुएं आदि प्रमुखता से स्वीकृत किए जा रहे हैं। इन कार्यो से हितग्राहियों को सीधा रोजगार मिलने के साथ-साथ परिसंपत्तियो का निर्माण भी हो रहा है। जो कि उन हितग्राहियों के लिए आजीविका वृद्धि में मदद कर रहे है। विकासखंड छुईखदान के ग्राम पंचायत सिंगारपुर में कुल 42 बैगा परिवार निवासरत है। ग्राम पंचायत सिंगारपुर के ग्राम तुमड़ादाह में कुल 26 परिवारों को पहली बार शासन के माध्यम से निजी वन अधिकार के तहत भूमि प्राप्त हुआ। किन्तु प्राप्त भूमि उबड़-खाबड़ एवं खेती के लायक नहीं थी। जिसमें वे चाहकर भी कोई फसल नहीं लगा पाते। जिसके बाद जमीन को खेती के लायक बनाने के लिए उन्होंने ग्राम पंचायत में चर्चा किया। तत्पश्चात जनपद के अधिकारियों एवं ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक द्वारा महात्मा गांधी नरेगा योजना के माध्यम से भूमि सुधार/मिट्टी के फार्म बंड निर्माण कार्य के बारे में जानकारी दी गयी। तत्पश्चात ग्राम सभा में बैगा परिवारों के इन भूमि पर प्रस्ताव कर महात्मा गांधी नरेगा योजना के माध्यम से मिट्टी के फार्म बंड निर्माण कार्य (भूमि सुधार कार्य) स्वीकृत कराया गया।
कलेक्टर श्री चन्द्रकांत वर्मा के मार्गदर्शन में ग्राम तुमड़ादाह में 26 हितग्राहियों के लिए कुल 7 लाख 70 हजार 721 रूपये का मिट्टी के फार्म बंड निर्माण कार्य (भूमि सुधार कार्य) की स्वीकृति मिली। कार्य स्वीकृति के बाद सभी बैगा परिवार काफी खुश हुए क्योंकि अब उनके बंजर भूमि पर खेती हो सकेगी। जिससे उनके परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी एवं उनके आजीविका में सुधार होगा। पहली बार इन सभी हितग्राहियों द्वारा धान का फसल लगाया गया है। नजदीक में मनरेगा योजना से ही निर्मित तालाब के पानी से सिंचाई की व्यवस्था कर लगभग 30 एकड़ में धान का फसल लगाया गया है। मिट्टी के फार्म बंड निर्माण कार्य (भूमि सुधार कार्य) से इन परिवारों को अकुशल रोजगार मिला और साथ ही बंजर भूमि का विकास भी हुआ।
ग्राम तुमड़ादाह के निवासी श्री बुध्दसिंह बैगा बताते है कि शासन के माध्यम से उन्हें पहली बार निजी वन अधिकार पट्टा मिला, जिसमें मनरेगा योजना के माध्यम से राशि 32 हजार 551 रूपये के मिट्टी के फार्म बंड निर्माण कार्य (भूमि सुधार कार्य) की स्वीकृति मिली। उन्होंने सवा एकड़ जमीन में धान का फसल लगाया है। आगे भी वे धान की फसल की कटाई के बाद अन्य फसल लगाएंगे। इससे उनकी आर्थिक स्थिति पहले की अपेक्षा मजबूत होगी। वे आगे बताते है कि उन्हें प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाभियान (PM-JANMAN) के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) एवं महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अभिसरण से पक्के आवास की स्वीकृति मिली है। प्रोजेक्ट ‘उन्नति’ के तहत सब्जी, नर्सरी प्रबंधन एवं कृषि विषय पर जनपद पंचायत छुईखदान में आवासीय प्रशिक्षण भी मिला है।
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