▪️पत्रकारिता ऐसी करते हैं की पूरे जिले में होती है चर्चा
▪️खैरागढ़ उपचुनाव में जेसिसि , गोंडवाना सहित अन्य दो पार्टीयों तथा दो निर्दलीय प्रत्यासियों को था पछाड़ा..
गोपी वर्मा की कलम से ….
खैरागढ़। छत्तीसगढ़ राज्य में आदर्श अचार सहिंता अक्टूबर के किसी भी तारीख को लग सकती है । ऐसे में छत्तीसगढ़ में बीजेपी,आप पार्टी , बसपा ने पूर्व में ही अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है। शनिवार को राजधानी रायपुर में शिव सेना पार्टी से छत्तीसगढ़ राज्य के प्रदेश प्रमुख धनजंय सिंह परिहार ने अपने प्रदेश स्तर के पदाधिकारियों तथा जिला स्तर के जिलाध्यक्ष सहित बैठक आहूत की थी तत्पश्चात प्रदेश प्रमुख धनंजय सिंह परिवार के द्वारा पत्रकार वार्ता लिया गया था। पत्रकार वार्ता में उन्होंने शिव सेना पार्टी से अपनी पहली सूची जारी करते हुए विधानसभा चुनाव 2023 में 20 प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है।
शिव सेना पार्टी द्वारा जारी 20 प्रत्यशियों में से एक प्रत्याशी ऐसा भी है जो पेशे से पत्रकार है जिसकी पत्रकारिता पूरे राजनांदगांव जिले के विधानसभा में चर्चा रहता है। जिन्होंने गत वर्ष खैरागढ़ विधानसभा में उपचुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़ कर सभी को चौंका दिया था। हम बात कर रहे हैं डोंगरगढ़ विधानसभा अंर्तगत ग्राम पांडादाह निवासी ,
नीतिन कुमार भांडेकर की जिन्हे खैरागढ़ विधानसभा के उपचुनाव में शिव सेना पार्टी से उम्मीदवार बनाया गया था। किंतु निर्वाचन अधिकारी के द्वारा बी फार्म रद्द करने के कारण शिव सेना पार्टी का चुनाव चिन्ह नहीं मिल पाया था ।
जिसके चलते उन्हें निर्दलीय होकर चुनाव लड़ना पड़ा था इसके बाउजूद उन्होंने खैरागढ़ उपचुनाव में दिवंगत राजा विधायक देवव्रत सिंह की पार्टी जेजेसी पार्टी के प्रत्यासी सहित अन्य 6 प्रत्याशियों को फिल्मी स्टाइल में पीछे छोड़ दिया था। महज 6 दिनों में पांच स्थान में प्रचार कर 14 सौ से भी अधिक मत अपने झोली में डाल लिए थे।
आपको बता दें कि उपचुनाव में दस प्रत्यासीयों ने अपनी किस्मत आजमाते हुए अपना दमखम दिखाया था। जिसमें कांग्रेस पार्टी की प्रत्यासी की एकतरफा जीत हुई थी। फिलहाल ये तो होना ही था क्योंकि अधिकांशतः देखा गया है कि जिसकी भी सत्ता सरकार रहती है वह उपचुनाव जीतकर ही रहता है।
खैरागढ़ के उपचुनाव में नीतिन भांडेकर ऐसे प्रत्याशी थे जो बाकी सभी नौ प्रत्यासियों में से उम्र एवं राजनीतिक अनुभव में सबसे कम थे। किंतु शिक्षा में जितने वाली प्रत्यासी से ज्यादा शिक्षित तथा आकर्षक छवि के थे। हम बात कर रहे हैं स्वतंत्र प्रत्यासी नितिन कुमार भांडेकर की जो पेशे से खैरागढ़ में पत्रकारिता का कार्य करते हैं
जिन्हें जनता निर्भीक एवं सबसे तीव्र बुद्धि के पत्रकार मानते हैं। । श्री भांडेकर डोंगरगढ़ विधानसभा अंतर्गत ग्राम पंचायत पांडादाह में निवाश्रित हैं। आपको बता दें कि इन्होंने पहली बार विधानसभा चुनाव में अपना भाग्य आजमाया है। जहां कई राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय पार्टियाँ तीन से पांच महीने पूर्व ही अपने कार्यकर्त्ताओं सहित चुनाव की तैयारियों में लग गए थे ऐसे में श्री भांडेकर ने महज 6 दिन तक ही अपने तीन से चार कार्यकर्ताओं के भरोसे ही चुनावी मैदान में उतरकर प्रचार प्रसार किया था।
वहीं फारवर्ड डेमोक्रेटिक लेबर पार्टी से विप्लव साहू कई महीनों से उपचुनाव के घोषणा के पूर्व धुवांधार दौरा करते हुए अपने सामाजिक वोट बटोरने में लग गए थे। वहीं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी भी ने अपनी कमर कस रखी थी। खैरागढ़ में जे सी सी जे पार्टी के पूर्व दिवगंत विधायक देवव्रत सिंह के आकस्मिक निधन की वजह से हो रहे उपचुनाव में जे सी सी जे अपनी शाक कायम रखने राजमहल से रिश्तेदारी रखने वाले प्रत्यासी को मैदान में उतार दिया था।
जिन्होंने दिवंगत पूर्व विधायक के नाम पर मतदाताओं को रिझाने का भरसक प्रयास किया था किंतु उनके झोली में 12 सौ मत ही आ पाए थे। राष्ट्रीय जनसभा पार्टी, अंबेडकर राइट पार्टी ऑफ इंडिया, जे सी सी जे, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी , एवं दो अन्य निर्दलीय प्रत्यासी जिनमें एक महिला प्रत्यासी वर्तमान में जनपद सदस्य थी। वहीं फारवर्ड डेमोक्रेटिक लेबर पार्टी से जो प्रत्यासी थे वह भी जिला पंचायत सदस्य थे। सभी प्रत्याशियों ने जीतोड़ मेहनत करते हुए हर तरह से मेहनत करते हुए पूरे विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करते हुए मतदाताओं को रिझाने के भरपूर प्रयास किया था।
पर हम आपको बता दें कि भांडेकर कम दिन ही प्रचार प्रासार किये जिसमें वह खैरागढ़ , छुईखदान, गंडई, साल्हेवारा में सिर्फ एक – एक ही बार गए। इन्होंने 291 बूथों में सिर्फ तीन चार बूथ में ही भ्रमण किया था जहां पर इनके द्वारा चौक चौक में बैठे दो चार लोगों तक ही पहुंच पाए थे।
श्री भांडेकर के विषय में यही कयास लगाया जा रहा था कि ये अन्य नौ प्रत्यासियों में सबसे कमजोर प्रत्यासी हैं जो 50 से 60 मत ही अपने झोली में डाल पाएंगे। किंतु खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव का जब परिणाम आया तो लोकतंत्र के चौथा स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकार ने यहां भी चौथा स्थान प्राप्त कर अपनी उपस्थिति दर्ज कर दी।
जबकि चार बड़ी चर्चित राजनीतिक पार्टियों एवं अन्य दो निर्दलीय प्रत्यसियों को भी पीछे छोड़ दिया। ताज्जुब की बात है कि श्री भांडेकर अन्य विधानसभा क्षेत्र में रहने के कारण उक्त उपचुनाव में अपना स्वंय का मत नहीं डाल पाए थे। लेकिन छः अन्य प्रत्यसियो को महज 9 दिन की मेहनत से पीछे कर देना खैरागढ़ सहित प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया था।
फ़िलहाल उन्हें डोंगरगढ़ विधानसभा से शिव सेना पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया है देखना यह होगा कि अपने मूल विधानसभा में भांडेकर को उनकी क्षेत्रीयता तथा लोकप्रियता का कितना लाभ मिलता है।
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