छत्तीसगढ़ :जंगल के प्रोडक्ट को ब्रांड बनाने वाली लड़कियां, जानें मशहूर दुगली की कहानी

धमतरी. दुगली का शहद, दुगली का आंवला, दुगली का एलोवेरा, दुगली के दोना-पत्तल…, ये कुछ ऐसे नाम हैं जिन्हें छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में अब जाना-पहचाना जाता है. जी हां, प्रदेश के धमतरी जिले के दुगली गांव (Dugli village) को इन प्रोडक्ट्स ने एक पहचान दी है. इसके पीछे किसी हार्वर्ड युनिवर्सिटी से पास हुए प्रोफेशनल का दिमाग नहीं, बल्कि ग्रामीण लड़कियों का एक समूह है. इस समूह का नाम जागृति है. 2009-10 में 10 लड़कियों के इस समूह ने वन विभाग की मदद से 10 लाख रुपए का कर्ज लेकर वनों से मिलने वाले उत्पाद का कारोबार शुरू किया था. आज की तारीख में जागृति स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) की 10 लड़कियां लाखों की कमाई कर रही हैं. रोजाना करीब 10 घंटे की मेहनत से इन्होंने अपनी पहचान बनाई है. इन लड़कियों ने अपनी मेहनत से वनोपज प्रोडक्ट का दुगली ब्रांड (Dugli Brand) खड़ा कर दिया है.

Advertisements

सालाना 4 लाख तक की कमाई

आज लड़कियों का ये समूह हर साल 4 लाख तक मुनाफा कमा रहा है. यहां का बना तिखूर हो या बैचांदी, आंवला कैंडी या दोना-पत्तल जैसे दर्जन भर प्रोडक्ट न सिर्फ धमतरी, बल्कि प्रदेश के कई जिलों में सप्लाई किए जाते हैं. प्रोडक्ट की गुणवत्ता इस तरह से मेंटेन की गई है कि लोग दुगली आकर भी सामान खरीदते हैं. जागृति समूह की चंद्रवती और ज्योति ने बताया कि अपने गांव के आसपास जंगल में मिलने वाले वनोपज को बाजार में लाने के लिए इन लोगों लोन लेकर काम शुरू किया था. अब काफी कमाई हो जाती है. उन्होंने बताया कि अब न सिर्फ वह अपने घर में आर्थिक मदद कर पाती हैं, बल्कि सुनहरे भविष्य का सपना भी देखती हैं.

वन विभाग भी करता है मदद

स्वयं सहायता समूह की लड़कियों की मेहनत को देख वन विभाग भी इनकी मदद करता है. चाहे लोन दिलवाने की बात हो या कच्चा माल खरीदना या उन्हें प्रशिक्षण दिलवाना हो, विभाग हर तरह से इनकी मदद को हाजिर होता है. धमतरी वनमंडल के डीएफओ अमिताभ वाजपेयी ने बताया कि लड़कियों की मेहनत को विभागीय मदद मिलने से कामयाबी पक्की हो जाती है. वन विभाग जल्द शहद उत्पादन के लिए फूड लाइसेंस लेने जा रहा है, जिसमें भी इस समूह की भागीदारी रहेगी. उन्होंने बताया कि जागृति समूह ने पूरे दुगली इलाके में रोजगार का एक चैनल खड़ा कर दिया है. अगर इस कॉन्सेप्ट को अपना कर प्रदेश में कई स्थानो पर ऐसा ही उद्योग खड़ा किया जा सके और वनोपज का सही दोहन किया जा सके तो प्रदेश में रोजगार की समस्या पर नियंत्रण पाया जा सकता है.

sourcelink

Lokesh Rajak

Recent Posts

राजधानी रायपुर में पोते ने अपनी दादी को चप्पल और बैट से पीटा, रिश्ता हुआ शर्मसार…

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर मे एक बड़ी खबर सामने आई है दादी और पोते…

16 hours ago

धमतरी: पागल कुत्ते ने पांच गांवों में मचाया आतंक ,एक दिन में 15 लोगों को कांटा…

.एक पागल कुत्ते ने पांच गांवों में मचा रखा है आतंक ..एक दिन में 15…

16 hours ago

राजनांदगांव: झारखण्ड में भाजपा की सरकार के लिए जुटे सांसद संतोष पांडे…

झारखण्ड में भाजपा की सरकार के लिए जुटे सांसद संतोष पांडे सोरेन सरकार के राज़…

17 hours ago

राजनांदगांव: दिवंगत पंचायत शिक्षको के परिजनों का आंदोलन रंग लाया…

➡️ संगठन अध्यक्ष माधुरी मृगे ने मुख्यमंत्री का जताया आभार राजनांदगांव । छत्तीसगढ़ प्रदेश भर…

17 hours ago

छुरिया: छतीसगढ़ राज्य स्तरीय जूनियर बालक बालिका खो खो प्रतियोगिता मे पहुँचे खुज्जी विधायक ने खिलाड़ियों का किया उत्साहवर्धन…

छुरिया । ग्राम लाटमेटा (नवाटोला) ग्राम पंचायत घुपसाल(कु) विकासखंड छुरिया जिला राजनांदगांव में छतीसगढ़ अमेच्योर…

21 hours ago

This website uses cookies.