उद्यमिता और जनसशक्तिकरण का छत्तीसगढ़ मॉडल पर हुई चर्चा,
जांजगीर-चांपा, 14 नवम्बर 2021मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मासिक रेडियो वार्ता लोकवाणी की 23 वीं कड़ी का प्रसारण
छत्तीसगढ़ स्थित आकाशवाणी के सभी केंद्रों, एफएम रेडियो और क्षेत्रीय समाचार चैनलों से किया गया। “उद्यमिता और जनसशक्तिकरण का छत्तीसगढ़ मॉडल” विषय पर प्रसारित लोकवाणी कार्यक्रम को जांजगीर-चांपा जिले के नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों ने बड़े ही उत्साह के साथ सुना। जिला मुख्यालय जांजगीर के केरा रोड में श्रीमती बद्रीका बाई, कु. रोशनी, सर्वश्री हरीश, मनीष, वैद्यनाथ, महेश ने भी लोकवाणी कार्यक्रम का श्रवण किया।
इंजीनियर दीदी पुलोजमा की हुई तारीफ –
मुख्यमंत्री ने लोकवाणी कार्यक्रम में मनरेगा में मैट का काम करने वाली विभिन्न जिलों की महिलाओं की तारीफ की। जांजगीर-चांपा जिले के बलौदा ब्लाक में मैट का काम करने वाली श्रीमती पुलोजमा की दृढ़ इच्छाशक्ति, सतत लगन और कार्य के प्रति समर्पण की प्रशंसा की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाएं केवल मजदूरी ही नहीं सुपरवाइजरी का भी काम बेहतर ढंग से कर सकतीं हैं। भले ही इन महिलाओं के पास इंजीनियर की डिग्री नहीं है, फिर भी वे बेहतर ढंग से इस कार्य को अंजाम दे रही हैं। शासन के पैसे का समुचित उपयोग, गांव की अधोसंरचना विकास में अपना योगदान देकर अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर रही है। इन महिलाओं से प्रेरित होकर अन्य महिलाओं का भी उत्साह और हिम्मत बढ़ी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोधन न्याय योजना से डेयरी व्यवसाय को भी प्रोत्साहन मिला है। उन्होंने सूरजपुर जिले के महामाया स्व सहायता समूह से चर्चा करते हुए उनके द्वारा उत्पादित दूध, श्रीखंड सहित अन्य डेयरी उत्पाद की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा उपलब्ध कराई जा रही अनुदान राशि का सदुपयोग कर महिलाएं आगे बढ़ रहीं हैं। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में भी रोजगार के अवसर बढ़े हैं। इसी प्रकार मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ की धान की परंपरागत खेती के साथ-साथ मछली पालन, कुकुट पालन, फल-सब्जी की खेती, डेरी आदि को समन्वित खेती को प्रोत्साहन करने की भी बात कही। इसके अलावा उन्होंने बंद पड़े खदानों को रोजगारन्मुखी बनाने तथा उनका समुचित उपयोग के प्रबंधन के संबंध में भी लोकवाणी में चर्चा की गई।
छेरछेरा पुन्नी और शाकंभरी जयंती पर अवकाश की हुई प्रशंसा-
लोकवाणी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में लोक पर्व और त्योहारों की परंपरा रही है। छेरछेरा पुन्नी दान पर्व के रूप में प्रचलित है। छत्तीसगढ़ में इसे बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। इसके कारण छेरछेरा पुन्नी और शाकंभरी जयंती के अवसर पर कि पूरे राज्य में सामान्य अवकाश की घोषणा की गई है।
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