दुर्ग: जिला जल एवं स्वच्छता समिति की बैठक, 120 गांवों के लिए 88 करोड़ रूपए के जल जीवन मिशन योजनाओं का अनुमोदन…

दुर्ग- 20 अक्टूबर 2020/जल जीवन मिशन की आज बैठक में 120 गांवों के लिए 81 करोड़ रुपए की योजनाओं को अनुमोदित किया गया। इनमें 32 हजार 541 नल जल कनेक्शन लोगों को मिल सकेंगे। इनमें रेट्रोफिटिंग योजनाएं भी हैं और सिंगल विलेज योजनाएं भी शामिल हैं। रेट्रोफिटिंग योजनाओं में 80 योजनाएं हैं जिनमें दुर्ग ब्लाक की 19, धमधा की 16 और पाटन की 38 योजनाएं शामिल हैं। कलेक्टर डा.सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने इन योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी ली।

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जल जीवन मिशन अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर में शुद्ध पेयजल मुहैय्या कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। योजनांतर्गत राज्य के सभी ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन के माध्यम से 2023 तक पेयजल उपलब्ध कराया जाना है । इस संबंध में गठित जिला जल एवं स्वच्छता समिति की बैठक कलेक्ट्रोरेट में आयोजित की गयी। बैठक में जल जीवन मिशन के अंतर्गत जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति के लिए किए जाने वाले कार्य योजना एवं व्यवस्था की जानकारी दी गई। बैठक में बताया गया कि जिले में 304 ग्राम पंचायत एवं 385 ग्राम हंै। इनमें 419 बसाहटें निवासरत है। वर्तमान स्थिति में कुल 1 लाख 46 हजार 500 परिवारों में से 31 हजार 923 परिवारों को विभिन्न योजनाओं के तहत नल कनेक्शन दिया जा चुका है। शेष परिवारों को जल जीवन मिशन के अंतर्गत नल कनेक्शन प्रदाय किया जाएगा।

बैठक में कलेक्टर ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति के लिए वृहद कार्य योजना बनाई गई है। योजना के लक्ष्य को मूर्तरूप देने के लिए बड़े पैमाने पर गंभीरता से कार्य करने की आवश्यकता है। निर्धारित लक्ष्य 2023 को ध्यान में रखते हुए कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से कहा है कि नल जल योजना के लक्ष्य को देखते हुए सभी अधिकारी अपने स्तर पर कार्याें का मूल्यांकन कर गतिशीलतापूर्वक कार्य करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक घरों में नल कनेक्शन निश्चितरूप से दिया जाए। साथ ही सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों और स्कूलों में भी नल कनेक्शन देने के लिए कार्य योजना बनाए। आंगनबाड़ी केन्द्रों में कीचन एवं केन्द्र परिसर में कनेक्शन देवें। इसी प्रकार स्कूलों में मध्यान्हन भोजन कक्ष, वाशरूम, शौचालय एवं पेयजल के लिए निर्धारित स्थान पर कनेक्शन दिया जाए। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को योजना के लक्ष्य के अनुरूप कार्याें का संपादन करने कहा है। पीएचई विभाग के कार्यपालन अभियंता श्री समीर शर्मा ने बताया कि रेट्रोफिटिंग योजनाओं के माध्यम से वर्तमान क्षमता में विस्तार के लिए पाइप लाइन का विस्तार, टंकी की क्षमता बढ़ाना आदि कार्य शामिल है ताकि सभी को पर्याप्त मात्रा में शुद्ध पेयजल मिल पाए।