दुर्ग: नवरात्रि और दीपावली के लिए गोबर से दिये बना रही हैं बिहान की दीदियाँ…

रायपुर और धमतरी से भी डिजाइनर दीयों के आये आर्डर
दीपावली की तैयारी कर रहीं बिहान की दीदियां, गोबर से बने डिजाइनर और सामान्य दीयों के अब तक 65 हजार नग
ग्राम पंचायत नंदौरी के स्वसहायता समूह की महिलाएं तैयार कर रहीं

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दुर्ग- बिहान की दीदियां अब अपने गांव और नजदीकी कस्बे की छोटी सी परिधि से बाहर निकल रही हैं। वे पड़ोसी जिलों तक अपना बाजार ले जाने में सफल हुई हैं। अपने उत्पाद में विविधता ला रही हैं और डिजाइनर प्रयोग कर रही हैं। इसका एक उदाहरण ग्राम पंचायत नंदौरी की स्वसहायता समूह की महिलाओं के रूप में मिलता है। इन महिलाओं ने शुरूआत में गोबर के दीये बनाये और स्थानीय हाट बाजारों में उपलब्ध कराए। इनमें डिजाइनर दीये भी थे और सामान्य दीये भी। यह बाजार में खूब बिके, कुछ व्यवसायियों ने इन्हें ज्यादा संख्या में बनाने के आर्डर दिये।

समूह में दस सदस्य शामिल हैं और ये हाथ से दीये तैयार कर रही थीं। काम ज्यादा तेज हो, ऐसा सोचकर उन्होंने गोबर से दिये बनाने वाली मशीन खरीद ली। इसके साथ ही खुशबूदार धूपबत्ती बनाने का काम भी आरंभ कर दिया। समूह की अध्यक्ष श्रीमती रानी लक्ष्मी ने बताया कि हम लोगों ने मशीन आने के बाद हर दिन 300 दीये बनाना आरंभ कर दिया गया है। हमें दीवाली के लिए खूब आर्डर मिल रहे हैं। अब तक पैंसठ हजार से अधिक सामान्य और डिजाइनर दीयों के आर्डर मिल गए हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल हमारे दीयों के लिए प. सुन्दर लाल शर्मा एजुकेशन एकेडमी रायपुर की ओर से 5000 दीये, खारून गंगा यूथ आर्गेनाइजेशन रायपुर की ओर से 2500 दीये, चुनौती वेलफेयर सोसायटी रायपुर की ओर से 2500 दीये की मांग आ रही है। इन दीयों की मांग ग्रामीण क्षेत्र के बाजार हाट में बहुत होती है। उन्होंने बताया कि नजदीकी जिलों जैसे जिला धमतरी से 5000, जिला गरियाबंद 5000, जिला रायपुर 10,000 दीयों का आर्डर आया है।

दुर्ग जिले में चैहान टाउन से 10,000, देवादा 10,000, अहिवारा 2000, भिलाई की दुकानों में 3000 सामान्य और डिजाइनर दीयों का आर्डर आया है। डिजाइनर दीयों को 35 से 40 रुपए में बेच रही हैं और सामान्य दीयों को ढाई रुपए में विक्रय किया जा रहा है। समूह की सदस्य उषाकिरण ने बताया कि अभी दीवाली तक बिल्कुल फुर्सत नहीं है। हम लोगों ने बहुत सुंदर डिजाइनर दीये तैयार किये, जिसने भी देखा, उसे पसंद आये। आसपास के व्यापारियों ने आर्डर दिया और खरीदा। इसे जिले के बाहर के व्यापारियों ने भी देखा होगा, इससे हमारे बाजार का विस्तार तेजी से हुआ।