दुर्ग- 24 सितंबर 2020/ बीते दिनों कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने जिला अस्पताल का लगातार दो दिनों तक निरीक्षण कर मुकम्मल व्यवस्था बनाने के निर्देश दिये थे। इसके बाद अस्पताल में मरीजों के लिए क्यू मैनेजमेंट सिस्टम बेहतर किया गया। तीन अतिरिक्त काउंटर आरंभ किये गए। बुजुर्गो, गंभीर मरीजों और व्हील चेयर वाले नागरिकों के लिए पृथक से काउंटर आरंभ किया गया।
सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखने के लिए सुरक्षा की व्यवस्था और बेहतर की गई। इसका परिणाम सुखद रहा है। पहले टेस्टिंग में तीन से चार घंटे का वक्त लगता था। अब टेस्टिंग में एक से डेढ़ घंटे का वक्त लग रहा है। गंभीर मरीजों और बुजुर्गों के लिए अब टेस्ट 15 मिनट में हो जाता है। इनकी सुविधा के लिए पृथक व्यवस्था की गई है। एनांउंसिंग सिस्टम के माध्यम से नागरिकों को सूचना मिल जाती है। पाजिटिव आने पर लक्षण के आधार पर मौके पर ही होम आइसोलेशन अथवा अस्पताल में भेजे जाने के संबंध में निर्णय हो जाता है और उसी वक्त मेडिकल किट भी प्रदाय कर दिया जाता है। होम आइसोलेशन कंट्रोल टीम मरीज के बारे में दिन में तीन बार फोन कर जानकारी लेती है। किसी भी तरह की इमरजेंसी होने पर उसे हायर सेंटर में रिफर किया जाता है।
प्राइमरी कांटैक्ट वाले गंभीर मरीजों तक पहुंचने के लिए पांच मोबाइल टीम भी-
टेस्टिंग के लिए पांच मोबाइल टीम बनाई गई है। यह ऐसी जगहों पर पहुंच रही है जो हाटस्पाट हैं मामले काफी आ रहे हैं। प्राइमरी कांटैक्ट वाले गंभीर मरीजों को इस वजह से सुविधा हो रही है। हर दिन मोबाइल टेस्टिंग टीम 250 टेस्ट कर रही है। जिन पीएचसी में काफी ज्यादा लोग टेस्टिंग के लिए आ रहे हैं। उनकी सहायता के लिए भी मोबाइल टीम पहुंच रही है।
लक्षणों वाले बुजुर्ग नागरिकों का तथा गंभीर मरीजों का एंटीजन निगेटिव आने पर आरटीपीसीआर भी
लक्षण वाले बुजुर्ग नागरिकों तथा गंभीर मरीजों का एंटीजन निगेटिव आने पर आरटीपीसीआर भी कराया जा रहा है ताकि स्थिति क्लियर हो सके और इलाज में विलंब न हो। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पचास से अधिक आयु वर्ग के लोगों और गंभीर मरीजों को विशेष रूप से चिन्हांकित भी कर रही हैं। अब तक पचास हजार से अधिक लोगों का सर्वे किया जा चुका है।
40 फीवर क्लीनिक में हो रही सैंपलिंग, हर दिन किया जा रहा सैनिटाइजेशन-
सैंपलिंग की व्यवस्था जिले के चिन्हांकित किये गये 40 फीवर क्लीनिक में हैं। यहां सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान तो रखा ही जा रहा है। हर दिन अनिवार्य रूप से फीवर क्लीनिक का सैनिटाइजेशन भी किया जा रहा है।
कोविड में टेस्टिंग की स्पीड बढ़ाने 15 लैब टेक्नीशियन नियुक्त किये गए-
कोविड जांच की गति बढ़ाने के लिए लैब टेक्नीशियन की अहम आवश्यकता थी। इसे ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने तेजी से नियुक्ति की। 15 नये लैब टेक्नीशियन आए, इससे कार्य बेहतर तरीके से आगे बढ़ रहा है
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