दुनिया : केप केनेवरल/ न्यूयॉर्क । 203 दिन का बेहद चैलेंजिंग मिशन। इस दौरान छह पहाड़ियों वाले लोगों ने 7 महीने में 47 करो किलोमीटर का सफर पूरा किया। सांसे रोक देने वाला पल तब आया जब नासा का पर्सीवरेंस रोवर मास की सतह पर उतरने वाला था।
आखिरी 7 मिनट में रफ्तार जीरो पर लानी थी। फिर से फंडिंग जरूरी थी। बरहाल यह सब पूरी कामयाबी से हुआ।और अब इसका श्रेय भारतीय मूल की अमेरिकी साइंटिस्ट डॉ स्वाति मोहन को दिया जा रहा है ।
जड़ों से कितनी भारतीय है स्वाति इनका अंदाजा इसी बात से लगाइए की लैंडिंग के बाद उनकी भूमिका भारत के लिए गर्व की बात है। उनके माथे पर बिंदी चमक रही थी । 10 साइंस के मुताबिक मास के करीब पहुंचना शायद कुछ आसान हो लेकिन सबसे मुश्किल होता है यहां रोवर को लैंड कराना । ज्यादातर मिशन इसे स्टेट पर दम तोड़ देते हैं।
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