कन्टेनमेंट की अवधि एक अक्टूबर की सुबह छः बजे से समाप्त
जिला दण्डाधिकारी ने जारी किए दिशा-निर्देश
धमतरी- कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री जय प्रकाश मौर्य द्वारा जिले के नगरीय निकायों के सभी वार्डों में 22 से 30 सितंबर तक कन्टेनमेंट जोन घोषित कर गतिविधियों को प्रतिबंधित करने का आदेश जारी किया गया था। उन्होंने अब एक अक्टूबर की सुबह छः बजे से उक्त आदेश को निरस्त करने संबंधी आदेश जारी किया है तथा कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए विकल्प के रूप में निम्न उपायों को कड़ाई से पालन करने के आदेश पारित किया है।
इसके तहत सार्वजनिक स्थलों, व्यावसायिक कार्य स्थलों में ट्रिपल लेयर मास्क का उपयोग तथा सर्दी, खांसी, बुखार होने पर तत्काल कोविड-19 की जांच करना अनिवार्य किया गया है। कोविड 19 के धनात्मक मरीज को होम आइसोलेशन की सुविधा दी गई है। होम आइसोलेशन की सुविधा प्राप्त कर रहे मरीज के परिवार का कोई सदस्य शासकीय अथवा व्यावसायिक कार्य करने के लिए अपने कार्यस्थल में तब तक उपस्थित नहीं होंगे, जब तक होम आइसोलेशन में रहने वाला मरीज का परिणाम नाकारत्मक नहीं आ जाता। उपयोग किए गए मास्क को सार्वजनिक स्थलों में फेंकने, कचरा के डिब्बों में डालने को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया है। उपयोग किए गए मास्क का नष्टीकरण निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार ही किया जाए।
व्यावसायिक प्रतिष्ठान, शासकीय कार्यालयों को एक प्रतिशत सोडियम हाइपो क्लोराइट के घोल से नियमित तौर पर सेनिटाइज किया जाए। सर्दी, खांसी, बुखार होने पर शासकीय कर्मचारी तथा निजी व्यवसायी, इनके प्रतिष्ठानों में कार्यरत कर्मियों की उपस्थिति को पूरी तरह प्रतिबंधित किया गया है। अगर किसी व्यक्ति द्वारा संक्रमण के बारे में जानकारी छुपाई जाती है, तो दण्ड का भागी होगा।
उक्त निर्देशांे का कड़ाई से पालन नहीं करने पर ऐसिडेंट कमांडर जुर्माना अधिरोपित कर सकते हैं। इसके तहत होम आइसोलेशन का उल्लंघन करने पर एक हजार रूपए, व्यावसायिक संस्थानों एवं कार्यस्थलों में मास्क नहीं लगाने पर दो सौ रूपए तथा सार्वजनिक स्थलों में मास्क नहीं पहनने, सार्वजनिक स्थलों में थूकने, कार्यस्थलों में सामाजिक दूरी का पालन नहीं करने और उपयोग किए गए मास्क का सही निपटारा नहीं करने पर सौ-सौ रूपए जुर्माना अधिरोपित किया जाएगा।
यदि नियमों का उल्लंघन किया जाता है तथा जुर्माना राशि अदा नहीं की जाती है, तो ऐपिडेमिक डिसीस एक्ट 1897 तथा ऐपिडेमिक डिसीस एक्ट 1897 की यथा संशोधित धाराओं, भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 188 के तहत एफ.आई.आर. दर्ज कराई जाएगी। यदि किसी दुकानदार/व्यावसायिक प्रतिष्ठान के द्वारा नियमों का दूसरी बार उल्लंघन किया जाता है, तो प्रतिष्ठान को 15 दिनों तक सीलबंद करने की कार्रवाई की जाएगी।
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