बलौदाबाजार। 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा की तैयारियों में लापरवाही बरतने वालों पर बलौदा बाजार के कलेक्टर दीपक सोनी ने सख्त रुख अपनाया है। मंगलवार को उन्होंने जिले के सभी स्कूलों के प्राचार्यों के साथ ऑनलाइन बैठक की और प्री-बोर्ड परीक्षा में खराब प्रदर्शन करने वाले स्कूलों को आड़े हाथों लिया। कलेक्टर ने साफ शब्दों में चेतावनी दी कि बोर्ड परीक्षा में बेहतर परिणाम लाने के लिए अब लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बैठक के दौरान उन्होंने सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी सिमगा समेत 6 स्कूलों के प्राचार्यों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
बैठक में कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि जिन स्कूलों के प्री-बोर्ड के नतीजे कमजोर रहे, वे बोर्ड परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन सुनिश्चित करें। इसके लिए जिले के बेहतर प्रदर्शन करने वाले स्कूलों को “मेंटर्स” बनाया जाएगा, ताकि वे कमजोर स्कूलों की मदद कर सकें। मेंटर स्कूलों के शिक्षक, कमजोर स्कूलों के छात्रों को मार्गदर्शन देंगे और उनकी तैयारी को मजबूत करेंगे। लेकिन जिन स्कूलों ने पहले से ही खराब प्रदर्शन किया और फिर भी तैयारी में कोताही बरती, उनके खिलाफ कार्रवाई तय है।बलौदाबाजार में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के दावों के बीच यह सख्ती साफ संकेत दे रही है कि अब सिर्फ बैठकें और कागजी प्लानिंग नहीं, बल्कि जमीनी सुधार पर फोकस करना होगा। जिले की शिक्षा व्यवस्था अब कलेक्टर की सख्ती के नए दौर में प्रवेश कर चुकी है।
इन स्कूलों के प्राचार्यों को मिला नोटिस
कलेक्टर ने सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी सिमगा, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय औरेठी, खपराडीह, जांगड़ा, भाटापारा बहुउद्देशीय विद्यालय और करमदा के प्राचार्यों पर सीधा निशाना साधते हुए कारण बताओ नोटिस जारी करने को कहा। इन स्कूलों के प्री-बोर्ड के परिणाम बेहद निराशाजनक रहे थे, लेकिन इसके बावजूद सुधार की कोई ठोस पहल नहीं की गई।
बोर्ड परीक्षा में सुधार के लिए सख्त दिशा-निर्देश
कलेक्टर ने साफ किया कि जो विद्यार्थी प्री-बोर्ड में एक या दो विषयों में फेल हुए हैं, उन पर विशेष ध्यान दिया जाए। रिमेडियल क्लास के जरिए उनकी कमजोरियों को दूर किया जाए और परीक्षा में पास होने लायक तैयारी कराई जाए। उन्होंने शिक्षकों को तकनीकी सहायता का उपयोग करने की सलाह दी और कहा कि छात्र मोबाइल पर चैट जीपीटी जैसी AI तकनीकों का इस्तेमाल करके अपनी पढ़ाई को बेहतर बना सकते हैं।
सिमगा और भाटापारा पिछड़े, कसडोल और पलारी ने किया बेहतर प्रदर्शन
बैठक में यह भी बताया गया कि सिमगा और भाटापारा विकासखंड के स्कूलों का प्रदर्शन औसत से भी नीचे रहा, जबकि कसडोल और पलारी विकासखंड के स्कूलों ने बेहतर प्रदर्शन किया। यह अंतर दर्शाता है कि जिले में स्कूलों की पढ़ाई और तैयारी को लेकर बड़ा असंतुलन है, जिसे दूर करना प्रशासन की प्राथमिकता होगी।
1 मार्च से शुरू होगी परीक्षा, लापरवाही बर्दाश्त नहीं
कलेक्टर ने दो टूक कहा कि बोर्ड परीक्षा 1 मार्च 2025 से शुरू हो रही है और अब किसी भी स्तर पर लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी। जिन स्कूलों का प्रदर्शन खराब रहेगा, वहां के जिम्मेदार अधिकारियों और शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
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