बिलासपुर – हाई कोर्ट ने एक याचिका पर परिवार न्यायालय को आदेश दिया है कि वह याचिकाकर्ता को भरण पोषण देने की कार्रवाई करे।
उसके एएसआई पति के आय की जानकारी पता कर भरण पोषण की राशि निर्धारित करे। एक महिला ने अधिवक्ता केएन नंदे के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया कि उसकी शादी पुलिस विभाग के एक सहायक उप निरीक्षक से हुई थी। दोनों के बीच अनबन होने पर पति ने दूसरी महिला को परिवार न्यायालय में खड़ा करके तलाक ले लिया।
इसकी जानकारी याचिकाकर्ता के पिता को होने पर उन्होंने रायगढ़ परिवार न्यायालय से तलाक की प्रति निकालकर हाईकोर्ट में अपील प्रस्तुत की। इस पर हाईकोर्ट ने रजिस्ट्रार विजलेंस को रायगढ़ भेजकर मामले की जांच कराई। जांच करने पर परिवार न्यायालय में पति द्वारा दूसरी महिला को खड़े करके तलाक लेने का मामला सही पाया गया।
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