दो वर्षों में 15 प्रतिशत से अधिक सुपोषण दर में हुई आशातीत वृद्धि
बीजापुर 27 मई 2021ः- प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप बीजापुर जिले में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के कारगर क्रियान्वयन के फलस्वरूप विगत दो वर्ष में 15 प्रतिशत से अधिक सुपोषण दर में आशातीत वृद्धि हुई है। यह सब विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर कुपोषण एवं एनीमिया को कम करने के लिए सकारात्मक प्रयास से फलीभूत हुआ है।
आदिवासी बाहुल्य बीजापुर जिले में महिलाओं में एनीमिया के कारण कम वजन के बच्चों का जन्म तत्पश्चात कुपोषण एक गंभीर समस्या है। जिले के बच्चों, किशोरी बालिकाओं, गर्भवती माताओं एवं शिशुवती माताओं में एनीमिया व पोषण स्तर की कमी पायी जाती है। जिले में कुपोषण एवं एनीमिया को कम करने हेतु पूर्व में संचालित शासकीय योजनाओं के अतिरिक्त सकारात्मक प्रयास की जरूरत को मद्देनजर रखते हुए बीजापुर सुपोषण मिशन कार्ययोजना तैयार की गयी। इस दिशा में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान अंतर्गत बीजापुर सुपोषण मिशन 2 अक्टूबर 2019 से शुभारंभ किया गया।
जिसके अंतर्गत अतिरिक्त आहार के रूप में 1 वर्ष से 6 वर्ष आयु वर्ग के सभी बच्चों, गर्भवती माताओं, शिशुवती माताओं तथा शाला त्यागी किशोरी बालिकाओं को अण्डा, मूंगफली चिक्की और पौष्टिक बिस्कीट प्रदाय किया जा रहा है। वहीं सभी बच्चों, लक्षित माताओं एवं शाला त्यागी किशोरी बालिकाओं को गरम भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। इस तरह जिले के 30 हजार 211 बच्चों, 7 हजार 154 गर्भवती एवं शिशुवती माताओं सहित 2 हजार 598 शाला त्यागी किशोरी बालिकाओं को बीजापुर सुपोषण के तहत लाभान्वित किया जा रहा है। इसके साथ ही 15 से 49 वर्ष आयु वर्ग की 10 हजार 918 एनीमिक महिलाओं को गरम भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
बीजापुर सुपोषण मिशन अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग के समन्वय से जिला अस्पताल एवं ब्लाकों के पोषण पुनर्वास केन्द्रों में गंभीर कुपोषित बच्चों को उपचारार्थ भर्ती कर उनके स्वास्थ्य में सुधार लाया जा रहा है। वहीं जिला अस्पताल सहित सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के माध्यम से गर्भवती माताओं, शिशुवती माताओं तथा कुपोषित बच्चों को स्वास्थ्य जांच तथा परामर्श सेवाएं सुलभ कराया जा रहा है। बीजापुर सुपोषण मिशन के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन हेतु जिले के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पोषण वाटिका विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है और वर्तमान में 320 माॅडल आंगनबाड़ी केन्द्रों में से 276 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पोषण वाटिका विकसित कर लिया गया है।
इन पोषण वाटिका में उत्पादित साग-सब्जी का उपयोग आंगनबाड़ी केन्द्रों के भोजन में किया जा रहा है। इसके साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं और हितग्राहियों के घरों में भी पोषण बाड़ी विकसित किया गया है। बीजापुर सुपोषण मिशन में अधिकाधिक सामाजिक सहभागिता के लिए नियमित रूप से ग्राम पंचायतों में स्व-सहायता समूहों, महिलाओं, पंचायत पदाधिकारियों तथा ग्रामीणों की बैठक कर समुदाय में जागरूकता निर्मित कर कुपोषण एवं एनीमिया को दूर करने प्रयास किया जा रहा है।
इन सभी सकारात्मक प्रयासों के फलस्वरूप जिले में कुपोषण की दर में 15.36 प्रतिशत की कमी आयी है। जिले में अब तक स्वीकृत 945 आंगनबाड़ी केन्द्र भवनों में से 851 आंगनबाड़ी भवन निर्माण पूर्ण किये जा चुके हैं, शेष आंगनबाड़ी भवन निर्माण प्रगति पर हैं। वहीं जिले के धुर नक्सली प्रभावित ईलाके में वर्तमान में स्वीकृत करीब 100 आंबनबाड़ी भवन निर्माण कार्यों को पूर्ण करने के लिए पहल किया जा रहा है। जिससे सुपोषण अभियान के कारगर कार्यान्वयन सहित समेकित बाल विकास सेवाओं की सुलभता को बेहतर ढंग से सुनिश्चित किया जा सकेगा।
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