महासमुंद महासमुंद में महिला और उसके पांच बेटियों के शव रेलवे ट्रैक पर 50 मीटर दूर तक बिखरे पड़े मिले।बुधवार रात जमकर हुई बारिश के बाद मां और पांच बेटियों के ट्रेन से कटकर मौत हो जाने की खबर गुरुवार सुबह की तरह शहर में फैल गई।गुरुवार सुबह रेलवे ट्रैक पर पड़ी लाशों को देख लोगों का दिल दहल गया । पुलिस आत्महत्या और दुर्घटना दोनों पहलू की जांच कर रही है ,बताया जा रहा है कि शराबी पति से विवाद होने के बाद महिला ने आधी रात पांच बच्चियों के साथ घर छोड़ा था।
ग्राम बेमचा निवासी एक ही परिवार के 6 सदस्यों की मौत हो गई । बेमचा निवासी के जो राम साहू शराब पीने का आदी है बुधवार को भी वह नशे की हालत में घर पहुंचा तो केजुराम और उसकी पत्नी उमा साहू 45 वर्ष के बीच इस बात को लेकर जमकर विवाद हुआ। विवाद इतना बढ़ा कि उमा साहू अपनी पांच बेटियां अन्नपूर्णा साहू 18 वर्ष, यशोदा साहू 16, भूमिका साहू 14 , कुमकुम साहू 12 वर्ष सबसे छोटी तुलसी साहू 10 वर्ष को साथ लेकर रात तकरीबन 9:30 बजे घर से निकल गई। गुरुवार सुबह शंकरनगर और इमली भाटा के मध्य गुजरे रेलवे ट्रैक पर छह शवों को देखकर लोगों ने पुलिस को सूचना दी।
मौके पर पुलिस आसपास के लोगों द्वारा शिनाख्त नहीं कर पाने पर पुलिस ने मृतकों की पहचान के लिए आसपास के क्षेत्रों में पतासाजी शुरू की। इसी बीच बेमचा निवासी किशन साहू और हेमंत साहू को सोशल मीडिया से इस घटना की जानकारी हुई और वह दुर्घटना की आशंका के चलते घटनास्थल पहुंचे जहां उन्होंने महिला को चाची उमा साहू तथा चचेरी बहनें की शिनाख्त की।
राइस मिल में मजदूरी करता है पति
मृतका का पति केजुसाहू मुढैना स्थित एक राइस मिल में मजदूरी करता है । बुधवार देर शाम तक काम से लौटा शराब पीकर आने पर पत्नी के साथ उसका विवाद हुआ । जिसके बाद पत्नी बच्चों को लेकर घर से निकल गई, और वह खाना खाकर सो गया था। सुबह जब उसके नींद खुली तो बच्चे व पत्नी को तलाश करने लगा । केजुराम के भतीजे ने बताया कि विवाद के बाद चाची उमा और बहनों को रात भर गांव और आसपास में तलाश करते रहे।
घटना आत्महत्या या दुर्घटना?
मामले को पारिवारिक कलह से जोड़कर देखे जाने पर प्रयास दृष्टया मामला आत्महत्या का प्रतीत होता है ।लेकिन जिस प्रकार शव से यहां-वहां बिखरे पड़े थे । इससे कायस लगाया जा रहा है। कि महिला बच्चों के साथ भारी बारिश के बीच बेमचा से नहर के रास्ते होते हुए रेलवे ट्रैक तक पहुंची होगी । भारी बारिश और गर्जना के बीच जहां महिला और बच्चों ने पीछे से आ रही ट्रेन की आवाज नहीं सुनी होगी वही ट्रेन चालक भी भारी बारिश के चलते ट्रेक में चल रहे छह लोगों को नहीं देख पाया। ट्रेन के नजदीक आने पर भारी बारिश और गर्जना के बीच ना तो ट्रैक पर चल रहे महिला और बच्चों को संभालने का मौका मिला , ना ट्रेन चालक को।
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