राजनांदगांव। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा राजनांदगांव प्रवास के दौरान छुरिया तथा डोगरगांव विकासखंड से पहली बार नगरीय क्षेत्र के अनुसूचित जनजाति तथा अन्य परम्परागत वन निवासी हितग्राहियों को वन अधिकार मान्यता पत्र प्रदान किया गया। जिसमें कुल 183 व्यक्तियों को 4.568 हेक्टयेटर भूमि वितरित की गई। जिसके अंतर्गत अनुसूचित जनजाति के 19 तथा अन्य परम्परागत वन निवासी के 164 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया। शासन के वन अधिकार मान्यता कानून के तहत उन्हें भूमि का मालिकाना हक मिल गया है। ऐसे वन अधिकार मान्यता पत्रधारी नगरीय क्षेत्र में आवासरत हो सकेगें तथा पट्टा मिलने के बाद बेदखली का भय समाप्त हो गया है। नगरीय क्षेत्र में आवास के साथ व्यवसाय तथा आर्थिक प्रगति के लिए भूमि का उपयोग किया जा सकेगा। इससे उनके एवं परिवार का सम्पूर्ण विकास हो सकेगा। वन अधिकार अधिनियम निश्चय ही ऐतिहासिक न्याय तथा सशक्तिकरण का उदाहरण है।
राजनांदगांव जिले में अनुसूचित जनजाति के 2 हजार 364 तथा अन्य परम्परागत वन निवासी के 1 हजार 534 कुल 3898 व्यक्तिगत वन अधिकार, सामुदायिक वन अधिकार के 750 एवं सामुदायिक वन संसाधन के 20 वन अधिकार मान्यता पत्र का वितरण किया गया है। इस प्रकार 1811.990 हेक्टेयर भूमि व्यक्तिगत वन अधिकार अन्तर्गत वितरित किया गया है। इन भूमि पर भूमि सुधार कर अनाज और सब्जी की फसल से हितग्राही अपने परिवार का बेहतर ढंग से पालन-पोषण कर रहे हैं। इन भूमि पर मनरेगा से कुंआ निर्माण, डबरी निर्माण से भूमि में सिंचाई सुविधा उपलब्ध हुई है। अब वे आधुनिक तरीके से खेती कर आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर हो रहे है। हितग्राही खेती-किसानी के साथ ही अन्य गतिविधियों को अपनाकर आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त हो रहे है।
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