राजनांदगांव। साँसद सरोज पांडेय द्वारा मुख्यमंत्री भुपेश बघेल जी को पत्र लिख कर शराबबंदी के तोहफा मांगना राजनीति नही बल्कि गंगा जल हाथ मे ले कर बहनों से शराबबंदी करने के वायदे को निभाने की मांग और तोहफा भी था,जिसका कांग्रेस ने राजनीतिकरण कर दिया ,जिनके वे आदी है और कांग्रेस के संस्कृति का हिस्सा भी है।।
राखी के माध्यम से सरकार को उनकी जिम्मेदारियों का अहसास करने पर पत्र लिखने और उस पत्र पर महापौर हेमा देशमुख द्वारा आरोप प्रत्यारोप लगाने की आलोचना करते हुए पूर्व महापौर शोभा सोनी ने कहा केंद्र सरकार द्वारा स्थापित संस्थाएं ही आज छत्तीसगढ़ में कोरोना के उपचार के लिए सबसे बेहतर संस्थान साबित हुई है ,सुषमा स्वराज जी की दूरदर्शी सोच ने एम्स जैसी संस्थाओं का पूरे भारत मे जाल फैलाया जिसने आज कोरोना के इलाज के लिए सबसे विश्वसनीय संस्थान के रूप में अपना काम किया है इसी तरह राजनांदगांव में डॉ रमन सिंह जी के प्रयासों से स्थापित की गई मेडिकल कॉलेज की बहु उपयोगिता जग जाहिर हो गई है,जबकि राज्य सरकार ने कोरोना से लड़ने के लिए क्या साधन छत्तीसगढ़ की जनता को उपलब्ध कराए है वही बता दे।
श्रीमती सोनी ने कहा कि चूंकि गंगा जल हाथ मे ले कर कांग्रेस की सरकार के मुखिया ने कसम खाई थी कि शराबबंदी करेंगे,उनके किये वायदों के कारण ही सरोज पांडेय जी उन्हें पत्र लिख कर उनके कर्तव्यों के लिए स्मरण कराया था ,और शराबबंदी के लिए राखी त्योहार का पवित्र अवसर ही सबसे अच्छा समय था क्योंकि शराब से सबसे ज्यादा प्रभावित महिलाएं ही होती है,और इसलिए सरोज पांडेय जी ने महिलाओं के सम्मान के लिए पत्र लिखा था ,जिस पर भी राजनीति करते हुए भुपेश बघेल जी ने आश्वासन का झुनझुना दिखा कर छत्तीसगढ़ की करोड़ो महिलाओं के विश्वास को यह कह कर तोड़ दिया कि वे शराबबंदी करेंगे,आज जब सरकार को 2 साल होने को हो रहे है और शराबबंदी करने का दूर दूर तक कोई भी नामोनिशान नही दिख रहा है तो उनको याद दिलाना एक जिम्मेदार नागरिक और महिला का कर्तव्य है,जिसे सरोज पांडेय जी ने निभाया भी ,किन्तु एक महिला हो कर महापौर दूसरी महिला पर आरोप लगा कर साबित कर दिया कि महापौर केवल राजनीति ही कर सकती है ,जनमुद्दों पर जनता के साथ खड़े रहने में उनकी कोई रुचि नही है,यदि महापौर भी सरोज पांडेय की भांति भूपेश बघेल जी से शराबबंदी के लिए निवेदन करती तो एक अच्छा संदेश जाता,किन्तु ऐसा ना करके वो खुद साबित कर दी है कि उनमें महिलाओं के प्रति शराबबंदी के लिए कोई हमदर्दी नही है ,जबकि केंद्र सरकार ने महिलाओं के लिए 3-3 बार जन धन योजना में 500-500 रुपये उनके खाते में डाले है।
श्रीमती शोभा सोनी ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस में मूलभूत अंतर भी यही है कि भाजपा की सरकार जनभावनाओं के अनुरूप कार्य करती है ,डॉ रमन सिंह की सरकार ने बिना महिलाओं की मांग के स्वेच्छा से 2000 की जनसंख्या वाले गांव में शराब की दुकानों को बन्द करवा दिया था,जबकि गंगा जल की कसम खा कर सत्ता में आई भपेश सरकार शराबबंदी पर कुछ नही कर रहे है और आश्वसान ही दे रहे है,जनता समय आने पर इसका भरपूर जवब देगी।
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