राजनांदगांव – एक तरफ जहां स्वास्थ्य विभाग के आला कर्मचारी कोरोना वारियर्स बनकर युद्ध पर डटे हुए हैं ।लेकिन यहां ए ग्रेट के डॉक्टर कोरोना वायरस की आड़ लेकर सामान्य मरीजों के इलाज में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। इस लचर व्यवस्था का निशाना मंगलवार को एक पिता बन गया जहां बेटी ने ऑक्सीजन सिलेंडर की जैसे तैसे खुद व्यवस्था की लेकिन सिस्टम के इस आडियल रवैए के आगे पिता को नहीं बचा पाई।
मंगलवार को इस लचर व्यवस्था का एक ह़दय विदारक आडियो जारी हुआ है ।जिसमें डॉक्टरों के यह कहने पर कि अस्पताल में ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं है जिसके बाद बड़ी मुश्किल से बेटी ने ऑक्सीजन की व्यवस्था की थी फोन पर डॉक्टरों को ऑक्सीजन मिलने की जानकारी भी उसने दी लेकिन इसके बाद भी वे अपने पिता को नहीं बचा पाई। बताया जा रहा है कि इलाज करने में भी डाक्टरों ने रुचि नहीं दिखाई जिसके चलते मरीज की मौत हो गई ।
मिली जानकारी के अनुसार 11 अप्रैल को बसंतपुर निवासी विष्णु साहू को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनका कोरोना टेस्ट नेगेटिव था। लेकिन सांस लेने में दिक्कत के चलते उन्हें भर्ती कराया गया था। आईसीयू में भर्ती श्री साहू ने इस व्यवस्था के आगे 13 अप्रैल को दम तोड़ दिया।
अप डाउन से बिगड़ी व्यवस्था
बसंतपुर स्थित मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक प्रदीप बैग के खिलाफ पहले भी शिकायत आ चुकी है ।अस्पताल में भर्ती मरीजों पर उनकी कमजोर मॉनिटरिंग के चलते लोगों को जान से इनका खामियाजा चुकाना पड़ रहा है ।कलेक्टर द्वारा संक्रमण के इस दौर में अफसरों को मुख्यालय नहीं छोड़ने के निर्देश दिए हैं ।खबर है कि इसके बाद भी सिर्फ एक दुर्ग से अप डाउन कर रहे हैं। यही कारण है कि अस्पताल का सिस्टम घटिया स्तर पर पहुंच गया है।
सोशल मीडिया में भावुक ऑडियो जारी
बेटी ने अपने साथ इस दर्दनाक घटना को सोशल मीडिया में वायरल किया है इस ऑडियो के वायरल होने के बाद लोगों ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ जमकर आक्रोश ही कर रहे हैं। वहीं ऐसे दोषी अफसरों पर कार्रवाई की मांग उठने लगी है।










































