राजनांदगांव – अगहन गुरुवार 30 नवंबर को आरंभ हो रहा है। इस पूजा में महिलाएं एक दिन पहले घरों की साफ-सफाई कर आज भोर में दीया जलाकर मां लक्ष्मी की पूजा, आराधना करेंगी। अगहन माह में देवी भगवती की उपासना शुभ फलदायी होती है। अगहन के प्रत्येक गुरुवार का बड़ा महत्व होता है। इसके चलते इसकी विधि-विधान से पूजा की जाती है।
इस बार अगहन माह में कुल 4 गुरुवार पड़ेंगे। अगहन माह 24 नवंबर से शुरू हो गया है और 22 दिसंबर तक चलेगा। 30 नवंबर को अगहन का प्रथम गुरुवारी पर्व मनाया जाएगा। ज्योतिषियों के अनुसार इस दिन विभिन्न नक्षत्रों का संयोग भी बन रहा है। चंद्रमा को अर्घ्य देने से चंद्रदेव की कृपा प्राप्त होती है।
अगहन गुरुवार में व्रत रखने का विधान है। इस दिन स्नानादि के बाद भोर में और शाम को चंद्रमा के उदित होने के बाद पुष्प, नैवेध, धूप, दीप प्रज्ज्वलित कर भगवान गणेश व लक्ष्मी की पूजा की जाएगी।
बनाए जाते है पद चिन्ह, तीन टाइम की जाती है मां लक्ष्मी की पूजा आराधना
अगहन गुरुवार मां लक्ष्मी की पूजा की तैयारी मंगलवार से ही शुरू हो गई है। बुधवार को घर के द्वार से लेकर पूजा स्थल तक चावल आटे के घोल से मां लक्ष्मी के पद चिन्ह एवं आंगन में अल्पना सजाए जाएंगे। गुरुवार की सुबह सूर्य निकलने से पहले महिलाएं स्नान कर मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करेंगी। यही क्रम दोपहर व शाम को भी चलेगा। इस बीच मां को तीनों टाइम अलग-अलग मीठा अर्पित किया जाएगा।
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