महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं-नैना
राजनांदगांव, 5 मार्च। शासकीय कमलादेवी राठी महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय राजनांदगांव में 4 मार्च को प्राचार्य डॉ. आलोक मिश्रा की अध्यक्षता में महाविद्यालय की महिला व जेंडर इश्यू प्रकोष्ठ एवं क्रीड़ा विभाग के तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि महापौर हेमा देशमुख, सम्मानित अतिथि नैना सिंह धाकड़ व विशिष्ट अतिथि के रूप में प्राचार्य डॉ. बीएन मेश्राम, प्राचार्य डॉ. सुमन सिंह बघेल, सोनाली ओस्तवाल, माला शुक्ला, शारदा तिवारी, सिद्धी मिरानी शामिल थी। इस दौरान छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर महिला एवं जेंडर इश्यू सेल की संयोजक डॉ. हरप्रीत कौर गरचा, क्रीड़ाधिकारी डॉ. नीता एस. नायर ने अतिथियों का स्वागत किया। स्वागत उद्बोधन देते प्राचार्य डॉ. मिश्रा ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कई देशों में सार्वजनिक अवकाश रहता है। यह प्रतिवर्ष 8 मार्च को महिला अधिकार आंदोलन के केंद्र बिन्दु के रूप में मनाया जाता है।
डॉ. एचके गरचा ने कहा कि यह महिला अधिकार आंदोलन का एक बड़ा हिस्सा है, जो लैंगिक समानता, प्रजनन अधिकार और महिलाओं के खिलाफ हिंसा और दुव्र्यवहार जैसे मुद्दों पर ध्यान आकर्षिक करता है।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि महापौर हेमा देशमुख ने कहा कि समाज में फैली कुरीतियों का सबसे अधिक प्रभाव यदि किसी पर पड़ा है तो वह महिलाएं ही हैं।सभी देशों में महिलाओं की स्थिति विचार करने योग्य है। 21वीं शताब्दी में भी आज-कल महिलाएं अपने अधिकारों से वंचित है।
भारत में प्रारंभ से ही महिलाओं के वजूद को दरकिनार पहले से ही किया जाता रहा है। शायद हमें महिला दिवस मानने की आवश्यकता नहीं होती, यदि महिलाओं की स्थिति प्रारंभ से ही सही होती। अभी भी कई महिलाएं अशिक्षित, घरेलू हिंसा से पीडित व कुपोषित हं ै। इसके लिए महिलाओं को खुद प्रयास करना होगा।
डॉ. नीता एस. नायर द्वारा नैना सिंह धाकड़ का परिचय दिया गया। नैना धाकड़ ने कहा कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं होती है। वह स्वयं एक पर्वतारोही है। उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों तेजिंग नागे पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। नैना ने छात्राओं में अपने वक्तव्य से शिक्षा व अन्य क्षेत्र में आगे बढने प्रेरित किया।
संचालन करते डॉ. निवेदिता ए. लाल ने कहा कि नारी कोई सामान्य शब्द नहीं है, बल्कि एक ऐसा सम्मान है जिसे देवत्व प्राप्त है, इसलिए नारी की तुलना देवी – देवताओं से की जाती है। इस अवसर पर सोनाली ओस्तवाल, माला शुक्ला एवं सदस्यों द्वारा इंसीरेटर महाविद्यालय की छात्राओं के लिए उपहार स्वरूप प्रदत्त किया गया।
महाविद्यालय द्वारा शारदा तिवारी, सिद्धी मीरानी को सम्मानित करते स्मृति चिन्ह शाल व श्रीफल भेंट किया गया। कार्यक्रम में महाविद्यालय की समस्त प्राध्यापक, कर्मचारी तथा पत्रकार बंधु उपस्थित रहे।
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