गौठान में मछलीपालन, सब्जी उत्पादन, पपीते की खेती के साथ-साथ मसाला
उत्पादन का किया जा रह कार्य –
परिश्रम कभी विफल नहीं होता, सामूहिक प्रयास से मिलती है सफलता –
राजनांदगांव कलेक्टर श्री सिन्हा ने राजनांदगांव जिले के अंतिम छोर पर बसे ग्राम घोरतलाव पहुंचकर गौठान समूह की महिलाओं से रूबरू हुए। यहां उन्होंने महिला समूह को विविध गतिविधियों से जुड़कर आर्थिक उन्नयन के लिए छत्तीसगढ़ी में बात कर जरूरी सुझाव और सलाह दी। कलेक्टर ने कहा कि परिश्रम कभी भी विफल नहीं होता। सामूहिक प्रयास और सामूहिक सहभागिता से सफलता निश्चित रूप से मिलती है। उन्होंने सभी महिलाओं को संगठित रहते हुए आपसी सहभागिता और सद्भावनापूर्वक कार्य करते हुए आर्थिक उन्नयन के लिए सतत प्रयास जारी रखने कहा।
कलेक्टर ने कहा कि परिश्रम से कामयाबी की राह खुलती हैं। उन्होंने बाजार वैल्यू की अवधारणा को समझाते हुए कहा कि बाजार में ऐसे वस्तुओं की बिक्री होती है जो गुणवत्तायुक्त होने के साथ वाजिब कीमत पर उपलब्ध होते हैं। उन्होंने कहा कि जो भी उत्पाद बनायें उसमें गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखें। इससे ग्राहक के बीच उत्पादों की एक विशेष पहचान बनती है और वह प्रभावित होकर खरीदारी करता है।
ग्राम घोरतलाव के गौठान में समूह की महिलाओं के द्वारा मछली उत्पादन के लिए बायो क्लॉक टैंक का निर्माण किया गया है। कुल 7 यूनिट में दो-दो टंकी का निर्माण किया गया है। जिसमें मछली का पालन किया जा रहा है। आने वाले पांच छह माह में मछली बाजार में विक्रय करने की स्थिति में आ जाएगी। मछली पालन विभाग के अधिकारी ने बताया कि सभी यूनिट को मिलाकर लगभग 3 लाख की मछली की बिक्री होगी। इसमें महिला समूह को कम से कम एक से डेढ़ लाख रूपए का मुनाफा होगा। उन्होंने कहा कि साल में एक यूनिट से कम से कम 3 बार मछली का उत्पादन किया जा सकेगा।
गौठान की महिलाओं के द्वारा वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण किया गया है। जिससे उन्हें 1 लाख 43 हजार रुपए का मुनाफा हुआ है। साथ ही प्याज और लहसुन की खेती से लगभग 20 हजार रूपए का मुनाफा हुआ है। महिला समूह के द्वारा यहां मसाला यूनिट लगाया गया है। महिला समूह द्वारा मसाला उत्पादन का कार्य किया जा रहा है। कलेक्टर ने महिला समूह की महिलाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि आने वाली 15 जून से सभी स्कूल आंगनबाड़ी केन्द्र खुल जाएगा। स्कूल आंगनबाड़ी केन्द्रों में आचार पापड़ की मांग रहती है।
उन्होंने समूह की महिलाओं को आचार और पापड़ बनाने प्रेरित किया। उन्होंने महिलाओं को प्रेरित करते हुए भरोसा दिया कि आचार उत्पादन करें। जिसकी बिक्री आंगनबाड़ी केन्द्र एवं स्कूलों के माध्यम से कराएंगे। इस बात पर महिला समूह ने काफी प्रसन्नता व्यक्त की। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ श्री लोकेश चंद्राकर, एसडीएम डोंगरगांव श्री हितेश पिस्दा, जनपद सीईओ छुरिया श्री प्रतीक प्रधान सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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