छत्तीसगढ़

राजनांदगांव : किसान खाद एवं बीज का अग्रिम उठाव करें : कलेक्टर…

सहकारी समितियों में उर्वरक एवं बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध
खरीफ फसलों के लिए डीएपी के स्थान पर अन्य उर्वरकों की फसलवार अनुशंसा भी कृषकों के सहूलियत के लिए जारी
राजनांदगांव 16 मई 2022। जिले में सहकारी समितियों में उर्वरक एवं बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा ने किसानों से खाद एवं बीज का अग्रिम उठाव करने की अपील की है। जिससे वर्षा पूर्व किसानों के पास खाद एवं बीज उपलब्ध हो सकें। इस वर्ष विभाग को जिले में खरीफ 2022 हेतु 53080 क्विंटल बीज सहकारिता क्षेत्र के माध्यम से वितरण हेतु लक्ष्य प्राप्त हुआ है। गत वर्ष जिले में 22429 क्विंटल बीज का वितरण सहकारिता क्षेत्र के माध्यम से किया गया था। जिसको ध्यान में रखते हुए अभी तक 11127 क्विंटल बीज जिले के समितियों में भंडारण किया जा चुका है। साथ ही बीज निगम में वर्तमान में 14735 क्विंटल बीज भंडारण हेतु शेष है। जिसमें धान बीज 11127 क्विंटल सोयाबीन 2000 क्विंटल एवं अरहर बीज का 440 क्विंटल बीज निगम में उपलब्ध है।

Advertisements


इसी प्रकार जिले में खरीफ 2022 हेतु 65000 मिट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। जिसके विरूद्ध अभी तक 23741 मिट्रिक टन उर्वरक जिले के समितियों में एवं 7594 मिट्रिक टन उर्वरक डबल लॉक सेंटर में उपलब्ध है। जिनमें से यूरिया का 17014 मिट्रिक टन, डीएपी 2115 मिट्रिक टन, एसएसपी 3800 मिट्रिक टन, पोटाश 810 मिट्रिक टन भंडारण विभिन्न समितियों में कृषकों के उठाव के लिए किया भंडारित किया जा चुका है।


उप संचालक कृषि श्री जीएस धुर्वे ने बताया कि शासन द्वारा इस वर्ष खाद के मूल्य दर निर्धारित की गई है। जिनमें यूरिया प्रति बोरी 266.50 रूपए, डीएपी प्रति बोरी 1350 रूपए , एनपीके (12:32:16) प्रति बोरी 1470 रूपए, पोटाश प्रति बोरी 1700 रूपए, एसएसपी पावडर प्रति बोरी 375 रूपए, एसएसपी दानेदार प्रति बोरी 406 रूपए एवं जिंकेटेड प्रति बोरी 391 रूपए है।


इस वर्ष खरीफ फसलों के लिए डीएपी के स्थान पर अन्य उर्वरकों की फसलवार अनुशंसा भी कृषकों के सहूलियत के लिए जारी किया गया है। जिसके अनुसार धान एवं मक्का फसल के लिए अनुशंसित पोषक तत्व   एनपीके -40:24:16 (नाईट्रोजन 40, फास्फोरस 24, पोटाश 16) किलोग्राम प्रति एकड़ मात्रा आपूर्ति के लिए उर्वरक एवं मात्रा का उपयोग किया जा सकता है।


यूरिया – एक बोरी (50 किलोग्राम), एनपीके (20:20:0:13), दो बोरी (100 किलोग्राम) एवं पोटाश (27 किलोग्राम)  अथवा यूरिया (65 किलोग्राम) एवं एनपीके (12:32:16), दो बोरी (100 किलोग्राम) एवं सिंगल सुपर फास्फेट (50 किलोग्राम) अथवा यूरिया दो बोरी (100 किलोग्राम), सिंगल सुपर फास्फेट – तीन बोरी (150 किलोग्राम) एवं पोटाश – 27 किलोग्राम का प्रयोग किया जा सकता है। साथ ही वर्मी कम्पोस्ट कम से कम 1 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से उपयोग जरूर करें।


खरीफ दलहनी फसलों के लिए अनुशंसित पोषक तत्व एनपीके 8:20:8 (नाईट्रोजन 8, फास्फोरस 20, पोटाश 8) किलोग्राम प्रति एकड़ मात्रा की आपूर्ति के लिए उर्वरक एवं मात्रा का उपयोग किया जा सकता है। यूरिया – 18 किलोग्राम, पोटाश 14 किलोग्राम एवं सिंगल सुपर फास्फेट ढाई बोरी (125 किलोग्राम) अथवा यूरिया 5 किलोग्राम, एनपीके (12:32:16) – 1 बोरी (50 किलोग्राम) पोटाश – 14 किलोग्राम, सिंगल सुपर फास्फेट 25 किलोग्राम साथ ही वर्मी कम्पोस्ट कम से कम 1 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से उपयोग करें।

Lokesh Rajak

Recent Posts

रायपुर : मुख्यमंत्री ने कबीरधाम कलेक्टर और एसपी को हटाया…

लोहारीडीह की घटना: मुख्यमंत्री ने कबीरधाम कलेक्टर और एसपी को हटाया घटना की मजिस्ट्रियल जांच…

14 hours ago

राजनांदगांव : दोषियों पर कार्यवाही को लेकर कांग्रेस ने किया छत्तीसगढ़ बंद का आव्हान…

0 आवश्यक वस्तुओं व शैक्षणिक संस्थान रहेगी चालू0 कांग्रेसजनों ने एक दिन पूर्व शहर में…

15 hours ago

राजनांदगांव : कलेक्टर ने ग्रामीणों को स्वच्छता के प्रति किया जागरूक…

- कलेक्टर ग्राम रीवागहन, बरगा, इंदामरा में आयोजित स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम में हुए शामिल…

16 hours ago

राजनांदगांव : मद्य व नशा निषेध सप्ताह 2 से 8 अक्टूबर तक…

राजनांदगांव 20 सितम्बर 2024। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर मद्यपान, अन्य मादक…

16 hours ago

राजनांदगांव : अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस 1 अक्टूबर को…

राजनांदगांव 20 सितम्बर 2024। वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा, संरक्षण तथा सम्मान के प्रति समाज में…

16 hours ago

राजनांदगांव : डोंगरगांव के विभिन्न ग्रामों में विकास कार्यों के लिए 7 लाख 50 हजार रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति…

राजनांदगांव 20 सितम्बर 2024। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह ने जिला पंचायत…

16 hours ago

This website uses cookies.