राजनांदगांव 20 जनवरी 2022। कृषि विज्ञान केन्द्र राजनांदगांव के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ बीएस राजपूत ने बताया कि बीते हफ्ते अधिक वर्षा से खेतों में जलभराव हो जाने के कारण टमाटर, चना, प्याज जैसे सब्जियों में सडऩ की समस्या देखी जा रही है। साथ ही अन्य रोगों की बढऩे की आशंका है।
इस मौसम को देखते हुए कृषकों के लिए भी मौसम आधारित सलाह दी गई है। जिससे बदलते मौसम से फसलों को होने वाले नुकसान से बचते हुए आपेक्षित सावधानियों का अनुसरण कर सकें। कृषि विज्ञान केन्द्र की उद्यानिकी वैज्ञानिक श्रीमती गुंजन झा एवं कीट वैज्ञानिक डॉ. मोहनिशा जंघेल द्वारा जिले के कृषकों के लिए भी मौसम आधारित सलाह दी गई है। उन्होंने बताया कि टमाटर फसल के लिए स्यूडोमोनास फ्लोरेसेंस को गोबर की खाद के साथ 50 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर मिश्रित कर मिट्टी में मिलाएं।
पानी के ठहराव से बचा जाना चाहिए, पानी निकासी की उचित व्यवस्था करनी चाहिए। कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 2.5 ग्राम प्रति लीटर से 1 वर्ग मीटर क्षेत्र को भिगोएं। चना फसल के लिए पानी निकासी का उचित प्रबंध करें। सड़े गले पौधों को निकाल दें, कार्बेंडाजाईम 0.5 प्रतिशत घोल का छिड़काव करें। प्याज के लिए पौधशाला उठी हुई क्यारियों पर तैयार करना चाहिए। इससे जल निकासी अच्छा होता है। कार्बेन्डाजाईम 20 ग्राम 10 लीटर पानी में घोलकर 12 से 15 दिन के अंतराल पर दो बार छिड़काव करना चाहिए।
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