राजनांदगांव- जिले में कोरोना के मरीज तेजी से बढऩे के साथ ही लक्षण रहित मरीज भी बड़ी संख्या में होम आईसोलेशन पर रहकर उपचार का लाभ ले रहे हैं। ऐसे में होम आईसोलेशन के मरीजों को दूरभाष के माध्यम से बेहतर उपचार हेतु डाक्टरों के द्वारा आवश्यक सुझाव एवं परामर्श दिया जाना होता है तथा मरीजों को भी आपातकालीन परिस्थितियों में चिकित्सक एवं स्वास्थ्य विभाग से संपर्क में रहकर अपने स्वास्थ्य की स्थिति से अवगत कराना पड़ता है। होम आईसोलेशन के कोरोना पॉजिटिव मरीजों के बेहतर उपचार एवं प्रबंधन हेतु कंट्रोल रूम के माध्यम से कार्य करना आवश्यक होता है। ज्ञातव्य है कि अब तक होम आईसोलेशन के मरीजों हेतु मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में स्थित कंट्रोल रूप के माध्यम से कार्य हो रहा था जिसे स्थानीय दिग्विजय स्टेडियम में स्थानांतरित कर होम आईसोलेशन प्रबंधन हेतु पृथक जिला स्तरीय कंट्रोल रूम स्थापित किया गया हैं।
महापौर श्रीमती हेमा देशमुख एवं कलेक्टर श्री टोपेश्वर वर्मा ने संयुक्त रूप से जिला स्तरीय कंट्रोल रूम का निरीक्षण किया। होम आईसोलेशन के मरीजों हेतु एक पृथक नम्बर 7440203333 जारी किया गया है। उक्त नम्बर केवल होम आइसोलेशन के मरीजों द्वारा कॉल किये जाने अथवा होम आइसोलेशन के प्रबंधन के संबंध में जानकारी प्राप्त करने के लिये जारी किया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने क्षेत्र के लोगों की सुविधा के लिये दिग्विजय स्टेडियम में नव स्थापित जिला स्तरीय कंट्रोल रूम में ही रात्रिकालीन एंटीजन कोरोना परीक्षण केन्द्र में प्रारंभ कर दिया गया है।
नव स्थापित कंट्रोल रूम में ही पृथक कक्ष से चिकित्सकों द्वारा होम आईसोलेशन के मरीजों के उपचार संबंधी जानकारी एवं स्वास्थ्य संबंधी कॉल करने कॉल सेंटर भी स्थापित कर दिया गया हैं। आज नव स्थापित जिला स्तरीय कंट्रोल रूम में कलेक्टर एवं महापौर ने मरीजों से फोन कर बात करने वाले चिकित्सकों से भी चर्चा की एवं आपातकालीन परिस्थितियों में रात्रि 8 से सुबह 8 बजे तक नि:शुल्क एंटीजन कोरोना परीक्षण केन्द्र व कंट्रोल रूम डेस्क का मुआयना कर उपस्थित कर्मचारियों को अच्छे से कार्य कर मरीजों को सही जानकारी समय पर देने का सुझाव दिया।
इस अवसर पर महापौर श्रीमती हेमा देशमुखने कहा कि जिले के जनप्रतिनिधि एवं जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने के लिये प्रतिबद्ध हैं और इसी कड़ी में यह जिला स्तरीय कंट्रोल रूम प्रारंभ किया गया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी ने बताया कि होम आईसोलेशन हेतु 60 वर्ष से अधिक उम्र के कोरोना संक्रमित मरीज को कोविड केयर सेंटर, डेडीकेटेड कोविड-19 अस्पताल पेंड्री राजनांदगांव अथवा सक्षम कोविड-19 हेतु मान्यता प्राप्त अस्पताल में भर्ती होकर उपचार कराना अनिवार्य होगा। गर्भवती महिलाओं को कोरोना संक्रमित होने पर संबंधित अस्पताल में भर्ती होकर उपचार कराना होगा। गंभीर बीमारी जैसे अस्थमा, हृदय रोग, कैंसर, डायबिटीज एवं उच्च रक्तचाप, किडनी जैसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त एवं निकटतम प्रसव वाले गर्भवती महिलाओं तथा अकेले रह रहे मरीज को संबंधित अस्पताल में भर्ती होकर उपचार कराना होगा। ऐसे मरीज जिनका ऑक्सीजन सैचुरेशन का लेवल 95 प्रतिशत से कम हो उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती होकर उपचार कराना होगा। संक्रमित मरीज के घर में मरीज को रखने हेतु घर में अलग से हवादार कमरा व अलग शौचालय का होना अनिवार्य है। सार्वजनिक शौचालय का उपयोग करने वाले मरीज को होम आइसोलेशन की पात्रता नहीं होगी। मरीज के घर में 24 घंटे देखभाल हेतु एक देखभाल करने वाला अटेंडेंट का होना जरूरी हैं। ऐसे मरीज जिनकी उम्र 60 वर्ष से अधिक हैं, डायबिटीज व उच्च रक्तचाप, अस्थमा, हृदय रोग, कैंसर, किडनी जैसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त एवं निकटतम प्रसव वाली गर्भवती महिलाओं तथा अकेले रह रहें मरीज को होम आइसोलेशन की पात्रता नहीं होगी।
होम आईसोलेशन के मरीज को निर्धारित प्रपत्र में अनिवार्य रूप से अंडरटेकिंग देनी होगी। अंडरटेकिंग की अवहेलना करने पर महामारी एक्ट के प्रावधानों के तहत कानूनी कार्रवाई की जा सकेगी। होम आईसोलेशन के मरीज को किसी भी एमबीबीएस, चिकित्सक से टेलीफोनिक उपचार एवं स्वास्थ्य देखभाल के लिए निर्धारित प्रपत्र में सहमति देनी होगी। होम आईसोलेशन के मरीज को अपने मोबाईल पर ‘आरोग्य सेतु एपÓ डाउनलोड कर 24 घंटे एप पर नोटिफिकेशन एवं लोकेशन (जीपीएस ट्रैकिंग) चालू रखना होगा। यदि परिवार में कोई सदस्य कोरोना संक्रमित हैं और उक्त परिवार में 55 वर्ष से अधिक आयु व गर्भवती महिलाएं अथवा गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर, डायबिटीज व उच्च रक्तचाप, अस्थमा, हृदय रोग व गुर्दे की बीमारी से पीडि़त सदस्य हैं तो उनको कोरोना संक्रमित मरीज से दूर रखें अथवा उनके अन्य घर में ठहरने की व्यवस्था करें।
इस अवसर पर श्री अशोक फडऩवीस, एस.डी.एम. श्री मुकेश रावटे, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री गिरीश कुर्रे, सीटी प्रोग्राम मैनेजर सुश्री अनामिका बिश्वास, जिला एपिडिम्योलाजिस्ट सुश्री प्रेरणा सहगल एवं स्वास्थ्य विभाग के श्री प्रणय शुक्ला, श्री विकास राठौर, श्री अखिलेश नारायण सिंह आदि उपस्थित थे।
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