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राजनांदगांव : ग्राम पार्रीकला गौठान में कार्य एजेंसी को 8 लाख 47 हजार रूपए का किया गया भुगतान…

शासन की गोधन न्याय योजना गरीब एवं जरूरतमंदों के लिए उम्मीद की रोशनी

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  • जिले में अब तक गोधन न्याय योजना से 12 करोड़ 11 लाख 76 हजार की राशि किसानों एवं पशुपालकों के पॉकेट में गए
  • जिले के 424 गौठानों में गोधन न्याय योजना के तहत नियमित रूप से की जा रही गोबर खरीदी
  • वर्मी कम्पोस्ट की बिक्री से अब तक समूह की महिलाओं को मिली 3 करोड़ 93 लाख 31 हजार रूपए की लाभांश राशि
  • विगत दिनों विभिन्न जनप्रतिनिधियों द्वारा राजनांदगांव विकासखण्ड के फुलझर, पार्रीकला एवं ककरेल गौठान का भ्रमण कर भ्रामक तथ्य किया गया प्रस्तुत, जबकि वास्तविकता भिन्न
  • राजनांदगांव के फुलझर गौठान में मवेशियों हेतु कोटना में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही
  • पार्रीकला गौठान में गोबर विक्रेताओं से 372.31 क्विंटल गोबर की खरीदी की गई

राजनांदगांव 24 मई 2023। शासन की गोधन न्याय योजना गरीब एवं जरूरतमंदों के लिए उम्मीद की रोशनी है। ग्रामीण क्षेत्रों में इस योजना से लाभान्वित होकर किसान, पशुपालकों एवं समूह की महिलाओं की जिंदगी बदल रही है। जिले में अब तक गोधन न्याय योजना से 12 करोड़ 11 लाख 76 हजार रूपए की राशि किसानों एवं पशुपालकों के पॉकेट में गए हैं।

वहीं वर्मी कम्पोस्ट की बिक्री से अब तक समूह की महिलाओं को 3 करोड़ 93 लाख 31 हजार रूपए की लाभांश राशि मिली है। विगत दिनों विभिन्न जनप्रतिनिधियों द्वारा राजनांदगांव विकासखण्ड के फुलझर, पार्रीकला एवं ककरेल गौठान का भ्रमण किया गया एवं आपत्तियां जताते हुए भ्रामक तथ्य प्रस्तुत किये गये हंै। फुलझर गौठान में पानी की उपलब्धता एवं बाउण्ड्री नहीं होने की बात कही गयी है।

यद्यपि गौठान से लगे हुए स्कूल से रबर पाईपलाईन के माध्यम से मवेशियों हेतु कोटना में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है तथापि गौठान में आवश्यकतानुरूप पर्याप्त पानी उपलब्ध है। उक्त गौठान में चेन फेसिंग का कार्य स्वीकृत है एवं कार्य प्रगतिरत है। इसी प्रकार पार्रीकला गौठान में सरपंच को भुगतान शेष होना तथा गोबर खरीदी नहीं होना कहा गया है,

जबकि स्वीकृत कार्य की राशि 8 लाख 89 हजार रूपए के विरूद्ध संबंधित कार्य एजेंसी को राशि 8 लाख 47 हजार रूपए का भुगतान जा चुका है तथा पार्रीकला गौठान में कुल 38 पंजीकृत गोबर विक्रेताओं से 372.31 क्विंटल गोबर की खरीदी की जा चुकी है। इसी तरह ककरेल गौठान में पानी एवं पैरा व चारा की अनुपलब्धता एवं गोबर की राशि भुगतान नहीं होने के संबंध में कहा गया है,

जबकि इस गौठान में समीप के तालाब के माध्यम से रबर पाईप द्वारा मवेशियों हेतु पानी की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है एवं मवेशियों हेतु ग्राम पंचायत द्वारा पैरा पंचायत क्षेत्र में संग्रहित किया गया है। साथ ही गत पखवाड़े में गोधन न्याय योजना अंतर्गत गोबर की राशि का भुगतान किया जा चुका है।


जिला राजनांदगांव अंतर्गत कुल 407 ग्राम पंचायतों में 424 गौठान स्वीकृत हैं। जिनमें से 414 ग्रामीण क्षेत्रों एवं 10 शहरी क्षेत्रों में स्वीकृत हैं। जिसमें सभी गौठानों में राज्य शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना के तहत नियमित रूप से गोबर खरीदी की जा रही है। अब तक कुल 16004 गोबर विक्रेताओं से कुल 605296.66 क्विंटल गोबर का क्रय गौठानों में किया गया है।

खरीदे गये गोबर से अब तक कुल 167469.44 क्विंटल जैविक खाद का उत्पादन किया जा चुका है तथा कुल 130047.18 क्विंटल खाद का विक्रय किया जा चुका है। खाद विक्रय से अब तक स्वसहायता समूहों को कुल 3 करोड़ 93 लाख रूपए से अधिक की लाभांश राशि का भुगतान भी किया गया है। इसी प्रकार वर्तमान स्थिति में जिले के कुल 159 गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं।


जिला राजनांदगांव में कुल 407 गौठानों हेतु 3 चरणों में स्वीकृति प्रदान की गयी है। जिसके अंतर्गत तृतीय चरण के गौठानों में मूलभूत सुविधाओं का कार्य प्रगतिरत है। जिन्हें जल्द से जल्द से पूर्ण कराये जाने हेतु शासन द्वारा निर्देशित किया गया है। गौठानों में जैविक खाद निर्माण हेतु कृषि विभाग नोडल विभाग है। कृषि विभाग द्वारा स्वसहायता समूहों को प्रशिक्षण प्रदाय किया गया है एवं आवश्यकतानुरूप समय-समय पर मार्गदर्शन भी प्रदाय किया जाता है।

खाद की गुणवत्ता नियंत्रण हेतु सैंपल भी समय-समय पर प्रयोगशाला में प्रेषित किया जाता है। जिले के गौठानों में बिजली एवं पानी की उपलब्धता हेतु विद्युत विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग एवं समस्त जनपद पंचायतों को निर्देशित किया गया है। इसके अनुरूप संबंधित विभागों द्वारा इस हेतु समुचित प्रयास करते हुए कार्य कराये जा रहे हैं।

गौठानों में मवेशियों के सूखा चारा की उपलब्धता हेतु किसानों को प्रेरित कर जिला अंतर्गत कुल 101250 क्विंटल पैरादान कराया गया है। साथ ही पैरा के संरक्षण हेतु बेलर मशीन से बंडल तथा पशु विभाग के द्वारा पैरा उपचार भी कराया गया है। गौठानों में समूहों के द्वारा बाड़ी, मत्स्यपालन, मशरूम उत्पादन, मुर्गीपालन, बकरीपालन एवं अन्य आयमूलक आजीविका गतिविधि विभागीय सहयोग से संचालित की जा रही है। जिससे उनकी आय में भी वृद्धि हुई है।

Lokesh Rajak

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