राजनांदगांव। जिला भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के जिलाध्यक्ष व पार्षद दल के प्रवक्ता शिव वर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता भारत रत्न तथा करोड़ लोगों के दिलों पर राज करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई को शत शत नमन जिन्होंने छत्तीसगढ़ वासियों के भावनाओं को सम्मान कर छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया। छत्तीसगढ़ राज्य के स्थापना दिवस पर राज्य निर्माण में लगे समाज के सभी लोगों को समस्त भाई बहनों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
वर्मा ने आगे कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी का छत्तीसगढ़ से गहरा लगाव रहा है। अटलजी ने वर्ष 1998 में सप्रेशाला रायपुर के मैदान में एक अटल प्रतिज्ञा की थी। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रायपुर के जिस सप्रे स्कूल मैदान में राज्य निर्माण का वादा किया था। राज्य निर्माण के बाद उसी मैदान में अटलजी का 36 लाख फुलों की पंखुडिय़ों से ऐतिहासिक अभिनंदन किया गया। तत्कालीन भाजपा के जिलाध्यक्ष अशोक बजाज बताते हैं कि राज्य निर्माण के बाद वर्ष 2000 में प्रधानमंत्री के रूप में पहली बार छत्तीसगढ़ आए थे। सप्रे स्कूल मैदान में ही उनका भव्य स्वागत किया गया।
उस दौरान छत्तीसगढ़ में भाजपा के पितृ पुरुष माने जाने वाले लखीराम अग्रवाल भी मौजूद थे। तत्कालीन अटल सरकार के केंद्रीय मंत्री रमेश बैस, डॉ. रमन सिंह और प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार साय, सच्चिदानंद उपासने मौजूद थे। ऐसे पूरी हुई अटल के राज्य निर्माण की प्रतिज्ञा अटल बिहारी वाजपेयी का छत्तीसगढ़ से गहरा लगाव रहा है। उनके शासनकाल में ही 1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण हुआ और छत्तीसगढ़ देश का 26वां राज्य बना। इसलिए उन्हें छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माता भी कहा जाता है। अटलजी के जन्मदिन में स्मरण लिखते हुए अशोक बजाज ने बताया था कि अटल बिहारी वाजपेयी ने वर्ष 1998 में सप्रेशाला रायपुर के मैदान में एक अटल प्रतिज्ञा की कि यदि आप लोकसभा की 11 में से 11 सीटों में भाजपा को जिताएंगे तो मैं तुम्हे छत्तीसगढ़ राज्य दूंगा। लोकसभा चुनाव का परिणाम आया। भाजपा को 11 में से 8 सीटें मिली लेकिन केंद्र में अटल सरकार फिर से बनी।
प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी ने अपनी प्रतिज्ञा के अनुरूप राज्य निर्माण के लिए पहले ही दिन से प्रक्रिया प्रारंभ कर दी। एेसे बना छत्तीसगढ़ राज्य मध्यप्रदेश राज्य पुनर्निर्माण विधेयक 2000 को 25 जुलाई 2000 में लोकसभा में पेश किया गया। इसी दिन बाकी दोनों राज्यों के विधेयक भी पेश हुए। 31 जुलाई 2000 को लोकसभा में और 9 अगस्त को राज्य सभा में छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के प्रस्ताव पर मुहर लगी। 25 अगस्त को राष्ट्रपति ने इसे मंदूरी दे दी। 4 सिंतबर 2000 को भारत सरकार के राजपत्र में प्रकाशन के बाद 1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ देश के 26वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आया और एक अटल प्रतिज्ञा पूरी हुई।
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