राजनांदगांव : तेंदुए का शिकार घटनास्थल से 300 मीटर दूर खेत में मिले खून से सने औजार, 3 संदेही हिरासत में…

राजनांदगांव : गंडई क्षेत्र के ग्राम मगरकुंड के जंगल में तेंदुआ मृत अवस्था में मिला। तेंदुए के कुछ अंग गायब हैं। इसलिए शिकार की आशंका जताई जा रही है। वन विभाग की टीम ने अचानकमार अभ्यारण के डॉग स्क्वॉड की मदद से आसपास के तीन ग्रामीणों से संदेह के आधार पर हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है। घटनास्थल से 300 मीटर की दूरी पर खून से रंगे औजार बरामद हुए हैं।

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इसलिए तेंदुए के शिकार होने की आशंका के एंगल से टीम जांच कर रही है। डीएफओ संजय यादव का कहना है कि फॉरेस्ट की टीम को घटनाक्रम से जुड़े सुराग मिले हैं। उम्मीद है कि जल्द मामले का पर्दाफाश भी हो जाएगा।

तेंदुए के सामने के दो पंजे, मूंछ के बाल, सिर के ऊपर की चमड़ी और दांत गायब होने की पुष्टि होते ही प्रथम दृष्टया ही मामला शिकार का लगा। इसलिए फॉरेस्ट की टीम ने अचानकमार अभ्यारण से स्निफर डॉग की टीम बुलाई। डीएफओ यादव ने बताया कि डॉग ने घटना से 300 से 400 मीटर की दूरी पर सूंघकर अहम सुराग दिए।

पोस्टमार्टम करने वाले पशु चिकित्सा विभाग के डॉक्टरों ने यह आशंका जताई
पोस्टमार्टम करने के लिए पशु चिकित्सा विभाग के डॉक्टरों की टीम बनाई गई थी। डॉ.अजय शर्मा, डॉ.सत्यजीत मेश्राम, गंडई के डॉ.संदीप इंदुरकर ने पोस्टमार्टम किया। डॉ इंदुरकर ने दैनिक भास्कर को बताया कि तेंदुए के शरीर में जहर की पुष्टि नहीं हुई।

इतना पता चला है कि दम घुटने से मौत हुई है पर कैसे दम घुटा, यह स्पष्ट नहीं हो रहा है। आशंका है कि बड़ी चालाकी से तेंदुए को पहले सुस्त किया गया हो, इसके बाद मार दिया गया। डॉ.इंदुरकर ने बताया कि तेंदुए के शरीर के कुछ अंग फोरेंसिक लैब भेजे गए हैं। मामले में लैब की जांच रिपोर्ट अहम होगी।

ऐसे पहुंचे संदेहियों तक
घटनास्थल पर जिस प्रजाति की लकड़ी बरामद हुई है। 300 मीटर की दूरी पर एक खेत में उसी प्रजाति की एक और लकड़ी बरामद हुई। वहीं खेत से खून से सने हुए औजार मिलने पर खेत के मालिक को पूछताछ के लिए बुलाया गया। पूछताछ में दो और संदेहियों का नाम सामने आने पर उनसे भी पूछताछ की गई है।

डीएफओ ने बताया कि फॉरेस्ट की टीम आरोपियों के चेन के करीब पहुंच गई है। बताया कि दूसरी जगह से उठाकर तेंदुए को लाया गया है। इसलिए आशंका कि इस काम में पांच से छह लोग शामिल हो सकते हैं।

पहले से थी चहलकदमी
तेंदुए का शव मंगलवार शाम को जंगल मिला पर रात होने की वजह से बुधवार सुबह जांच शुरू की गई। पीएम रिपोर्ट में पता चला है कि मौत 22 फरवरी को हुई है। बता दें कि इसके पहले गरकुंड से पैलीमेटा की ओर जाने वाले मार्ग पर तेंदुए की चहलकदमी पहले से ही थी। ग्रामीणों ने कई बार तेंदुए को इस ओर देखा है। हैरत की बात यह है कि वन विभाग की टीम ने निगरानी में नहीं रखा और शिकारी सक्रिय रहे।

पीएम के बाद प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार
पोस्टमार्टम करने के बाद प्रोटोकाॅल के तहत अफसरों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया। डीएफओ यादव ने बताया कि आरोपियों को हिरासत में लेने के लिए टीम सक्रिय कर दी गई है। लोकल शिकारियों से पूछताछ कर रहे हैं। संदेह के आधार पर घरों की तलाशी भी ली जाएगी।

source bhaskar.com