राजनांदगांव – केन्द्र सरकार की वनधन योजना से दीपावली पर्व मे राजनांदगांव जिले के वनांचल क्षेत्र की मिठास महुआ लड्डू के रूप में पूरे देशभर में घुल रही है। इस महुआ लड्डू की मांग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैबिनेट सहित छत्तीसगढ़ के कई जिलों और अमेजॉन फ्लिपकार्ट पर भी हो रही है। वहीं महुआ लड्डू बनाकर महिलाएं आर्थिक रूप से संपन्नता की राह पर भी चल पड़ी है।
केन्द्र सरकार की वनधन योजना से राजनांदगांव वन विभाग के महुआ प्रसंस्करण केंद्र में इन दिनों दीपावली की मिठास को दोगुनी करने जय मां फिरन्तीन महिला समूह के द्वारा 1000 किलो महुआ लड्डू, चिल, गुड, फल्ली और महुआ के फूल की सहायता से तैयार किया जा रहा है। इस विशेष महुआ लड्डू की मांग सोशल मार्केटिंग वेबसाइट, अमेजॉन, फ्लिपकार्ट सहित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केबिनेट तक है। इन महिलाओं ने माहुआ के लड्डू तैयार कर प्रधानमंत्री कैबिनेट के लिए इस दीपावली की मिठास को बढ़ाने दिल्ली भेजा है। वन विभाग की वनधन विकास योजना के माध्यम से वनांचल क्षेत्र की महिलाएं महुआ के फूल एकत्रित करती हैं और फिर इन फूलों को राजनांदगांव महुआ प्रसंस्करण केंद्र में लाया जाता है, जहां महिलाएं महुआ से महुआ अचार, महुआ कुकिज, महुआ चटनी, महुआ शरबत, महुआ चक्की तैयार कर रही है।
इसके अलावा इस प्रसंस्करण केंद्र में जामुन चिप्स भी बनाया जा रहा है। इस बार दीपावली पर्व को ध्यान में रखते हुए विशेष रूप से तैयार किए गए महुआ के लड्डू 500 रूपये प्रति किलो के दर से विक्रय हो रहे हैं, जो स्वास्थ्यवर्धक होने के साथ ही अपने विशेष स्वाद के लिए पहचाना जाने लगा है। लगभग 1000 किलो तैयार किए गए इस महुआ लड्डू से महिलाओं को 10 से 12 लाख रुपए की आय हुई है। पहले परिवार की आर्थिक स्थिति के लिए संघर्ष कर रही, इन महिलाओं ने अपनी मेहनत के बल पर और वन विभाग की योजनाओं से जुड़कर आज वनोपज महुआ से आर्थिक तरक्की की राह तय की है, जिसके लिए इन महिलाओं को प्रतिमाह 8 से 10 हजार की आर्थिक सहायता हो रही है।
महुआ के उत्पादों को बनाने के लिए इन महिलाओं को विशेष प्रशिक्षण दिया गया, वहीं इन उत्पादों को बनाने के बाद महुआ प्रसंस्करण केंद्र में बने लैब में इसकी गुणवत्ता की जांच भी की जाती है। महुआ प्रसंस्करण केंद्र के टेक्नीशियन देवेश जंघेल ने कहा कि समय-समय पर महिलाओं को महुआ के विभिन्न उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दिया जाता है, जिसमें हाल ही में महुआ कुकीज और महुआ लड्डू काफी बेहतर उत्पाद साबित हुआ है। वहीं महुआ से निर्मित इन उत्पादों के सेवन से बेहतर स्वास्थ्य का निर्माण भी होता है।
वनांचल क्षेत्र में अब तक महुआ को ज्यादातर शराब बनाने में उपयोग किया जाता रहा है लेकिन महुआ से बनने वाले बिस्किट, अचार, चटनी, शरबत लड्डू जैसे उत्पादों को देखकर अब इस महुआ का सदुपयोग कर अधिक लाभ अर्जित किया जा रहा है। वनधन विकास योजना के तहत वनांचल क्षेत्र के लोग महुआ एकत्रित करने में लगे हुए हैं और इन महुआ को अब शराब के लिए नहीं बल्कि बेहतर सेहत के लिए उपयोग किया जा रहा है। महुआ लड्डू को लेकर राजनांदगांव के कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने कहा कि महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए वनधन विकास योजना के माध्यम से वन विभाग के महुआ प्रसंस्करण केंद्र में महुआ से बने खाद्य उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं।
राजनांदगांव शहर के महुआ प्रसंस्करण केंद्र में तैयार किए जा रहे महुआ के लड्डू हाल ही में शुरू हुए छत्तीसगढ़ शासन की धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर पर भी उपलब्ध है। महुआ के इस खाद्य उत्पाद को बनाने के लिए जय मां फिरन्तीन महिला समूह की 7-8 महिलाएं और अन्य पुरुष इन कार्यों में लगे हुए हैं। वहीं दीपावली पर्व के लिए विशेष तौर पर तैयार किए गए 1000 किलो महुआ के लड्डू को रात दिन की मेहनत में 30 से 40 महिलाओं ने तैयार किया है और दीपावली पर उपहार देने के लिए महुआ लड्डू की आकर्षक पैकेजिंग भी की है, जिससे वनांचल की मिठाई की मिठास दीपावली के इस पर्व पर घुल रही है।
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