राजनादगांव- समर्थन मूल्य पर धान बेचने से पहले राज्य शासन द्वारा एक आदेश जारी कर फूड विभाग को जिले में बनाए गए राशन कार्डो के सत्यापन का निर्देश जारी किया गया है। इस सत्यापन में ऐसे किसानों की पड़ताल होगी , जिन्होंने 5 एकड़ से अधिक जमीन होने के बाद भी गरीबी रेखा कार्ड बना रखा है। मजे की बात यह है कि इस प्रकार में ऐसे किसान भी लपेटे में आएंगे जिन्होंने राशन कार्ड होने के बाद भी शासन को थोक में धान बेचा है।
मिली जानकारी के अनुसार राज्य शासन को इस बात की जानकारी मिली है कि कई राशन कार्ड धारियों द्वारा जमीन होने की बात को छिपाया गया है। 5 एकड़ से अधिक जमीन होने के बाद भी कई हितग्राहियों द्वारा भूमिहीन की जानकारी दी गई है ।जिसे लेकर राज्य शासन द्वारा भौतिक सत्यापन किए जाने के निर्देश दिए गए हैं ।उल्लेखनीय है कि जिले में खाद्य विभाग द्वारा 3 लाख से अधिक राशन कार्ड के जरिए हितग्राहियों को लाभ दिया जा रहा है सूत्रों ने बताया कि राशन कार्ड बनाने के दौरान ऑपरेटरों ने भी ठोक में गलतियां की है। जिसके चलते जमीन होने के बाद भी हितग्राहियों की जानकारी भूमिहिन दर्शाई गई है। बरहाल इस पूरे मामले की जांच में चौंकाने वाला खुलासा भी हो सकते हैं।
राशन कार्ड और पंजीयन का होगा मिलान
समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए किसानों ने पंजीयन करा लिया है। जिसमें किसानों ने बकायदा राशन कार्ड भी दे रखा है। वहीं दूसरी तरफ राशन कार्ड बनाने के दौरान भी आधार कार्ड लिंक किया गया है ।अब इसी को आधार बनाकर अब अफसर दोनों मामले की जांच करेंगे। जिसके बाद थोक में हितग्राहियों को राशन कार्ड से वंचित होना पड़ सकता है।
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