राजनांदगांव कोरोना के इस दूसरे लहर में एक और जहां शहर में कई सेवाभावी लोगों द्वारा आगे बढ़कर सेवा की जा रही है । वहीं दूसरी और यह आपदा कुछ प्राइवेट अस्पतालों के लिए अवसर का समय बन गया है ।
हालात यह है कि कोविड-19 इलाज के लिए निजी अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों से लाखों रुपए की वसूली की जा रही है । जबकि 2 सप्ताह पहले ही राज्य सरकार ने इलाज के लिए दर निर्धारित कर दिया है । इसके बाद भी प्राइवेट अस्पताल है कि मानने को तैयार नहीं है।
उल्लेखनीय है कि दूसरे लहर में मरीजों की तादाद बढ़ने के बाद से एक बार फिर बैड को लेकर मारामारी है । शासकीय अस्पतालों में बेड नहीं होने के चलते अब लोग निजी अस्पतालों की ओर रुख करने लगे हैं ।लेकिन निजी अस्पतालों द्वारा जमकर मनमानी की जा रही है।
भर्ती के समय तो मरीजों को कुछ नहीं बताया जाता लेकिन जब बिल बनाने की बारी आती है तो जमकर वसूली की जा रही है हालात यह है कि 4 से 5 दिन ही अस्पताल में भर्ती रहने पर भी डेढ़ लाख से 2 लाख तक का बिल बन रहा है।
हो चुकी है कई शिकायत
ऐसा नहीं है कि निजी अस्पतालों द्वारा लाखों का बिल बनाए जाने की शिकायत सामने नहीं आई है । जनप्रतिनिधियों के साथ ही कई समाजसेवियों ने प्रशासन के सामने यह मुद्दा उठाया है लेकिन प्रशासन की ढिलाई का फायदा निजी अस्पताल उठाते दिखाई पड़ रहे हैं गरीब अमीर सब के इलाज के लिए यह अस्पताल लाखों रुपए का बिल वसूल रहे हैं।
एचआरसिटी के लिए उमड़ रही लोगों की भीड़, इनसे वसूल रहे हैं डबल रकम
राजनांदगांव ऐसा नहीं है कि संक्रमण काल सिर्फ निजी अस्पतालों ने ही इसका आपदा के समय लूट मचा रखी हो बल्कि इस मामले में शहर के डायग्नोस्टिक सेंटर भी पीछे नहीं हैं इनके द्वारा लोगों से अधिक पैसा वसूला जा रहा है । जिला प्रशासन द्वारा बीते दिनों प्रदेश स्तर के निर्देश बाद एचआरसीटी व सीटी स्कैन का दर निर्धारित किया गया है लेकिन इसके बाद भी डायग्नोस्टिक सेंटर वाले लोगों से तय दर से डबल रकम वसूल रहे हैं ऐसे में गरीब से लेकर मध्यम परिवार के लोगों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
राज्य द्वारा यह दरे तय
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी नई दरों के मुताबिक गंभीर स्थिति वाले मरीजों के उपचार के लिए रोजाना 12 हजार का शुल्क निर्धारित किया गया है इनमें बगैर वेंटिलेटर के आईसीयू सुविधा शामिल है । अति गंभीर मरीजों के इलाज के लिए 17 हजार प्रतिदिन की दर निर्धारित की गई है इनमें वेंटीलेटर के साथ आईसीयू सुविधा को शामिल किया गया है इसके साथ एनबीएच से गैर मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों के लिए मांडरेट , गंभीर और अति गंभीर मरीजों के इलाज के लिए प्रतिदिन 6200 रूपए 10 हजार एवं 14 हजार रुपए का शुल्क निर्धारित कर दिया गया है।










































