राजनांदगांव 28 जून 2021- सड़क दुर्घटना के बाद अपने पैर गंवा चुके युवक का चिखली पुलिस चौकी प्रभारी के एसआई चेतन सिंह चंद्राकर ने कृत्रिम पैर लगवाया और उसे अपराध की राह पर जाने से भी बचा लिया।
राजनंदगांव शहर के मोतीपुर रामनगर क्षेत्र में रहने वाले वशिष्ठ रामटेके के पैर में सड़क दुर्घटना के बाद चोट आई थी, जिसका उसने बहुत इलाज कराया और अपनी सारी पूंजी ईलाज में गंवा दी, लेकिन पैर ठीक नहीं हुआ और धीरे-धीरे सड़ता गया। हालात खराब होते देख चिकित्सकों ने उसका बाया पैर काट दिया।
पैर कटने के बाद वह बेरोजगार हो गया, कपड़ा दुकान की मामूली नौकरी थी वह भी छूट गई। परिवार के सामने फांके के हालात हो गए, माता-पिता पत्नी और एक बच्ची के पालन पोषण की जिम्मेदारी वशिष्ठ रामटेके ही उठाते आ रहा था अब हालात जवाब दे चुके थे और घर में अन्न भी खत्म हो गया था। ऐसे में उसके सामने और कोई जरिया नजर नहीं आ रहा था, तभी पत्रकारों के एक व्हाट्सएप ग्रुप में एक पत्रकार ने उसके हालात की जानकारी डाली, इस समूह में जुड़े चिखली पुलिस चौकी के एएसआई चेतन सिंह चंद्राकर ने मामले की तस्दीक करवाई और त्वरित राहत के तौर पर वशिष्ठ रामटेके के घर राशन भिजवाया।
इसके बाद उसके कृतिम पैर लगाने के लिए एसआई ने समाजसेवी अंजुम अल्वी और नरेंद्र डाकलिया से संपर्क किया, जिसके बाद रायपुर में कृत्रिम पैर लगाने की व्यवस्था की गई और कृत्रिम पैर का निर्माण होते तक उसके रायपुर में रुकने खाने-पीने का प्रबंध भी किया गया। बिना पैर के बैसाखी के सहारे चलने वाला वशिष्ठ रामटेके आज अपने कृत्रिम पैर के सहारे चलकर पुलिस चौकी तक एसआई चेतन सिंह चंद्राकर का आभार जताने पहुंचा। उसने पुलिस चौकी पहुंचकर अपने लिए किए गए इस उपकार के लिए एसआई चेतन सिंह चंद्राकर और पत्रकारों का धन्यवाद किया।
चिखली चौकी प्रभारी एसआई चेतन सिंह चंद्राकर ने अपनी संवेदनशीलता और मानवता का परिचय देते हुए बिना देर किए वशिष्ट रामटेके की सहायता की, उसके हालात देखकर कुछ लोगों ने वशिष्ट रामटेके को शराब और गांजा बेचने की सलाह भी दे दी थी, लेकिन समय रहते ही एसआई चेतन सिंह चंद्राकर वशिष्ट रामटेके तक पहुंच गए और उसकी तत्कालीन समस्याओं का निदान किया, जिससे एक युवा अपराधियों के सियाह अंधेरे में जाने से बच गया और अब कृत्रिम पैर लगने से उसके सामने उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है। एसआई चेतन सिंह चंद्राकर का कहना है कि वशिष्ट रामटेके के लिए हर संभव सहायता की जाएगी, आज उसे अपने पैरों पर चलता देखकर बेहद खुशी हो रही है।
चेतन सिंह चंद्राकर की मदद से आज वशिष्ठ रामटेके फिर से अपने पैरों पर खड़ा हो गया है, लेकिन अब वह अपनी जीविका चलाने के लिए रोजगार उपलब्ध कराने की गुजारिश कर रहा है, ताकि अपने माता-पिता, पत्नी और अपनी बच्ची का भरण पोषण कर सके।
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