राजनांदगांव। धर्म नगरी डोंगरगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना में पहले से ही भारी गड़बड़ी देखने को मिल रही है। कई लोग आधार कार्ड में पता बदलवाकर योजना का लाभ ले रहे है।
ग्राम पंचायत चिद्दो निवासी लालचंद पटेल जो कि वर्तमान में ग्राम पंचायत चिद्दो में सरपंच पद पर हैं, ने वर्ष 2018 में शहर के वार्ड नंबर 23 में प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लेने आधार कार्ड में पता को बदल कर आवास योजना का लाभ प्राप्त कर लिया है, जबकि इनका शहर मतदाता सूची में नाम ही नहीं है और ना ही राशन कार्ड है।
सिर्फ जमीन रजिस्ट्री और आधार कार्ड के आधार पर आवास योजना का लाभ लेते हैं। इतना ही नहीं आवास योजना का लाभ लेने ग्रामीण पते एवं शहरी पते की दो आधार कार्ड फाइल में संलग्न करते हैं। इनके द्वारा शपथ पत्र भी नहीं दिया गया। फिर भी प्रधानमंत्री आवास बन गया। आवास का लाभ लेने के बाद फिर इन्होंने अपने निवास ग्राम पंचायत चिद्दो से चुनाव भी लड़ते हैं और जीत कर सरपंच पद पर बैठते हैं।
सरपंच ने ग्रामीण क्षेत्र में अपनी पत्नी के नाम पर भी आवास योजना का लाभ लेने का प्रयास करते हैं और ग्राम पंचायत भवन में इनकी पत्नी का नाम आवास योजना के प्रतीक्षा सूची में अंकित हुआ दिखाई पड़ता हैं। सोचने की बात यह भी की क्या ये आवास योजना का लाभ शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र में ले सकते हैं। देखाजाय तो शहरी क्षेत्र में लगातार प्रधानमंत्री आवास योजना में भारी गड़बड़ी देखने को मिल रहा है।
लगातार मीडिया ने इस विषय को लेकर समाचार प्रकाशित भी करते आ रहे हैं, फिर भी शासन प्रशासन इस विषय में गंभीरता नहीं दिखाते हुए खाना पूर्ति कर दोषियों को क्लीन चीट देकर अपना जेब गर्म करने में लगे हुए है। जबकि प्रधानमंत्री आवास ‘योजना शुरू हुई तो भी प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी और आज भी इनकी सरकार है। डोंगरगढ़ क्षेत्र में आवास योजनाओं को लेकर सूत्रों की माने तो बिना जमीन के कागज, पहाड़ी, तालाब किनारे जहां पर सरकार पट्टा वितरण भी नहीं करती ऐसी जगहों पर आवास योजनाओं का लाभ लोग ले बैठें हैं।
शहर के कई ऐसे वार्ड हैं जहां पर पूंजीपतिओं ने भी सरकारी जमीन को अतिक्रमण कर आवास योजना का लाभकर मकान को बेच भी दिया है। भ्रष्टाचार तो इस योजना में जमकर देखने को मिलता है। जबकि इस योजना में आर्किटेक्ट, आवास मित्र की नियुक्ति भी की जाती हैं इनका काम है कि धरातल पर जाकर सारे दस्तावेजों को चेक कर नियमावली का पालन कर जरूरत मन्द लोगों को आवास योजनाओं का लाभ दे सके लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।
आवास योजना में इतनी भर्राशाही हो रही है कि सरकार से नियुक्त आर्किटेक्ट, आवास मित्र अपनी मनमानी करने में लगे हुए हैं। कोई शिकायत करता भी है तो ऊपर से जाँच में आए अधिकारी अपनी जेब गर्म करके इनको क्लीन चीट देकर चले जाते हैं। इससे इनका मनोबल इतना बढ़ गया है कि किसी और का मकान किसी और गांव का रहने वाला शहर में आवास बना रहा है।
पूरे मामले को लेकर नगर पालिका अधिकारी चंद्रकांत शर्मा का कहना हैं कि मैं तो अभी नया हूं जानकारी आप लोगों से मिल रही है उन्होंने सूडा को पत्र लिख कर उनसे जांच करने की मांग कर दोषियों पर उचित कानूनी कार्यवाही करने की बात कही है।
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