जिले में कुल 275 चारागाह में नेपियर घास, मक्का एवं अन्य बीज लगाया गया मवेशियों को आसानी से हो रहा चारा उपलब्ध
राजनांदगांव – शासन की सुराजी गांव योजना से ग्रामीण परिवेश बदल रहा है। गौठान हमारी छत्तीसगढ़ी संस्कृति का अंग रहे हैं। शासन ने छत्तीसगढ़ी संस्कृति का संरक्षण किया है। मवेशियों की सुरक्षा और चारा-पानी के लिए गौठान में ही चारागाह विकसित किये जा रहे हैं। मानपुर विकासखंड के ग्राम जपकसा में ढाई एकड़ भूमि में चारागाह में नेपियर घास लगाई गई है। अब मवेशियों को आसानी से चारा उपलब्ध हो जाएगा। वहाँ देशी वॉच टावर मचान से श्री विनय कावलिया चारागाह की निगरानी करते नजर आए।
सभी विकासखंडों में चारागाह विकसित किए गए हैं और समूह की महिलाओं द्वारा वहां नेपियर घास लगाया गया है। नेपियर घास के विक्रय से समूह की महिलाओं की आमदनी बढ़ी है। उल्लेखनीय है कि जिले में कुल 275 चारागाह है वहीं 316 चारागाह की स्वीकृति मिली है। जिले में 754 एकड़ रकबा में चारागाह विकसित किए गए हैं। जहां नेपियर घास, मक्का बीज एवं अन्य बीज लगाएं गए हैं।
- सुशासन का एक साल छत्तीसगढ़ हुआ खुशहाल मोहला 22 दिसंबर…
- गृहमंत्री अमित शाह के हाथों गैलेंट्री अवॉर्ड वीरता पदक से सम्मानित हुए रोहित कुमार…
"रुद्राक्षम् वेलफेयर सोसाइटी का प्रयास खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्त्रोत" - खूबचंद पारख साईं राजनांदगांव और…
सुशासन सप्ताह अंतर्गत विकासखंडों में किसान सम्मेलन का आयोजन - विष्णु की पाती पाकर गदगद…
दृष्टि दोष से पीड़ित छात्र-छात्राओं का तत्काल हुआ इलाज पीड़ित छात्रों को दवाई के साथ…
*जनादेश परब* *- मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का संदेश विष्णु की पाती पाकर महतारी…
This website uses cookies.