राजनादगांव – स्वास्थ्य विभाग के सख्त निर्देश के बाद भी शहर के निजी अस्पताल द्वारा आयुष्मान योजना के तहत स्मार्ट कार्ड नहीं बना बनाए जा रहे हैं। जिसके चलते हितग्राहियों को अस्पताल के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। निजी अस्पताल प्रबंधक कोरोना संक्रमण का हवाला देकर कार्ड बनाने से परहेज करने लगे हैं, जिसके चलते लोगों में आक्रोश की स्थिति निर्मित होने लगी है। मिली जानकारी के अनुसार जिले में मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आयुष्मान भारत योजना के तहत स्मार्ट कार्ड बनाए जा रहे हैं। जबकि जिले के प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है ।स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्राइवेट अस्पताल प्रबंधकों को भी स्मार्ट कार्ड बनाने के निर्देश दिए हैं इसके बाद भी प्राइवेट अस्पताल प्रबंधकों द्वारा कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है । जिसके चलते लोगों में कार्ड बनाने चक्कर काटना पड़ रहा है ।हाल ही में मेडिकल कॉलेज में ही स्मार्ट कार्ड बनाने शिविर का आयोजन किया गया है।
50 हजार से 5 लाख तक का इलाज की सुविधा
जिले में बनाए जा रहे आयुष्मान कार्ड में एपीएल श्रेणी का राशन कार्ड धारकों को 50 हजार तक का इलाज मुफ्त में कराने की सुविधा दी जाएगी ,जबकि गरीबी रेखा वाले बीपीएल कार्ड धारकों को 5 लाख तक का इलाज 1 साल मुफ्त में इस कार्ड के जरिए किया जाएगा।
अव्यवस्था के बीच लग रही कतारे
शुक्रवार को मेडिकल कॉलेज में कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई है इस दौरान सुबह से ही लोगों को कार्ड बनाने भीड़ का हिस्सा बनना पड़ रहा है। अस्पताल के सामने जहां इमरजेंसी मरीज आते हैं उसी के सामने कार्ड बनाने लोगों की भीड़ लगी हुई हैं। इस अव्यवस्था को सुधारने प्रबंधक द्वारा भी प्रयास नहीं किया गया।
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