रायपुर, 29 सितम्बर 2021छत्तीसगढ़ सरकार की सुराजी गांव योजना के तहत गांवों में बने गौठान और गोधन न्याय योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में गति आने के साथ ही रोजगार के अवसर बढ़े हैं। गौठानों में गोबर खरीदी से लेकर जैविक खाद के उत्पादन एवं अन्य आयमूलक गतिविधियों से जुड़कर स्व-सहायता समूह की महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रही है। महिलाओं एक नया आत्मविश्वास जगा है।
बेमेतरा जिले के बेरला विकासखण्ड के अन्तर्गत ग्राम पंचायत सांकरा के आदर्श गौठान से जुड़े स्व-सहायता समूहों की महिलाओं ने अपनी लगन और मेहनत से स्वावलंबन की एक नई मिसाल गढ़ी है। ये सभी समूह गौठानों में आजीविका की अलग-अलग गतिविधियों से जुड़कर आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर है। समूहों की महिलाएं अपनी आर्थिक गतिविधियों को विस्तार देने में भी लगी हुई है। अन्य महिला समूहों को अपने साथ जोड़कर गौठान से जुड़ी स्व-सहायता समूह की महिलाएं निकट भविष्य में मुर्गी पालन, अगरबती निर्माण, मशरूम उत्पादन और दोना-पत्तल निर्माण जैसी गतिविधियों भी शुरू करने की प्लानिंग कर रही है।
ग्राम पंचायत सांकरा जनपद पंचायत बेरला से लगभग 07 कि.मी. दूर रायपुर रोड पर स्थित हैं। सांकरा में निर्मित गौठान में पशुओं के चारे-पानी एवं देखरेख के प्रबंधन के साथ ही गोधन न्याय योजना के अंतर्गत नियमित रूप से गोबर खरीदी की जा रही है। गोबर से महिला समूहों वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट का उत्पादन कर रहे हैं। इस गौठान में आने वाले पशुओं के हरे चारे के लिए लगभग साढ़े चार एकड़ में चारागाह विकसित किया गया है, जिसमें से डेढ़ एकड़ में नेपियर घास, एक एकड़ में पैराग्रास तथा 2 एकड मंे मक्का की बुआई की गई है। जिसमें गौठान में चारों ओर हरियाली नजर आती है। इस गौठान में दो एकड़ में सुन्दर उद्यान विकसित कर विभिन्न प्रजातियों के 700 पौधों का वृक्षारोपण किया गया है। इसे एक आदर्श गौठान के रूप में विकसित किया गया हैं।
सांकरा गौठान से महिला विकास स्व-सहायता, समूह संघर्ष महिला स्व-सहायता समूह, जय मां बंजारी स्व-सहायता समूह, जय मां बम्लेश्वरी स्व-सहायता समूह, और समृद्धि स्व-सहायता समूह जुडे हैं। महिला विकास स्व-सहायता समूह गोबर से वर्मी कम्पोस्ट, का कार्य कर रहा है। इस कार्य के अलावा यह समूह फिनाईल का भी निर्माण करता है। संघर्ष महिला स्व-सहायता समूह की महिलाएं फेब्रिक वर्क का कार्य पूरी क्षमता के साथ कर रही है। जय मां बंजारी स्व-सहायता समूह गौठान के चारागाह में बाडी का विकास का कार्य कर रही है, और मां बमलेश्वरी स्व-सहायता समूह भेंड़ पालन का कार्य कर रही है।
गौठान से जुड़ा हुआ समृद्धि स्व-सहायता समूह हैण्डीक्राफट का काम में जुटा है। ये सारे समूह गौठान को मल्टी-एक्टिविटी सेण्टर के रूप में विकसित करने में पूरा योगदान दे रहे हैं। सांकरा गौठान में क्रय किए गए 1873 क्विंटल गोबर से अब तक 560 क्विंटल वर्मी खाद का उत्पादन हुआ, जिसमें से 455.50 क्विंटल वर्मी बिक चुकी है। इस गौठान से जुडे समूह की महिलाएं अपनी आयमूलक गतिविधियों से हो रहे लाभ से उत्साहित है। महिलाएं भविष्य में अन्य समूहों को अपने साथ जोडकर आयमूलक गतिविधियों को विस्तारित करने तथा सांकरा गौठान को आदर्श मल्टीएक्टिविटी सेंटर बनाने में जुटी है।
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