छत्तीसगढ़

रायपुर : मनरेगा मजदूरों को समय पर नहीं मिल रहा भुगतान, मनरेगा के समयबद्ध मजदूरी भुगतान में 25 प्रतिशत की गिरावट….

रायपुर- महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना मजदूर परिवारों को गांव में ही  रोजगार उपलब्ध कराने की गारंटी तो देता ही है, साथ ही उन मजदूरों को  समय सीमा में मजदूरी पाने का अधिकार भी देता है । इस कार्य के लिए बकायदा मॉनिटरिंग सिस्टम बनाए गए है, जिसकी राज्य स्तर से समीक्षा भी की जाती है।

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15 दिवस  के भीतर अगर भुगतान नहीं होता तो जिस स्तर में लापरवाही हुई है उसको जुर्माने का भी प्रावधान है। किंतु यह कठोर नियम क्या केवल  संविदा में कार्य करने वाले मनरेगा कर्मचारियों के लिए है, या फिर इनके हड़ताल में जाने के बाद जिन रेगुलर स्टाफ को प्रभार दिया गया है उनके ऊपर भी लागू होता है ? यह देखा जाना अभी बाकी है। ऐसा हम इसलिए कह रहे है चूंकि मनरेगा कर्मियों के हड़ताल में चले जाने के बाद एक तो मजदूरों को पर्याप्त मात्रा में काम नहीं मिल पा रहा है, दूसरी तरफ जहां काम कराया गया है वहां भुगतान नहीं किया जा रहा है।

राज्य में समयबद्ध मजदूरी भुगतान के प्रतिशत में 25 प्रतिशत की गिरावट आ गई है।मनरेगा श्रमिकों को अपने कार्य के एवज में 15 दिवस के भीतर मजदूरी पाने का अधिकार है। इसकी संवेदनशीलता इसी बात से लगाई जा सकती है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट भी इसे संज्ञान में लेते हुए राज्य सरकारों से जवाब तलब मांग सकता है।     

छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ के प्रांता अध्यक्ष चंद्रशेखर अग्निवंशी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में मनरेगाकर्मियों की 4 अप्रैल से चल रही हड़ताल के कारण छत्तीसगढ़ में समयबद्ध मजदूरी भुगतान प्रतिशत में भारी गिरावट आई है। जो 31 मार्च 2022 की स्तिथि में छत्तीसगढ़ राज्य का प्रतिशत  96.72 था वो 19 मई 2022 को  71.21 प्रतिशत हो गई है, जिसे पुनः पटरी पर लाना बहुत कठिन है। जिसका सीधा असर ग्रामीण जन-जीवन पर पड़ रहा है।

क्या कहता है अधिनियम

9.8 विलंब मुआवजा : महात्मा गांधी नरेगा अधिनियम , 2005 की धारा 3 ( 3 ) के अनुसार , श्रमिकों को साप्ताहिक आधार पर और मस्टर रोल को बंद करने की तारीख से 15 दिनों के भीतर भुगतान किया जाएगा । यदि मस्टर रोल को बंद करने की तारीख से पंद्रह दिनों के भीतर भुगतान नहीं किया जाता है , तो काम मांगने वाला महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम की अनुसूची ॥ के पैरा 29 के अनुसार मस्टर रोल बंद करने के सोलहवें दिन 93 के उपरांत प्रति दिन अवैतनिक मजदूरी के 0.05 % की दर से मुआवजा प्राप्त करने का हकदार होगा ।

Lokesh Rajak

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