इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मिलाकर, लगभग 60 करोड़ लाभार्थियों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत जोड़ा जायेगा। पहले से ही क्लस्टर में 12 और राज्य हैं। इन राज्यों में मध्य प्रदेश, केरल, झारखंड, आंध्र प्रदेश, गुजरात, गोवा, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, राजस्थान और त्रिपुरा शामिल हैं।
इस योजना का उद्देश्य राशन कार्डों की अंतर-राज्यीय पोर्टेबिलिटी सुनिश्चित करना है। यह योजना सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत खाद्यान्न लेने वाले लोगों के लिए उपयोगी है। प्रवासी श्रमिकों के लिए यह प्रणाली अत्यधिक उपयोगी है। भारत में लगभग 37% आबादी प्रवासी मजदूर हैं।
2011 की जनगणना के अनुसार देश में लगभग 81 करोड़ लोग राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत आते हैं। इस अधिनियम के तहत भारत सरकार समाज के सबसे कमजोर वर्गों अर्थात् अंत्योदय परिवारों को कवर कर रही है। इन परिवारों को प्रति माह 35 किलोग्राम खाद्यान्न मिलता है।
भारत सरकार डिपो ऑनलाइन सिस्टम के साथ सार्वजनिक वितरण प्रणाली को एकीकृत करने की योजना बना रही है।
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