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संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना कोष के लिए भारत देगा 150,000 अमेरिकी डॉलर…

भारत ने इस साल संयुक्त राष्ट्र कोष में शांति स्थापित करने की विभिन्न गतिविधियों के लिए 150,000 अमेरिकी डॉलर देने का वादा किया है. 25 जनवरी, 2021 को संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने इस बारे में घोषणा की.

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टीएस तिरुमूर्ति ने यह बताया कि, भारत ने संयुक्त राष्ट्र में शांति स्थापित करने की गतिविधियों के लिए अपना समर्थन बढ़ाया है और अपने इस कार्य के टोकन के रूप में, भारत इस वर्ष शांति स्थापित करने की विभिन्न गतिविधियों और कार्यक्रम के समर्थन के लिए 150,000 अमेरिकी डालर देगा.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने यह कहा कि, वे उन देशों के प्रति आभारी हैं जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र के शांति स्थापना कोष के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र के शांति और संघर्ष की रोकथाम के काम में 439 मिलियन डॉलर से अधिक की सहायता प्रदान की है. उन्होंने यह कहा कि, दुनिया भर में अशांति में वृद्धि को रोकने के लिए और तनाव को कम करने के लिए, बड़े पैमाने पर गहन प्रयासों की आवश्यकता है.

इससे पहले 24 जनवरी को, उन्होंने ट्वीट किया था, “संघर्ष को रोकने और शांति बनाए रखने से अनगिनत लोगों की जान बच सकती है. मैं अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से एक साथ मिलकर #InvestInPeace के लिए अपना योगदान देने का आग्रह करता हूं.”

संयुक्त राष्ट्र में भारत के शांति स्थापित करने के प्रयास

• संयुक्त राष्ट्र में भारतीय राजदूत ने कहा कि, दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में, भारत लोकतंत्र और कानून के शासन को मजबूत करने के लिए शासन संरचना के निर्माण को प्राथमिकता देने की आवश्यकता के प्रति जागरूक है.
• विश्व मंच पर भारत की भूमिका के बारे में बात करते हुए, तिरुमूर्ति ने यह कहा कि, भारत ने हमेशा विकासशील देशों के साथ, विशेष रूप से अफ्रीका और एशिया के साथ अपनी व्यापक विकास साझेदारी के माध्यम से शांति निर्माण के संदर्भ में एक रचनात्मक और महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
• उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि, भारत पर्याप्त अनुदान और उदार ऋण प्रदान करके संघर्षोत्तर स्थितियों में द्विपक्षीय रूप से विभिन्न देशों की सहायता करना जारी रख रहा है.

पृष्ठभूमि

संयुक्त राष्ट्र शांति सेना का लक्ष्य मुख्य रूप से विभिन्न देशों को संघर्ष से शांति तक के कठिन मार्ग से गुजरने में मदद करना है. संयुक्त राष्ट्र की शांति व्यवस्था में वैधता, भार को मिलकर वहन करना और दुनिया भर से सैनिकों और पुलिस को तैनात करने की क्षमता के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और महासभा द्वारा निर्धारित जनादेशों का पालन करवाने के लिए नागरिक शांति दूतों के साथ उन्हें एकीकृत करने की क्षमता भी शामिल है.

SOURCE- JAGRANJOSH.COM

Lokesh Rajak

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