सूरजपुर : सात दिवसीय वैज्ञानिक मुर्गी पालन विषय पर प्रशिक्षण का आयोजन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली की आदिवासी उपयोजना सरगुजा के वित्तीय सहयोग से वेटनरी पॉलीटेक्नीक, सूरजपुर में किया जा रहा है। इस परियोजना के अंतर्गत ग्राम देवीपुर एवं सोनवाही जिला सूरजपुर एवं ग्राम सरगंवा एवं सकालो जिला अंबिकापुर के चार ग्रामों के 100 आदिवासी हितग्राहियों का चयन किया गया है। यह प्रशिक्षण निदेशालय विस्तार दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय, दुर्ग द्वारा वेटनरी पॉलीटेक्नीक, सूरजपुर के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।
इस सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय, दुर्ग के माननीय कुलपति डॉ.एन.पी. दक्षिणकर, वर्चुअल मोड पर उपस्थित रहे। उन्होनें अपने सम्बोधन में कहा कि इस प्रशिक्षण से कम लागत में मुर्गी घर के निर्माण, दाना बनाने की विधियां, मुर्गी के उन्नत जर्मप्लाज्म, रोग प्रतिबंधात्मक टीकाकरण, मुर्गी एवं अंडो का भंडारण एवं विपणन, एवं जैव सुरक्षा द्वारा मुर्गी पालन से अधिक आय प्राप्त करने के विभिन्न उपाय बताये जायेंगे।
उन्होनें सम्बोधन में कहा कि सरगुजा क्षेत्र पोल्ट्री हब के रूप में विकसित हो इस बाबत् विश्वविद्यालय द्वारा यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। निदेशक विस्तार डॉ. आर.पी.तिवारी ने अपने सम्बोधन में बताया कि आदिवासी उपयोजना अंतर्गत मुर्गी के चुजे, उपकरण एवं कुक्कुट आहार चयनित हितग्राही आदिवासी लोगो को दिये जायेंगे।
वेटनरी पॉलीटेक्नीक, सूरजपुर के प्राचार्य डॉ. ए.के.गौर ने बताया कि यह वैज्ञानिक मुर्गी पालन प्रशिक्षण से हितग्राहियों को मुर्गी पालन द्वारा आय में अधिक वृद्धि के तरीके बताए जायंेगे। उपसंचालक, पशुचिकित्सा सेवायें डॉ नरेंद्र सिंह ने कहा कि कुक्कुट वितरण पश्चात् उसका निरीक्षण विभाग द्वारा किया जायेगा तथा हितग्राहियों को तकनीकी सहयोग प्रदान किया जायेगा।
जनपद सदस्य श्री मोती लाल सिंह ने अपने उदबोधन में कहा कि सरगुजा संभाग के चयनित ग्रामों के हितग्राहियों को इस प्रशिक्षण का पूरा लाभ लेना चाहिए जिससे उन्हे मुर्गी पालन की प्रायोगिक जानकारी हो सके। परियोजना के मुख्य अन्वेषक डॉ.ओ.पी. दिनानी ने बताया कि सात दिनों के इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुल 100 हितग्राही है जिनमें से 70 हितग्राही महिलायें है। इस प्रशिक्षण से इनकी आजीविका में सुधार मुर्गी पालन द्वारा हो पायेगा। इस तरह वो कम लागत में अधिक आय अर्जित कर पायेगंे।
इस कार्यक्रम में सात दिवसीय प्रशिक्षण विश्वविद्यालय के डॉ. ए.के.गौर, डॉ. ओ.पी.दिनानी, डॉ. अमित गुप्ता, डॉ. केशर परवीन, डॉ. ओ.पी.पैंकरा, डॉ. दीपक कुमार कश्यप एवं पशुधन विकास विभाग डा. निपेन्द्र सिहं, डॉ विवेक गुप्ता इत्यादि पशुचिकित्सा अधिकारियों द्वारा दिया जावेगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम में वैज्ञानिक मुर्गी पालन कृषक प्रशिक्षण पुस्तिका का भी विमोचन किया गया तथा समस्त प्रशिक्षणार्थियों को बैग एवं किट का वितरण भी किया गया।
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