2 करोड़ से अधिक रकम ठगीकरने वाले गिरोह का भण्डाफोड़, ऑनलाइन लोन दिलाने के नाम से करते थे ठगी, 20 से अधिक लोगों को बनाया ठगी का शिकार…


दिल्ली, गाजियाबाद, मुंबई, महाराष्ट्र, पुणे, केरल, छ0ग0 सहित पुरे भारत के लोग हुए है ठगी के शिकार। ऑनलाइन लोन के लिए वेबसाइट पर सर्च करने वालों का डाटा चोरी कर करते थे ठगी, आरोपीगण ऑनलाइन बीमा करने वाली कंपनी के पूर्व कर्मचारी के रहे है जिसमे दो आरोपी गिरफ्तार किया गया है।

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ठगी के पैसो से आरोपीगण करते थे अय्याशी।


कोरबा- बिजेंद्र दास मंहत पिता रविदास मंहत निवासी आर पी नगर चौकी रामपुर थाना कोतवाली कोरबा के द्वारा पुलिस चौकी रामपुर में लिखित शिकायत दर्ज कराया कि माह. जनवरी 2020 में प्रार्थी द्वारा बजाज फायनेंस कंपनी से ऑनलाइन लोन लेने के लिए आवेदन किया था इसी बीच गौरव सांवत एवं प्रेमचंद कोठारी नामक व्यक्तियों द्वारा स्वयं को बजाज फायनेंस कंपनी का अधिकारी बताकर अलग. अलग मोबाईल नंबरों से काल कर लोन के लिए विभिन्न प्रक्रियाओं का पालन करने एवं लोन स्वीकृति के पूर्व टर्म लाईफ इंश्योरेंश कराने हेतु कहकर प्रथम किस्त 19705 /- रूपये स्टरलिंग इंश्योरेश कंपनी के बैंक अकाउंट में जमा कराया गया फिर लोन एग्रीमेंट के लिए 70000 रुपये जमा कराया गया इसके बाद लॉक डाउन होने से लोन प्रकिया बंद होने तथा पुनः चार्ज करने हेतु 11001 रुपये जमा कराया गया फिर अपने बातों में उलझाकर 11 करोड़ 15 लाख रूपये या 5 लाख रूपये का लोन स्वीकृत कराने का झांसा देकर अलग अलग किस्तों में करीब 25 से 30 लाख रूपये अलग अलग मोबाइल नंबरों से काल कर लोन के लिए विभिन्न प्रक्रियाओं का पालन करने एवं लोन स्वीकृति के पूर्व टर्म लाइफ इंश्योरेंस कराने हेतु कहकर प्रथम किस्त बैंक अकाउंट में जमा कराया गया। अलग अलग मोबाईल नंबरो से काल कर लोन के लिए विभिन्न प्रक्रियाओं का पालन करने एवं लोन स्वीकृति के पूर्व टर्म लाईफ इंश्योरेंश कराने हेतु कहकर प्रथम किस्त बैंक अकाउंट में जमा कराया गया फिर ठग लिए गये। प्रार्थी के रिपोर्ट पर पुलिस चौकी रामपुर थाना कोतवाली कोरबा में अपराध क्रमांक 686/2020 धारा 420 भादवि पंजीबद्ध कर विवेचना प्रांरभ किया गया।


प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक कोरबा अभिषेक मीणा द्वारा नगर पुलिस अधीक्षक राहुल देव शर्मा के मार्गदर्शन एवं निरीक्षक राजेश जांगड़े के नेत्तृव में प्रकरण की विवेचना हेतु विशेष टीम का गठन किया गया। गठित विवेचना टीम द्वारा प्रकरण में ठगी हेतु उपयोग किए गये मोबाइल नंबर एवं बैंक खातो की जानकारी एकत्र कर आरोपीगण उमेश शर्मा उर्फ प्रेमचंद कोठारी उर्फ पंकज एवं कपिल कुमार प्रजापति उर्फ गौरव सावंत को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार कार आरोपीगण को न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा गया। पुछताछ में आरोपीगण द्वारा 20 मामलों में लगभग 2 करोड से अधिक रकम केा ठगी करना स्वीकार किया।

गिरफ्तार आरोपीगण ऑनलाइन बीमा कंपनी के पूर्व कर्मचारी हैं। जो ग्राहकों को फोन कर बीमा पॉलिसी बेचने का प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके है। ऑनलाइन बीमा कंपनी के द्वारा पॉलिसी बेचने का तौर तरीको के अनुसार ही ठगी करते थे। ऑनलाइन बीमा कंपनी के डाटाबेस की चोरी. ऑनलाइन बीमा कंपनी में पूर्व में आवेदन किए ग्राहक तथा बीमा कंपनी द्वारा टेली कालरों को उपलब्ध कराए गए डाटाबेस में दर्ज नंबरो पर काल कर ग्राहकों को आरोपीगण अपने जाल में फंसाते थे। जरूरत मंद एवं लालची व्यक्तियों को बनाते है निशाना आरोपीगण के निशाने पर एसे लोग होते है जिन्हे लोन की आवश्यकता होती है तथा शार्टकट तरीके से बिना मेहनत के अमीर बनना चाहते है या लालची किस्म के ऐसे लोग जो कम व्याज या बिना ब्याज दर के लोन लेना चाहते है। पुछताछ पर आरोपीगण ने बताया की इनके द्वारा इन्हे बहुत कम औपचारिक दस्तावेज एवं बिना जमानत के लोन देने का प्रस्ताव देते है। जिससे लालची किस्म के लोग इनके जाल में आसानी से फंस जाते है। लोन स्वीकृति हेतु अलग.अलग चरणों में रूकावट आने एवं अन्य शुल्क का बहाना बनाकर कराते है रकम जमा .आरोपीगण द्वारा ग्राहको से पहले लोन स्वीकृति हेतु बीमा पॉलिसी आवश्यक होना बताकर बीमा पालिसी के नाम पर रकम लिया जाता है फिर प्रोसेसिंग फीस डाक्युमेंटेशन चार्ज, टीडीएस, लोन रकम बढ़ाने पर अधिकारियों को रिश्वत देने एवं बीच बीच में प्रकिया संबंधी रूकावट दूर करने में आने वाले खर्च के नाम पर रकम की मांग की जाती है।

फर्जी सिम का इस्तेमाल अलग. अलग बैंक खाता का प्रयोग जरूरत मंद एवं लालची व्यक्तियों को बनाते है निशाना लोन स्वीकृति हेतु अलग. अलग चरणों में रूकावट आने एवं अन्य शुल्क का बहाना बनाकर कराते है रकम जमा, आरोपीगण द्वारा ग्राहको से पहले लोन स्वीकृति हेतु बीमा पॉलिसी आवश्यक होना बताकर बीमा पालिसी के नाम पर रकम लिया जाता है तथा धोखाधड़ी पूर्ण होते ही सिमकार्ड को तोड़कर फेंक देते है। इसी प्रकार ग्राहको से रकम जमा कराने हेतु अलग. अलग बैंक खातों का प्रयोग किया जाता है। ताकि पुलिस मुख्य आरोपी तक न पहुंच सके। रकम जमा होते ही अन्य खातों में ट्रांसफर या निकासी ग्राहको द्वारा जैसे ही बैंक खातो में रकम जमा किया जाता है आरोपीगण द्वारा उसे अन्य खातों में ऑनलाईन ट्रांसफर ऑनलाइन खरीदी या नकद विड्राल कर लिया जाता है ताकि धोखाधड़ी का पता चलने पर जांच एंजेसी द्वारा रकम फीज न कराया जा सके। ईमेल व्हाट्सएप पर फर्जी प्रमाण पत्र भेजकर ग्राहको को देते है धोखा .ग्राहको को वास्तव मे लोन स्वीकृत किया जा रहा है लोन प्रकियाधीन है इस बात का भरोसा दिलाने के लिए ईमेल एवं व्हाट्सएप के माध्यम से फर्जी प्रमाण पत्र एवं मेल भेजा जाता है। ताकि ग्राहक लंबे समय तक इन पर भरोसा कर सके।


आरोपीगणो द्वारा ठगी हेतु उपयोग किये गये मोबाईल नबंर 1.9560938955, 2. 9773660244, 3. 9891644823 आरोपीगणो द्वारा ठगी में उपयोग किये गये बैंक खातो का विवरणः- 1. पंजाब एण्ड सिंध बैंक खाता कमांक 12261000002891, 2. फिनो बैंक खाता कमांक 20078073739, 3. आईसीआईसीआई खाता कमांक 053905500611
ठगी के शिकार हुये ।

Lokesh Rajak

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