सुकमा। बसपन का प्यार गाना गाकर ख्याति पाने वाले सहदेव दिर्दो सड़क दुर्घटना में घायल हो गए हैं. सुकमा के…
आवास योजना आर्थिक रुप से कमजोर परिवारों के लिए बना वरदान सुकमा 12 नवम्बर 2021अपने सिर पर एक पक्की छत होना हर व्यक्ति का सपना होता है। स्वयं का पक्का मकान, जहाँ वह अपने परिवार जनों के साथ एक खुशहाल जीवन व्यतीत करे। प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत उन ग्रामीणों को पक्के आवास की सुविधा मिल रही है, जिनके लिए एक पक्का मकान बनाना किसी सपने के बराबर था। राजे और मुत्ता ने कभी भी नहीं सोचा था कि वह अपने कच्चे मकान से निकल कर पक्के मकान में रह पाऐंगे लेकिन शासन की महत्वपूर्ण प्रधानमंत्री आवास योजना से असंभव से लगने वाला उनका सपना सच हुआ। वे अपने परिवार के साथ अपने नए घर में सुखमय जीवन-यापन कर रहे है। अपने पक्के आशियाने के सपने का साकार होने पर हितग्राहियों ने राज्य शासन एवं जिला प्रशासन को सहृदय धन्यवाद दिया है। बरसात में आंधी तूफान, टपकते छत और सांप बिच्छू का भय हुआ खत्मविकासखण्ड कोण्टा के ग्राम पंचायत ढोण्ढरा में रहने वाली मड़कम राजे का परिवार कुछ एकड़ खेती से किसी तरह गुजर बसर करते हैं। मिट्टी से बने मकान में लगभग अपनी पूरी उम्र गुजारने वाली राजे की अंाखों में शायद कभी अपने पक्के मकान में रहने के सपने देखने की ताकत भी नहीं थी, मगर प्रौढ़ावस्था की ओर बढ़ रही हितग्राही का यह मुश्किल सपना आखिरकार साकार हो ही गया। मड़कम राजे बताती है कि उनका जीवन कठिनाईयों भरा रहा है। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण पक्के घर का निर्माण करवाना मड़कम राजे के बस की बात नहीं थी। अपने परिवार के साथ वह अपने पुराने कच्ची छत और दीवार वाले झोपड़ीनुमा घर में रहती थी। कच्चे घर में बारिश के मौसम में रहना दूभर था, छत से पानी टपकने के साथ ही सॉप, बिच्छू इत्यादि खतरनाक जीवों का घर में घुस जाने का डर हमेशा बना रहता था। शासन द्वारा संचालित ग्रामीण आवास योजना के तहत वर्ष 2019-20 में आवास की स्वीकृति मिली तब जाकर मड़कम राजे के पक्के मकान का सपना साकार हुआ। आज पक्के मकान से उनकी जिंदगी बेहतर और सरल हो गई है। पक्के आवास से परिवार की सुरक्षा की चिंता हुई दूरग्राम पंचायत मुलाकिशोली के निवासी मड़कत मुत्ता को अपने परिवार की सुरक्षा के सदैव चिंता लगी रहती थी। मेहनत मजदूरी से जीवन यापन करने वाला उनका परिवार एक छोटी झोपड़ी मेें शरणार्थियों की तरह रहने को विवश था। बारिश के दिनों में झोपड़ी की छत से पानी टपकने से परेशानी भी होती थी और बार-बार झोपड़ी की मरम्मत भी करनी पड़ती थी जिससे परिवार के समक्ष आर्थिक समस्या उत्पन्न होती थी। वहीं रात में परिवार को कीडे़, जंगली सुअर, कुत्तों आदि से खुद को बचाना उनकी सबसे बड़ी चिंता थी। उन्होंने महसूस किया कि अगर उनके पास एक छोटा सा पक्का मकान हो तो वे अपनी स्थिति को बेहतर कर सकता है। पक्का घर बनना और अपने परिवार को बेहतर जीवन देना उसका सपना था। वर्ष 2019-20 में मड़कम मुत्ता को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का लाभ दिया गया। आज उनका घर अच्छी स्वच्छ सुविधा के साथ सुसज्जित है और भौगोलिक रूप से उपयुक्त क्षेत्र में बनाया गया है। पक्का घर प्राप्त करने के बाद हितग्राही मड़कम मुत्ता एवं उनका परिवार गर्व, संतुष्टि और खुशी महसूस कर रहा है।
सुकमा 08 नवंबर 2021सुकमा जिला उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में होने के कारण यहां की जलवायु विविध प्रकार के वनोपज, वनस्पति, रबी एवं खरीफ फसलों, फल, फूल आदि के उत्पादन की लिए अनुकूल है। जिसका लाभ जिले के कृषकों को मिलता है। कृषक धान, मक्का, कोदो, कुटकी के अलावा भी बहुत प्रकार के फलों की खेती करते है। इस क्षेत्र में बहुतायत में आम और नारियल की खेती देखी जाती है, मगर कुछ कृषक ऐसे भी है, जो पारंपरिक खेती से आगे जाकर विदेशी फलों की फसल लेने का प्रयास कर रहे हैं। जिससे उन्हें अच्छी आमदनी भी प्राप्त हो रही है। सुकमा जिला मुख्यालय में निवास करने वाले प्रगतिशील कृषक श्री एमयूएन प्रसाद ने प्रारंभिक तौर पर एक एकड़ में ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरु की है। इतने क्षेत्र में लगभग 2 हजार पौधे लगाए है। प्रसाद ने बताया कि वे नए-नए प्रयोग करते रहे है, इस बार उन्होंने 'ड्रैगन फ्रूट' की खेती की है जो मूलतः मध्य अमेरिका का फल है। ड्रैगन फ्रूट की फसल में केवल एक बार निवेश के बाद पारंपरिक खेती के मुकाबले लगभग 10 वर्षों तक इससे आमदनी हो सकती है।उन्होंने बताया की ड्रैगन फ्रूट एक प्रकार की कैक्टस बेल है, इस कारण ड्रैगन फ्रूट को पानी की जरुरत बहुत कम पड़ती है। सप्ताह में केवल एक दिन करीब 30 मिनट सिंचाई की आवश्यकता होती है। ड्रिप विधि से सिंचाई के चलते इसमें पानी की बहुत बचत होती है। इसमें चरने या कीड़ों लगने का जोखिम भी नहीं है। क्योंकि यह पौधे लंबाई में बढ़ते है, इसलिए प्रसाद ने सीमेंट के खंभे लगाकर ड्रैगन फ्रूट के पौधों को सहारा दिया है। दो खंभे के बीच 8 से 10 फुट की दूरी रखना जरूरी है। प्रसाद बताते है की पूर्व में वह धान के अलावा केले की फसल लेते थे, लेकिन केले की फसल में लागत, देख रेख और मौसमी मार का जोखिम अधिक था। बाजार में 40 से 50 रुपए किलो से अधिक कीमत भी नही मिलती थी। इसलिए उन्होंने ड्रैगन फ्रूट की खेती को प्रायोगिक रूप से करने का फैसला लिया। जिसमे उन्हे सफलता मिली। उन्होंने उद्यान विभाग से ड्रैगन फ्रूट के लिए बीज लिए थे, जिससे पौधे बनकर तैयार होने में लगभग एक साल का समय लग गया। उसके पश्चात पौधों में सात से आठ महीनों में फल आने शुरू हुए। विगत वर्ष की तुलना इस बार उन्हें अधिक उत्पादन प्राप्त हुआ है। स्वाद और सेहत के साथ ही आय भी हो रही मजबूतबाजरों में अपनी विशिष्ट रूप और गुलाबी या सफेद रंग का स्वादिष्ट फल ड्रैगन फ्रूट सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है। इसमें काफी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन सी, प्रोटीन, फाइबर और कैल्शियम भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इस फल का प्रयोग कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल सहित हृदय संबंधी कई बीमारियों में लाभदायक माना गया है। कृषक प्रसाद बताते हैं कि एक पौधे से 8 से 10 फल प्राप्त होते हैं। तीन सौ से पांच सौ ग्राम वजनी इन फलों की सीजन में 300 रूपये प्रति किलो तक की कीमत मिल जाती है। वहीं अच्छी देख रेख से इसका उत्पादन बारह मासी भी लिया जा सकता है। इस वर्ष अब तक 5 टन ड्रैगन फ्रूट का विक्रय कर लगभग 8 लाख रुपए की आय हुई है, और 1 टन उत्पादन की संभावना बताई। फल के साथ ही प्रसाद पौधो का विक्रय 50 रुपए की दर से करते हैं।
सुकमा 09 अक्टूबर 2021तोंगपाल वासियों को अब जल्द ही अपने सामाजिक कार्यक्रम, विवाह सहित गोष्ठियों, बैठक इत्यादि आयोजनों के लिए सामाजिक भवन की सुविधा मिलेगी। उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा ने आज तोंगपाल स्थित बालक हायर सेकेंडरी स्कूल के समीप बनाए जाने वाले सर्व समाज सामाजिक भवन का शिलान्यास किया। इस अवसर पर श्री दीपक बैज, सांसद बस्तर लोकसभा क्षेत्र भी उपस्थित रहे। 25 लाख की लागत से इस भवन का निर्माण किया जाएगा, जिससे तोंगपाल में सभी समाज के लोगों के लिए बैठक, सामाजिक कार्यक्रम के आयोजन हेतु स्थाई भवन की सहूलियत होगी। मंत्री श्री लखमा ने सामाजिक भवन निर्माण हेतु चयनित स्थल का अवलोकन भी किया। उन्होंने भवन का अवलोकन भी किया। उन्होंने भवन का निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ करने के निर्देश दिए। इस दौरान जिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष श्रीमती माहेश्वरी बघेल एवं जनप्रतिनिधिगण, तोंगपाल सरपंच श्री मदन नाग, ग्रामीण जन, सर्व समाज के प्रतिनिधिगण उपस्थित रहे। उन्होंने सामाजिक भवन के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल व उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा के प्रति आभार जताया।
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