छत्तीसगढ़ जुआ प्रतिषेध अधिनियम 2022 में गैरजमानती धाराओं को जोड़ा
छत्तीसगढ़ में अब ऑनलाइन जुआ खेलने और खिलाने वालों पर नकेल कसने की तैयारी शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर छत्तीसगढ़ जुआ प्रतिषेध विधेयक 2022 विधानसभा में पारित हो गया है। इस नये अधिनियम में ऑनलाइन जुए को जोड़ा गया है।
बता दें कि पहले अधिनियम में ऑनलाइन जुआ परिभाषित नहीं था। नए अधिनियम के तहत अगर कोई ऑनलाइन जुआ खिलाते हुए पकड़ा जाता है तो उसे सात साल तक सजा हो सकती है। नए कानून में गैरजमानती धाराओं के जुड़ने से अब आरोपी को जमानत भी नहीं मिलेगी।
इसके अलावा पुराने अधिनियम में तय किए गए जुआ खेलने वालों की सजा और जमानत राशि दोनों को भी बढ़ाया गया है।
गैरजमानती धाराएं भी जोड़ी गईं :
अधिनियम के संशोधन के पहले तक जुआ प्रतिषेध अधिनियम के सभी अपराध संज्ञेय तथा जमानती थे। वर्तमान अधिनियम में कार्रवाई के लिए कड़े प्रावधान करते हुए जुआ घर का स्वामी होना (धारा-4), जुआ खिलाना (धारा-6 ), ऑनलाइन जुआ खिलाना (धारा -7), विज्ञापन प्रतिषेध का उल्लंघन ( धारा-11 ) और कंपनी द्वारा अपराध ( धारा-12 ) को संज्ञेय तथा गैरजमानती अपराध बनाया गया है।
ऑनलाइन जुए की नई परिभाषा
नए कानून में जुआ घर की परिभाषा में ऑनलाइन जुआ प्लेटफार्म शब्द जोड़ा गया है। उपकरण की परिभाषा में इलेक्ट्राॅनिक अभिलेख, डिवाइस, मोबाइल एप, इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर ऑफ फंड्स शब्द जोड़े गये हैं। पुराने अधिनियम में ऑनलाइन जुआ के लिए दण्ड का कोई प्रावधान नहीं था। अब पृथक से दण्ड का प्रावधान किया गया है। जिसमें 1-3 वर्ष की जेल एवं 50 हजार से 5 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान है। बार-बार अपराध के लिए 2-7 वर्ष तक जेल और 1-10 लाख तक का जुर्माने हो सकता है।
ये सजा पहले नहीं थी
ऑनलाइन जुआ के लिए यदि कोई व्यक्ति खाता उपलब्ध कराता है तो अब वह दण्डनीय अपराध है।
गिरफ्तार किए गए लोगों के द्वारा मिथ्या नाम व पता देने पर कारावास की सजा चार माह से बढ़ाकर छह माह कर दी गई है या पांच हजार रुपए तक का जुर्माना लगेगा।
नए अधिनियम में विज्ञापन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। उल्लंघन करने पर तीन साल की जेल और पचास हजार तक का जुर्माना देना होगा।
वर्तमान अधिनियम मे कंपनी द्वारा अपराध को दण्डनीय बनाया गया है। इससे पहले कंपनी के द्वारा अपराध किए जाने पर कोई दण्ड नहीं था।
सख्त हो गया है जुए का कानून
पहले सड़क मार्ग पर जुआ खेलते पकड़े जाने पर 100 रुपए का जुर्माना या 4 महीने की जेल होती थी।
जुआ घर स्वामी होने पर में पहली बार में 6 माह की जेल या एक हजार रुपए जुर्माना था।
बार-बार पकड़े जाने पर एक साल की जेल और दो हजार रुपए तक जुर्माना लगता था।
जुआ घर में खेलते हुए पकड़े जाने पर 500 रुपए का जुर्माना या 4 माह की जेल थी।
मटका जुआ/सट्टा खेलते पकड़े जाने पर 6 माह की जेल और एक हजार रुपए जुर्माना था।
बार-बार पकड़े जाने पर एक साल तक की जेल और 50 हजार रुपए जुर्माना था।
अब
6 महीने की सजा एवं तीन से दस हजार रुपए तक का जुर्माना देना होगा।
तीन साल तक की सजा और 50 हजार रुपए तक का जुर्माना देना होगा।
दो से पांच साल तक की जेल होगी और जुर्माना एक लाख लगेगा।
6 माह की जेल और 10 हजार रुपए जुर्माना कर दिया गया है।
तीन साल तक की जेल और 10 हजार से एक लाख रुपए तक जुर्माना लगेगा।
पांच साल तक की जेल अौर पांच लाख रुपए तक का जुर्माना लगेगा।
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