VISION TIMES : बिलासपुर में हुई बहुचर्चित संजू त्रिपाठी हत्याकांड का हुआ बड़ा खुलासा, परिवार वाले ही निकले हत्यारे, जानिए पूरा मामला…

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ का बहुचर्चित संजू त्रिपाठी हत्या कांड केस में बड़ा खुलासा हुआ है। बिलासपुर के हिस्ट्रीशीटर पूर्व कांग्रेस नेता संजू त्रिपाठी की हत्या की साजिश के पीछे मास्टर माइंड और कोई नहीं बल्कि उसका पिता जयनारायण त्रिपाठी, भाई कपिल त्रिपाठी और उसकी पत्नी सुतित्रा त्रिपाठी है।

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इन तीनों के अलावा पुलिस ने 10 और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उसकी हत्या के लिए पिता और भाई ने मिलकर उत्तरप्रदेश के पांच शूटरों को 10 लाख रुपए की सुपारी दी थी। मिली जानकारी के अनुसार आरोपियों के पास से 1 नग कट्टा, 21 राउंड गोली जब्त की गई है।

बिलासपुर SSP IPS पारुल माथुर ने रविवार की रात इस मामले का मीडिया के सामने खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि चार दिन पहले बिलासपुर के सकरी संजू त्रिपाठी की हत्या के बाद से पुलिस इस केस की जांच में जुटी हुई थी। उन्होंने बताया कि संपत्ति का झगड़ा और रिश्तेदार महिला से अवैध सबंध ही इस हत्याकांड का वजह बना।

गौरतलब है की 14 दिसंबर को दिनदहाड़े संजू त्रिपाठी की शूटरों ने गोली मारकर की हत्या कर दी थी। सकरी-तुर्काडीह बायपास चौक पर हमलावरों ने वारदात को अंजाम दिया था। हत्या के आरोपी संजू त्रिपाठी के पिता जयनारायण त्रिपाठी, भाई कपिल त्रिपाठी ने हत्या की प्लानिंग की थी। पुलिस ने मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली के 1 हजार सीसीटीवी फुटेज खंगाले थे।

DB डिजिटल के रिपोर्ट के अनुसार जानिए पूरी कहानी…

दो लाख रुपए में उपलब्ध कराए थे पिस्टल और कारतूस

एसएसपी ने बताया कि शूटर्स को हथियार उपलब्ध कराने के लिए प्रेम श्रीवास, कपिल को रायगढ़ के दो युवकों से मिलवाया था। इसके बाद प्रेम और कपिल अंबिकापुर भी गए थे। जहां झारखंड के सप्लायर ने उन्हें डेढ़ लाख रुपए में दो पिस्टल दिया था और 12 कारतूस के लिए 50 हजार रुपए लिए थे। हथियार सप्लायर रायगढ़ के दो युवक और झारखंड के सप्लायर को भी पुलिस ने पकड़ लिया है।

दो बार फेल हो चुकी थी योजना, इस बार हुआ सफल कपिल ने अपने पिता जयनारायण, जीजा भरत तिवारी, बहन, भतीजा और भांजे के साथ मिलकर बाहर से शूटर बुलाकर संजू की हत्या करवाने की साजिश की थी। योजना में संजू ने अपने दोस्तों और करीबी लोगों को भी शामिल किया। उसकी यह प्लानिंग दो बार फेल हो चुकी थी। इससे पहले भी दो बार शूटर्स आए थे। लेकिन, संजू की हत्या करने में नाकाम रहे। तब कपिल अपनी प्लानिंग के अनुसार झारखंड और दिल्ली में था। तीसरी बार कपिल ने संजू की हत्या होते तक शहर में ही रहने की प्लानिंग की और भाई की हत्या करवाने में सफल हो गया। इसके बाद वह घर छोड़कर फरार हो गया।

षड्यंत्र में शामिल रहीं पत्नी, नेपाल भागने से पहले मायका में रहने का किया इंतजाम पुलिस ने इस केस में संजू के पिता जय नारायण त्रिपाठी, भाई कपिल त्रिपाठी, जीजा भरत तिवारी सहित आशीष तिवारी, रवि तिवारी, प्रेम श्रीवास, अमन गुप्ता व राजेंद्र सिंह ठाकुर के साथ ही कपिल की पत्नी सुतित्रा त्रिपाठी सहित 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। कपिल की पत्नी सुतित्रा त्रिपाठी का नेपाल बॉर्डर झारखंड के पिथौरागढ़ में मायका है, जहां कपिल और उसके दो साथियों के नेपाल भागने से पहले उसने मायका में रहने की व्यवस्था कराई थी। इस पूरे षड्यंत्र में कपिल की पत्नी सुतित्रा भी शामिल रही हैं।

बहन ने खोला राज, बोली- पति करेगा सरेंडर,

कहानी सुनकर सकते में आई पुलिस एसएसपी पारुल माथुर ने बताया कि संजू त्रिपाठी से उसकी मुंहबोली व जयनारायण की दत्तक पुत्री ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि उसके पति भरत तिवारी, भतीजा आशीष तिवारी और भांजा रवि तिवारी ने हत्या की वारदात को अंजाम दिया है। ये तीनों भाग गए हैं और जल्द ही सरेंडर कर देंगे। उसकी बातों को सुनकर पुलिस भी सकते में आ गई। लिहाजा, पुलिस ने बारीकी से जांच कर संदेहियों का बयान दर्ज किया। तब पता चला कि हत्या की साजिश कपिल ने रची है और वह अपने जीजा, भतीजा और भांजा समेत अन्य लोगों को षड्यंत्र में शामिल कर हत्या की जिम्मेदारी लेने की बात कही थी। साथ ही यह भी तय किया था वह नेपाल में रहकर इन सभी को कोर्ट से छुड़ा लेगा । षड्यंत्र उजागर होने के बाद पुलिस हर हाल में कपिल को नेपाल जाने से रोकने में जुट गई और इससे पहले ही उसे गिरफ्तार करने में पूरी ताकत लगा दी, जिसमें पुलिस को सफलता भी मिल गई।

चार दिन से कर रहे थे रेकी, फिर मौका मिलते ही वारदात को दिया अंजाम पुलिस की एंटी क्राइम एंड सायबर यूनिट के प्रभारी हरविंदर सिंह ने बताया कि संजू की हत्या करने वाले पांच शूटर चार दिन पहले ही बिलासपुर पहुंच गए थे और प्रेम श्रीवास के साथ संजू त्रिपाठी की गतितिविधियों की रेकी कर रहे थे। 14 दिसंबर को कपिल त्रिपाठी के पास खबर आई कि दोपहर को संजू अपने फार्म हाउस सांवाताल जाएगा। कपिल ने सभी को बताया कि संजू के सांवाताल से वापस आते समय हत्या करना है। सभी ने आपस में तय किया कि सकरी बाईपास रोड में ओवरब्रिज के नीचे स्पीड ब्रेकर में जब संजू त्रिपाठी अपनी कार की गति धीमी करेगा, उसी समय उसकी कार को घेर कर दोनों तरफ से फायरिंग कर हत्या कर देंगे।

योजना के अनुसार सभी ने पहले से रेकी की स्थान कोटा रोड में पोड़ी की तरफ एक सुनसान जगह में नीले रंग की बेलेनो कार को छोड़कर कर डिजायर में पांचों शूटर और प्रेम श्रीवास के साथ भागेंगे और अमन गुप्ता की एलांट्रा कार में अमन गुप्ता, भरत तिवारी, आशीष तिवारी और रवि तिवारी बैठकर शहडोल जाएंगे। अमन वापस बिलासपुर आ जाएगा। सुमीत निर्मलकर सफेद, स्कॉर्पियो से भिलाई पहुंचेगा और कपिल त्रिपाठी किसी साधन से भिलाई आएगा। कपिल ने योजना बनाते समय बोला था कि वह बाहर रहेगा तो सभी को केस से बरी करा लेगा। यह भी कहा कि जब-जब वे जिसको सरेंडर करने के लिए बोलेगा वह करते जाएगा।

नीले रंग की बेलेनो कार में बाहर से आए तीन शूटर बैठेंगे और अमन गुप्ता की स्विफ्ट डिजायर कार में दो शूटर को लेकर राजेन्द्र ठाकुर बैठा। वह पहले से ही सकरी बाईपास रोड के पास था। अमन गुप्ता व भरत तिवारी, आशीष तिवारी, रवि तिवारी व प्रेम श्रीवास अमन गुप्ता की एलांट्रा कार में संजू की रेकी कर रहे थे। अमन गुप्ता अपनी यू कार में भरत तिवारी, आशीष तिवारी रवि तिवारी एवं प्रेम श्रीवास को बिठाकर संजू तिवारी का रेकी करने तखतपुर रोड की तरफ आगे बढ़ गए। कानन पेंडारी से करीब एक किलोमीटर आगे, संजू त्रिपाठी की महामंत्री कांग्रेस कमेटी बिलासपुर लिखी सफेद रंग की एमजी हेक्टर कार दिखी। प्रेम श्रीवास ने वॉटसऐप कॉल से मौके में मौजूद एक शूटर को कॉल कर बताया कि संजू की गाड़ी बिलासपुर की ओर जा रही है।

इसके बाद एलेंट्रा कार में बैठे सभी तखतपुर की ओर बढ़े फिर मोड़कर बिलासपुर की ओर आ रहे थे। कोटा मोड़ के पास नीले रंग की बेलेनो कार में शूटर बैठे नजर आए। बेलेनो कार देखकर समझ गए कि शूटरों संजू त्रिपाठी की हत्या कर दी है। इसके बाद सभी योजना के अनुसार बेलेनो कार के पीछे-पीछे कार को छोड़ने पोड़ी गए और घटना में प्रयुक्त वाहन को पोड़ी छोड़कर 5 शूटर और प्रेम श्रीवास डिजायर कार में बैठकर शहडोल की ओर भाग निकले। अमन गुप्ता की एलांट्रा कार में भरत तिवारी, आशीष तिवारी, रवि तिवारी व राजेन्द्र ठाकुर भी शहडोल की तरफ भागे। इसके बाद उन्हें शहडोल में एक शराब दुकान के पास छोड़कर वापस बिलासपुर आकर कार को छिपा दिया और अमन भी गायब हो गया।

स्कॉर्पियो से भिलाई पहुंचे सुमित के साथ फरार हुआ कपिल

में इस घटना में प्रयुक्त वाहन एलांट्रा कार व सफेद रंग की स्विफ्ट डिजायर कार अमन गुप्ता की थी । सफेद रंग की स्कॉर्पियों को आरोपी सुमीत निर्मलकर ने किराए पर आकाश कोशले से लिया था। शूटरों ने नीले रंग की बलेनो कार का उपयोग किया था। स्कॉर्पियो में सुमित निर्मलकर बैठकर भिलाई भाग गया। इस दौरान कपिल अपने घर से दोस्त केदार सिंह के साथ चकरभाठा पहुंचा, जहां से रवि सिंह की थार गाड़ी में बैठकर रायपुर और वहां से भिलाई पहुंच गया। सुमित भिलाई पहुंचने के बाद स्कॉर्पियो को छोड़कर कपिल के साथ गोंदिया गया, जहां से भोपाल होते हुए इंदौर पहुंच गया। इसके बाद इंदौर से दिल्ली गए और फिर वहां से कांठमांडू जाने वाली बस में सवार हो गए। इसकी भनक पुलिस को लगी और पुलिस की टीम ने दिल्ली से पीछा करते हुए उनकी बस को लखनऊ के पास रोककर कपिल और सुमित को दबोच लिया।

गिरफ्तार 11 आरोपी, इनकी भूमिका और जब्त सामान

पिता – जयनारायण त्रिपाठी (73) निवासी शनिचरी

बाजार व भिलाई यह संजू त्रिपाठी का पिता है। पैतृक संपत्ति विवाद के कारण अपने छोटे बेटे कपिल त्रिपाठी के साथ मिलकर पूरी हत्याकांड की साजिश को रचा था। इसके मोबाइल पर कई कॉल रिकॉर्ड मिले, जिसमें हत्या की प्लानिंग से लेकर फरार होने तक की बातों का जिक्र है यह घटना के बाद बिलासपुर आ गया और कपिल त्रिपाठी को बचाने की कोशिश में लगा रहा। इसके भिलाई स्थित घर से एक नग पिस्टल बरामद हुआ है। जिसमें 02 राउंड 7.65 एमएम एमएम जिन्दा राउंड मैग्जीन मिली।

भाई- कपिल त्रिपाठी (38) निवासी- शैलेन्द्र नगर अमेरी

पुलिस के मुताबिक, यही हत्याकांड का मास्टरमाइंड है। संपत्ति विवाद और वर्चस्व की लड़ाई के लिए पूरी साजिश को रचा। इसने स्थानीय और बाहरी शूटर्स बुलवाकर घटना को अंजाम गया। घटना के बाद खुद को छिपाने के लिए इसने पहले से ही जम्मू-कश्मीर, नेपाल, दिल्ली में रेकी कर चुका था। इसने पूरी प्लानिंग की, हथियार खरीदे, शूटरों को पैसे दिए, उन्हें अपने घर में रुकवाया. इसने अपराध में शामिल लोगों को यह भरोसा दिलाया था कि, वह बाहर रहकर इनकी मदद करेगा और इन्हें छुड़वा लेगा

सुमित निर्मलकर पिता पंचराम (24) निवासी घुरू अमेरी

इसने कपिल व अन्य के साथ मिलकर पूरी घटना की योजना बनाई। घटना वाले दिन हत्या के बाद किराए की स्कार्पियो लेकर भिलाई पहुंचा। फिर कपिल त्रिपाठी के फरार होने में सहायोग किया और स्वयं भी कपिल त्रिपाठी के साथ फरार हो गया।

प्रेम उर्फ बजरंग श्रीवास पिता राजेश (30) निवासी मिनीबस्ती जरहाभाठा

इसने कपिल त्रिपाठी के साथ योजना बनाई और उत्तरप्रदेश से 5 शूटर्स बुलाए। साथ ही इसने ही अपने 10 लाख में शूटर्स से सौदा किया था। प्रकरण में उपयोग लाए गए पिस्टल खरीदने में भी इसकी अहम भूमिका रही।

सुतित्रा त्रिपाठी पति कपिल त्रिपाठी (36) निवासी शैलेन्द्र नगर अमेरी

यह कपिल त्रिपाठी की पत्नी है, जो षडयंत्र में आरोपियो की सहभागी थी। घटना के बाद भारत- – नेपाल सीमा में स्थित अपने मायके पिथौरागढ़ (उत्तराखंड) में आरोपी कपिल त्रिपाठी के छिपने की व्यवस्था कराई थी। इसने सारा सामान भी पैक कर लिया था, लेकिन उससे पहले ही पुलिस उसके घर पहुंच गई।

दत्तक पुत्री

आरोपी जयनारायण त्रिपाठी के शनिचरी स्थित मकान में रहती थी और उस प्रॉपर्टी की दावेदार बन गई थी। इसके अलावा संजू ने पिता को इसे प्रॉपर्टी देने का विरोध किया, जिसके बाद से इसने सभी को संजू की हत्या के लिए उकसाया था। इसके घर से एक पिस्टल, एक देशी कट्टा बरामद हुआ है।

अमन गुप्ता पिता यशवंत (23) निवासी मुंगेली नाका, यह दाऊ मेडिकर स्टोर संचालक का बेट और कपिल का दोस्त है। इसने घटना में प्रयोग की गई स्विफ्ट डिजायर, एलेन्द्रा गाड़ी उपलब्ध कराई थी, जो इसी की है। आरोपी अमन गुप्ता अपने अन्य साथियो के साथ मृतक संजू त्रिपाठी का रेकी कर शूटर्स को घटना स्थल पर पहुंचने की सूचना दिया और घटना बाद शूटर्स को भागने में सहयोग किया। उसने आरोपियो को शहडोल छोड़ा और बिलासपुर आ गया था. ताकि, इस पर संदेह ना हो। हालांकि, पुलिस जब इसकी तलाश शुरू की तो फरार हो गया था।

भरत तिवारी पिता रामफल (42) निवासी शनिचरी, यह दत्तक पुत्री का पति है। जिसे मृतक संजू त्रिपाठी द्वारा दत्तक पुत्री के शारीरिक शोषण करने की जानकारी थी और मृतक संजू त्रिपाठी भी इसके साथ आए दिन मारपीट करता था, जिसके कारण कपिल त्रिपाठी की योजना में शामिल हो गया और पूरी घटना को खुद अंजाम देने की जिम्मेदारी ले ली। घटना वाले दिन संजू त्रिपाठी की रेकी किया और घटना के बाद अन्य आरोपियो के साथ फरार हो गया।

आशीष तिवारी पिता विजय (29) निवासी शनिचरी, यह आरोपी भरत तिवारी का भतीजा है। इसने कपिल त्रिपाठी, भरत तिवारी आदि के साथ मिलकर घटना की योजना बनाई और शूटर्स को भगाने में सहयोग किया। इसने भी घटना स्थल की रेकी की थी और हत्या का इल्जाम अपने सिर लेने की योजना में भी शामिल रहा।

रवि तिवारी पिता व्यास (32) निवासी शनिचरी, यह भरत तिवारी का भांजा है। इसने कपिल त्रिपाठी, भरत तिवारी आदि के साथ मिलकर घटना की योजना बनाई और शूटर्स को भगाने में सहयोग किया। इसने भी संजू और घटनास्थल की रेकी की थी। वह भी हत्या की जिम्मेदारी लेने के षडयंत्र में शामिल रहा।

राजेन्द्र सिंह ठाकुर, यह आरोपी प्रेम उर्फ बजरंग श्रीवास के वाहन का चालक है, जिसे योजना के संबंध में पूरी जानकारी थी, जो घटना के समय प्रेम श्रीवास के साथ था और शूटर्स को भगाने में सहयोग किया है।

कौन कैसे और कहां हुए गिरफ्तार

पुलिस ने बताया कि, सुमित निर्मलकर के किराए की स्कार्पियो भिलाई में मिली। कपिल त्रिपाठी के साथ वह फरार हो गया। दोनों को कांठमांडू जाते समय लखनऊ टोलप्लाजा के पास यूपी पुलिस की सहयोग से पकड़ लिया गया। घटना के बाद प्रेम श्रीवास शहडोल से यूपी भाग गया था, उसे बनारस से गिरफ्तार किया गया। भरत तिवारी, रवि तिवारी, आशीष तिवारी एवं राजेन्द्र सिंह ठाकुर जो शहडोल होते हुये दिल्ली भाग गए थे। इन सभी को दिल्ली पुलिस के सहयोग से एक होटल से पकड़ा गया। अमन गुप्ता को सिरगिटी बस स्टैंड के पास से पकड़ा गया. जबकि जयनारायण त्रिपाठी व कपिल की पत्नी सुतित्रा बिलासपुर से गिरफ्तार गिए गए हैं।

20 लाख मोबाइल नम्बर्स और 1000 कैमरों की हुई जांच

एसएसपी पारुल माथुर ने बताया कि, पुलिस ने पूरी जांच के दौरान 20 लाख से अधिक मोबाइल नंबरों का विश्लेषण किया। 100 से अधिक मोबाइल टावर का डिटेल निकाला गया। 1000 से अधिक सीसीटीवी कैमरे का फुटेज खंगाला, तब जाकर इस हत्याकांड की गुत्थी सुलझ सकी और 11 आरोपी पकड़े जा सके। इस पूरे प्रकरण को सुलझाने में एएसपी दीपमाला कश्यप, राजेन्द्र जायसवाल, सीएसपी संदीप पटेल, टीआई हरविन्दर सिंह, परिवेश तिवारी, फैजुल शाह, मनोज नायक, सागर पाठक, दिनेश चन्द्रा, प्रसाद सिन्हा, एसआई प्रभाकर तिवारी सहित दो दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी शामिल रहे।

तीन राज्यों की पुलिस ने चलाया ऑपरेशन पुलिस अफसरों ने बताया कि संजू त्रिपाठी के हत्या में शामिल आरोपियों को दिल्ली पुलिस के साथ ही यूपी पुलिस के सहयोग से पकड़ा है। इस तरह से इस हत्याकांड के आरोपियों को पकड़ने के लिए छत्तसीगढ़ समेत तीन राज्यों की पुलिस ने ऑपरेशन में चलाया और आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ गए।

RAHUL RAMTEKE

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