बेंगलुरु. कर्नाटक सरकार (Karnataka Government) ने बुधवार को कहा कि जो लोग कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं और कोरोना मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा (Plasma) दान करना चाहते हैं उन्हें सरकार 5,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि देगी. मेडिकल शिक्षा मंत्री के. सुधाकर ने बताया कि राज्य में अभी तक 17,390 लोग संक्रमण मुक्त हुए हैं जिनमें से 4,992 लोग बेंगलुरु के हैं. उन्होंने संक्रमण मुक्त हो चुके मरीजों से अपना प्लाज्मा दान करने की अपील की.
सुधाकर ने कहा, ‘कृपया इसे अन्यथा ना लें… हमने दानदाता को 5,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि देने का फैसला लिया है.’ उन्होंने कहा, ‘‘कृपया स्वेच्छा से आगे बढ़कर प्लाज्मा दान करके मरीजों को स्वस्थ होने में मदद करें.’ यह पूछने पर कि क्या कर्नाटक में प्लाज्मा थेरेपी की गई है, सुधाकर ने बताया कि पांच मरीजों का इस पद्धति से इलाज किया गया उनमें से तीन स्वस्थ हो गए जबकि दो अन्य की मौत हो गई.
सुधाकर ने कहा, ‘‘हमारे पास सूचना है कि प्लाज्मा थेरेपी कोविड के मरीजों पर काफी हद तक कारगर है. इसलिए सरकार ने 5,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि देने का आदेश दिया है.’’
सुधाकर ने कहा, ‘कृपया इसे अन्यथा ना लें… हमने दानदाता को 5,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि देने का फैसला लिया है.’ उन्होंने कहा, ‘‘कृपया स्वेच्छा से आगे बढ़कर प्लाज्मा दान करके मरीजों को स्वस्थ होने में मदद करें.’ यह पूछने पर कि क्या कर्नाटक में प्लाज्मा थेरेपी की गई है, सुधाकर ने बताया कि पांच मरीजों का इस पद्धति से इलाज किया गया उनमें से तीन स्वस्थ हो गए जबकि दो अन्य की मौत हो गई.
सुधाकर ने कहा, ‘‘हमारे पास सूचना है कि प्लाज्मा थेरेपी कोविड के मरीजों पर काफी हद तक कारगर है. इसलिए सरकार ने 5,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि देने का आदेश दिया है.’’
अस्पतालों के लिए बिस्तरों के आवंटन का बोर्ड लगाना किया अनिवार्य
वहीं, कर्नाटक में कोविड—19 के मरीजों को बिस्तर मिलने में हो रही दिक्कत के बीच प्रदेश सरकार ने एक अधिकसूचना जारी कर सूबे के निजी अस्पतालों के लिये बिस्तर आवंटन डिस्प्ले बोर्ड लगाना अनिवार्य कर दिया है. मुख्य सचिव टी एम वियज भास्कर की हस्ताक्षरित अधिसूचना में कहा गया है, ‘कर्नाटक राज्य में केपीएमई (कर्नाटक निजी चिकित्सा प्रतिष्ठान अधिनियम) के तहत पंजीकृत सभी अस्पतालों को रिसेप्शन पर बिस्तर आवंटन डिस्प्ले बोर्ड लगाना चाहिए.’ इसमें कहा गया है कि डिस्प्ले में विस्तारित जानकारी प्रदर्शित की जानी चाहिये . इसमें अस्पताल का नाम, बिस्तरों की कुल संख्या तथा कोविड मरीजों को आवंटित की गयी बिस्तरों की संख्या के अलावा अन्य जानकारी प्रदर्शित की जानी चाहिए.
अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि डिस्प्ले बोर्ड का इंतजाम 16 जुलाई तक कर लिया जाना चाहिये और इस आदेश का अनुपालन नहीं किये जाने की स्थिति में आपदा प्रबंधन अधिनियम तथा भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत सजा होगी. इससे पहले राज्य सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया था कि निजी अस्पतालों को अपने बिस्तरों की क्षमता का आधा कोविड-19 के मरीजों के लिये आरक्षित करना होगा.