ओडिशा में जल जीवन मिशन की सुस्त प्रगति को देखते हुए केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा ..

केन्द्र सरकार ने 2020-21 में जेजेएम के लिए 812 करोड़ रुपये के आवंटन को दी स्वीकृति

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केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ओडिशा के मुख्यमंत्री को लिखे एक पत्र में जल जीवन मिशन (जेजेएम) के महत्व पर जोर दिया, साथ ही राज्य में कार्यक्रम के कार्यान्वयन में तेजी लाने का अनुरोध किया। उनके पत्र में जेजेएम के क्रियान्वयन में राज्य सरकार को हर तरह का सहयोग देने की केन्द्र सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया गया, जिसका उद्देश्य 2024 तक कार्यशील घरेलू नल कनेक्शन (एफएचटीसी) के माध्यम से हर ग्रामीण घर को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराकर ग्रामीण आबादी के जीवन में सुधार लाना है।

केन्द्रीय मंत्री ने अपने पत्र में लक्षित खामियों और राज्य द्वारा कोष के अपर्याप्त उपयोग का उल्लेख किया। वित्त वर्ष 2019-20 में राज्य में 15.61 लाख के लक्ष्य के विपरीत सिर्फ 4.37 लाख (27.97 प्रतिशत) घरों में में ही नल कनेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं। इस सुस्त प्रगति के कारण कोष का उपयोग कम हुआ। ओडिशा को 2019-20 में 364.74 करोड़ रुपये के कोष का आवंटन किया गया था, जिसमें राज्य ने सिर्फ 275.02 करोड़ रुपये का उपयोग किया। चूंकि राज्य कोष का पूर्ण उपयोग करने में नाकाम रहा, इसलिए केन्द्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री से जल आपूर्ति योजनाओं के लिए योजना और कार्यान्वयन रणनीति की समीक्षा करने का अनुरोध किया, जिससे भौतिक प्रगति में तेजी लाई जा सके और कोष के उपयोग में सुधार लाया जा सके। इस मिशन के लिए,  राज्यों को उपलब्ध कराए गए एफएचटीसी के मामले में प्रदर्शन के आधार पर कोष उपलब्ध कराया जाता है और केन्द्र व राज्य की समान हिस्सेदारी में इसे उपयोग किया जाता है।

श्री शेखावत ने अपने पत्र में राष्ट्रीय प्राथमिकता के रूप में हर घर को नल से पानी उपलब्ध कराने पर जोर दिया और साथ ही इस मिशन को निर्बाध रूप से आगे बढ़ाने के लिए 2020-21 में ओडिशा को कोष का आवंटन 364.74 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 812.15 करोड़ रुपये कर दिया गया। अव्ययित 90 करोड़ रुपये की धनराशि के साथ ही इस साल केन्द्र से आवंटित 812 करोड़ रुपये और राज्य की समान हिस्सेदारी के साथ, ओडिशा के पास 2020-21 में जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन के लिए कुल 1,805 करोड़ रुपये होंगे। केन्द्रीय मंत्री ने उम्मीद जाहिर की कि राज्य सरकार इस कार्यक्रम के लिए कार्यान्वयन विभाग को समयबद्ध तरीके से केन्द्रीय कोष के समान धनराशि उपलब्ध कराएगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में 100 प्रतिशत नल कनेक्शन के लक्ष्य को हासिल करने में सहायता मिलेगी।

इसके अलावा उन्होंने 21,516 गांवों में पहले से मौजूद जल आपूर्ति प्रणाली में जरूरी सुधार और मजबूत बनाने पर जोर के साथ समयबद्ध डिलिवरी के लिए मजबूत योजना बनाने का अनुरोध किया, जिससे इन गांवों में रहने वाले गरीब और वंचित तबके के लोगों को तत्काल नल कनेक्शन उपलब्ध कराया जा सके। राज्य सरकार से लक्ष्य को हासिल करने के लिए इन गांवों में इस कार्य को ‘अभियान के रूप में’ लेने का सुझाव दिया गया। योजना बनाने के दौरान जल की कमी वाले, जल की खराब गुणवत्ता वाले क्षेत्रों, आकांक्षी जिलों, एससी/एसटी बहुल गांवों/बस्तियों, संसद आदर्श ग्राम योजना के तहत आने वाले गांवों और पीवीटीजी बस्तियों में स्थित गांवों को प्राथमिकता दी गई है।

साथ ही इस बात पर भी जोर दिया गया कि गांवों में पेयजल सुरक्षा हासिल करने को दीर्घकालिक स्थायित्व सुनिश्चित करने के लिए जल आपूर्ति प्रणालियों से संबंधित योजना बनाने, कार्यान्वयन, प्रबंधन, परिचालन और रख-रखाव से स्थानीय ग्रामीण समुदाय/ग्राम पंचायत और/या उपयोगकर्ता समूहों को जोड़े जाने की जरूरत है। सभी गांवों में जल जीवन मिशन को वास्तव में एक जनांदोलन बनाने के लिए आईईसी अभियान के साथ सामुदायिक एकजुटता की जरूरत है।

केन्द्रीय मंत्री ने पेयजल आपूर्ति प्रणालियों के दीर्घकालिक स्थायित्व के लिए वर्तमान पेय जल स्रोतों को मजबूत बनाए जाने का आह्वान किया। राज्य को ग्राम स्तर पर मनरेगा, जेजेएम, एसबीएम (जी), पीआरआई को 15वें एफसी अनुदान, जिला खनिज विकास कोष, सीएएमपीए, सीएसआर कोष, स्थानीय क्षेत्र विकास कोष आदि विभिन्न कार्यक्रमों को मिलाकर वर्तमान संसाधनों का उपयोग किया जाना चाहिए और इन सभी संसाधनों को मिलाकर ही प्रत्येक गांव के लिए ग्राम कार्य योजना (वीएपी) तैयार की जानी चाहिए।

2020-21 में ओडिशा को पीआरआई के लिए 15वें वित्त आयोग अनुदान के रूप में 2,258 करोड़ रुपये का आंटन किया गया है और इसमें से 50 प्रतिशत धनराशि अनिवार्य रूप से जल आपूर्ति एवं स्वच्छता पर उपयोग करना जरूरी है। इस धनराशि को गांवों में जल आपूर्ति, जल वर्षा संरक्षण और जल पुनर्चक्रीकरण के साथ ही ओडीएफ कार्यों पर व्यय किया जाना है।

मौजूदा कोविड-19 महामारी की स्थिति को ध्यान में रखते हुए केन्द्रीय मंत्री ने सही समय पर यह पत्र लिखा है। यह जनता को सामाजिक दूरी के पालन में सहायता करने के साथ ही व्यवहारगत बदलावों पर अमल करने के साथ ही जल आपूर्ति कार्यों को गति देने का समय है। यह महत्वपूर्ण है कि लोग सार्वजनिक स्टैंड पोस्ट/सार्वजनिक जल स्रोतों पर भीड़-भाड़ नहीं लगाएं। इसलिए, घरेलू नल कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए गांवों में जल आपूर्ति कार्यों को बढ़ाने देने की जरूरत है, जिससे स्थानीय लोगों और प्रवासियों को रोजगार हासिल करने में सहायता मिलेगी तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलेगा।

जल शक्ति मंत्री ने ओडिशा के मुख्यमंत्री को 2024 तक राज्य को ‘100 प्रतिशत एफएचटीसी राज्य’ बनाने में निरंतर सहयोग देने का भरोसा दिलाया और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जल्द ही मुख्यमंत्री के साथ जेजेएम की योजना तथा कार्यान्वयन पर विचार-विमर्श की इच्छा जाहिर की।