कलेक्टर ने ट्रेनिंग इन्स्टीट्यूट, कोचिंग सेन्टर तथा लाइब्रेरी संचालित करने के लिए दिए आवश्यक दिशा-निर्देश…..

राजनांदगांव 10 फरवरी 2021 – कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री टोपेश्वर वर्मा ने वर्तमान में जिले में कोविड-19 से पॉजिटिव मरीजों की संख्या में कमी को देखते हुए तथा भारत सरकार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा जारी निर्देश (एसओपी) के अनुक्रम जिले में स्थित ट्रेनिंग इन्स्टीट्यूट, कोचिंग सेन्टर तथा लाइब्रेरी को संचालित करने के लिए आवश्यक आदेश दिए हैं।
आदेश में कहा गया है कि यथासंभव ऑनलाइन क्लास/डिस्टेंस लर्निंग को प्राथमिकता दिया जाए। संस्थान में बैठक क्षमता का एक समय में केवल 50 प्रतिशत व्यक्तियों के सम्मिलित होने की अनुमति होगी। संस्था में प्रवेश द्वार एवं निकासी द्वारा पृथक-पृथक हो यह सुनिश्चित किया जाए तथा प्रवेश एवं निकासी द्वार टच फ्री मोड में हो। श्वसन शिष्टाचार का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाये। संस्थान में उपस्थित व्यक्ति खासते या छींकते समय टिशु पेपर/रूमाल/मुड़ी हुई कोहनी का अनिवार्यत: उपयोग करेंगे। संस्थान के संचालक /प्राचार्य यह सुनिश्चित करेंगे कि उपयोग में लाये सामग्री का ठीक से निपटारा किया जाये। संस्थान में रखे पीने का पानी स्थल/ हाथ धोने का स्थल, वॉशरूम, कुर्सी, टेबल, कम्प्यूटर, लैपटॉप, प्रिंटर, पाठ्य सामग्री, लॉकर, क्लास रूम एवं ऐसी सतह जो टच फ्री मोड में न हो को समय-समय पर 1 प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोराइड अथवा 70 प्रतिशत एल्कोहल बेस्ड सेनेटाईजर से साफ करना होगा। लैपटाप, नोटबुक, पाठ्य सामग्रियों का आदान प्रदान करने की अनुमति नहीं होगी।

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संस्थान में संचालित कैंटीन यथासंभव बंद रखा जाए। संस्थान में सीसीटीवी कैमरे लगाया जाएं, ताकि कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित होने पर कान्टेक्ट ट्रेसिंग किया जा सके। संस्था में उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति को सोशल/फिजिकल, डिस्टेंसिंग, मास्क लगाना एवं समय-समय पर सेनेटाईजर का अनिवार्य रूप से उपयोग किया जाये। संस्थान में बैठक व्यवस्था के लिए कुर्सी के मध्य कम से कम 6 फीट की दूरी रखना अनिवार्य होगा। संस्थान में बाहरी व्यक्तियों को प्रवेश पूर्णत: प्रतिबंधित होगा। संस्थान में सेनेटाइजर थर्मल स्क्रिनिंग, आक्सीमीटर, हेंडवाश एवं क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था की जायेगी। थर्मल स्क्रिनिंग में बुखार पाये जाने अथवा कोरोना से संबंधित कोई भी सामान्य या विशेष लक्षण पाये जाने पर संस्था में प्रवेश नहीं देने की जिम्मेदारी संस्थान के संचालक/प्राचार्य की होगी। संस्थान की बैठक क्षमता, यदि कम हो तो विद्यार्थियों /प्रशिक्षणार्थियों को अलग-अलग समय में बुलाया जाए।

संस्थान में यदि एयर कंडीशनर का उपयोग किया जाता है, तो उसकी रेंज 24 डिग्री सेल्शियस से 30 डिग्री सेल्सियस रखना होगा। उपस्थिति के लिए बायोमैट्रिक सिस्टम का उपयोग न करते हुए कांटेक्टलेस उपस्थिति की व्यवस्था करना अनिवार्य होगा। संस्थान में उपस्थित किसी भी व्यक्ति/विद्यार्थी को यदि किसी प्रकार का कोरोना से संभावित लक्षण लगता है, तो उसको तत्काल अन्य व्यक्तियों से अलग (आइसोलेटेड) करना होगा एवं इसकी जिम्मेदारी संस्थान प्रमुख की होगी। संस्थान में कोविड-19 से बचाव के लिए उपाय के लिए बैनर, पोस्टर लगाना अनिवार्य होगा। संस्थान में पान, गुटखा, तम्बाबू इत्यादि उपयोग कर सार्वजनिक स्थान पर थूकना प्रतिबंधित होगा। संस्थान में एक रजिस्टर संधारित किया जायेगा ताकि उनमें से कोई भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित पर कान्टेक्ट ट्रेसिंग किया जा सके। कंटेनमेंट जोन में संस्थान के संचालन की अनुमति नहीं होगी। यदि उक्त क्षेत्र कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित हो जाता है, तो तत्काल संस्थान बंद करना होगा एवं कंटेनमेंट जोन के समस्त निर्देशों का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा।


आवश्यक सभी शर्तों के अतिरिक्त कोविड-19 के संबंध में भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा छत्तीसगढ़ शासन, सामान्य प्रशासन विभाग व स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किए गये आदेशों का पालन अनिवार्य रूप से किया जाना आवश्यक होगा। किसी भी शर्तों का उल्लंघन अथवा किसी प्रकार की अव्यवस्था होने पर इसकी समस्त जिम्मेदारी संस्थान के संचालक / प्राचार्य की होगी तथा उसके विरूद्ध वैधानिक कार्रवाई की जायेगी। आदेश तत्काल प्रभावशील है तथा आदेश के उल्लंघन करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 सह पठित एपीडेमिक डिसीज एक्ट 1987 यथा संशोधित 2020 एवं भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धाराओं के अंतर्गत विधि अनुकूल कार्रवाई की जायेगी।